दिल्ली-नोएडा के सभी सीमाओं पर हजारों जवान तैनात, बैरिकेड तोड़ आगे बढ़े किसान

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संदिप कुमार गर्ग


नोए़़डा। संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में हजारों किसान नोएडा से दिल्ली की ओर कूच कर रहे थे इन किसानों का यह मार्च संसद भवन की ओर है, जिसमें वह नए कृषि कानूनों के तहत अपने अधिकारों और लाभों के लिए पांच प्रमुख मांग रहे है। प्रदर्शनकारी किसान नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल से आगे बढ़ने के लिए बैरिकेडिंग को तोड़ते हुए आगे बढ़ चुके हैं।

बता दे कि पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों के साथ लंबी बातचीत के बाद किसानों ने तय किया है कि वो फिलहाल प्रेरणा स्थल के अंदर अपना प्रदर्शन जारी रखा जाएगा।किसानों के इस कदम के बाद दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर लगाए गए बैरिकेड्स हटाया गया। भारतीय किसान यूनियन के नेता चौधरी बी. सी. प्रधान का बड़ा बयान आया है. उनका कहना है कि प्रशासन से बातचीत के बाद फैसला लिया गया है कि वो लोग प्रेरणा स्थल के अंदर अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे, जब तक कि उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं। अगर मांगें जल्दी पूरी नहीं की जाएंगी तो एक बार फिर दिल्ली कूच करेंगे। इस बार आर-पार की लड़ाई है।

बता दें कि, दिल्ली में शीतकालीन सत्र चल रहा है, और इस दौरान पुलिस के सामने किसानों को रोकना एक चुनौती बन गया है। प्रदर्शन के चलते, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया है। बैरिकेड लगाने और रूट डायवर्ट करने के अलावा, चार हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात की गई थी। यह सुरक्षा व्यवस्था तीन लेयर में स्थापित की गई थी ताकि प्रदर्शन को नियंत्रित किया जा सके।

ये है किसानों की मांगें

  • किसानों की प्रमुख मांगों में 10% प्लॉट, 64.7 प्रतिशत बढ़ा हुआ मुआवजा।
  • नई भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार बाजार दर का चार गुना मुआवजा, 20% प्लॉट का आवंटन।
  • भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार तथा पुनर्वास के सभी लाभ दिए जाने शामिल हैं।
  • किसान आबादियों के निस्तारण की भी मांग कर रहे हैं।

किसान नेता रूपेश वर्मा ने स्पष्ट किया कि उनकी मांगों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा है कि सरकार द्वारा गठित हाई पावर कमेटी से किसान संतुष्ट नहीं हैं और हम चाहते हैं कि उनके द्वारा दिए गए सुझावों पर तुरंत कार्रवाई की जाए। स्थिरता की मांग करते हुए, उन्होंने बताया कि वॉर्ता के प्रयासों में कोई सफलता नहीं मिली। किसान संगठनों के नेताओं की जिलाधिकारी और पुलिस कमिश्नर के साथ बातचीत विफल रही है, जिसके कारण किसानों ने घोषणा की है कि जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक उनका आंदोलन जारी रखेगे।

किसान आंदोलन की शुरुआत में, मार्च में शामिल किसान थोड़ी देर के लिए दलित प्रेरणा स्थल के सामने बैठे, लेकिन जल्द ही उन्होंने आगे बढ़ने का निर्णय लिया। इस दौरान, महामाया फ्लाईओवर पर किसानों का एक बड़ा जत्था इकट्ठा हुआ, जिससे भीषण ट्रैफिक जाम हो गई।

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