ऋषि तिवारी
नई दिल्ली। भाजपा विधायक रेखा गुप्ता शालीमार बाग से दिल्ली की 9वीं मुख्यमंत्री बनी है और उन्होंने रामलीला मैदान में सीएम पद की शपथ ली। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी, अमित शाह के अलावा बीजेपी शासित राज्यों के सीएम, डिप्टी सीएम भी मौजूद रहे है। शपथ से पहले रेखा गुप्ता ने गुरुवार सुबह मीडिया से बातचीत में कहा है कि यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। मुझ पर भरोसा जताने के लिए मैं पीएम मोदी और पार्टी हाईकमान का शुक्रिया अदा करती हूं। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं दिल्ली की सीएम बनूंगी।
जाने रेखा गुप्ता का बायोडाटा
बता दे कि रेखा गुप्ता दिल्ली की शालीमार बाग विधानसभा सीट से विधायक हैं और वो दिल्ली भाजपा की महासचिव और भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं। 50 साल की रेखा गुप्ता दक्षिण दिल्ली नगर निगम की मेयर भी रही है। रेखा गुप्ता की पढ़ाई एलएलबी की पढ़ाई की है और जन्म हरियाणा के जींद जिले के जुलाना उपमंडल के नंदगढ़ गांव 1974 में हुआ था।
बता दे कि रेखा गुप्ता जब दो साल की थीं तब उनका परिवार दिल्ली शिफ्ट हो गया था रेखा गुप्ता के पिता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में मैनेजर थे। 1976 में पूरा परिवार दिल्ली शिफ्ट हो गया। रेखा गुप्ता की पूरी पढ़ाई लिखाई दिल्ली में हुई। इसी दौरान वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ी और राजनीति में सक्रिय हुई। रेखा गुप्ता दिल्ली विश्वविद्यालय की सचिव और प्रधान भी रह चुकी हैं।
रेखा गुप्ता पहली बार विधायक बनी हैं। रेखा गुप्ता ने शालीमार बाग विधानसभा सीट पर आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार वंदना कुमारी को हराकर चुनाव जीता है। रेखा गुप्ता को कुल 68200 वोट मिले थे। जबकि आप की वंदना कुमारी 38605 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रही थी। यहां से कांग्रेस के प्रवीण कुमार जैन 4892 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर थे।
जाने कौन-कौन बने मंत्री
- प्रवेश वर्मा : नई दिल्ली से विधायक हैं प्रवेश वर्मा और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं। वह पश्चिमी दिल्ली से दो बार सांसद रह चुके हैं और जाट समुदाय में उनकी मजबूत पकड़ है। अरविंद केजरीवाल को हराकर विधानसभा पहुंचे प्रवेश बीजेपी के फायरब्रांड नेता के रूप में जाने जाते हैं। उनके मंत्रिमंडल में शामिल होने से पार्टी को ग्रामीण और जाट वोटबैंक में मजबूती मिलने की उम्मीद है।
- आशीष सूद : जनकपुरी से पहली बार विधायक बने आशीष सूद पंजाबी समुदाय के बड़े चेहरे हैं। वह जम्मू-कश्मीर के सह प्रभारी भी हैं और उनकी छवि एक ईमानदार और कर्मठ नेता की है। आशीष का बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व से अच्छा तालमेल है और वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के भी करीबी माने जाते हैं। उनके मंत्री बनने से पंजाबी समुदाय में पार्टी की पकड़ मजबूत होगी।
- सरदार मनजिंदर सिंह सिरसा : मनजिंदर सिंह सिरसा राजौरी गार्डन से तीसरी बार विधायक बने हैं। 2021 में उन्होंने शिरोमणि अकाली दल छोड़कर बीजेपी का दामन थामा था। दिल्ली में सिख समुदाय का प्रमुख चेहरा माने जाने वाले सिरसा के मंत्रिमंडल में शामिल होने से पार्टी को सिख वोटों में फायदा मिल सकता है।
- रवींद्र इंद्राज सिंह : बवाना सुरक्षित सीट से पहली बार विधायक बने रवींद्र इंद्राज दलित समुदाय के युवा नेता हैं। वह बीजेपी के एससी मोर्चा के कार्यकारी सदस्य भी हैं। उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) के जय उपकार को 31,475 वोटों से हराया था। उनके शामिल होने से दलित समुदाय में बीजेपी की पकड़ और मजबूत होगी।
- कपिल मिश्रा : करावल नगर से दूसरी बार विधायक बने कपिल मिश्रा हिंदू और पूर्वांचली समुदाय के प्रभावशाली नेता हैं। वह पहले आप पार्टी में थे लेकिन बाद में बीजेपी में शामिल हो गए। उनके मंत्री बनने से पूर्वांचल और हिंदू वोटरों को साधने में पार्टी को मदद मिलेगी।
- डॉ. पंकज कुमार सिंह : विकासपुरी से विधायक डॉ. पंकज कुमार सिंह पेशे से दंत चिकित्सक हैं और बिहार के बक्सर से ताल्लुक रखते हैं। उनकी पूर्वांचली पृष्ठभूमि और दिल्ली में स्वास्थ्य क्षेत्र में अनुभव को देखते हुए उन्हें मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। उनके पिता राज मोहन सिंह दिल्ली में आयुक्त के पद पर रह चुके हैं और उनके बड़े भाई सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं।
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