संध्या समय न्यूज संवाददाता
जयपुर। पेपर लीक प्रकरण मामले के बाद राजस्थान के बहुचर्चित एकल पट्टा मामले में भी अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एंट्री हो गई है। सूत्रों के मुताबिक ईडी ने इस मामले में सेवानिवृत आईएएस और वर्तमान में यूडीएच डिपार्टमेंट के सलाहकार जीएस संधु और जेडीए के तत्कालीन अधिकारी रहे ओंकारमल सैनी और निष्काम दिवाकर को ईडी ने नोटिस भेजा है। हालांकि इस बात की पुष्टि ईडी के अधिकारियों ने नहीं की है ,लेकिन इस मामले से जुड़े कई खुलासे करने वाले आरटीआई कार्यकर्ता अशोक पाठक ईडी को पत्र लिखकर जांच की मांग की थी। पाठक ने अपनी शिकायत में बताया कि एकल पट्टा जारी करने में करोड़ों रुपयों का लेन देन हुआ था।
एकल पट्टा प्रकरण की सीबीआई जांच कराने की मांंग वाली याचिका राजस्थान हाईकोर्ट में लम्बित हैं। इस मामले में सबसे पहले एफआईआर दर्ज कराने वाले परिवादी रामशरण सिंह का निधन हो चुका है। यह मामला कई सालों से न्यायालय में लंबित है। परिवादी स्वर्गीय रामशरण सिंह के बेटे सुरेन्द्र सिंह ने हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश कर आग्रह किया कि वे सीबीआई जांच की मांग नहीं करना चाहता है। उधर आरटीआई कार्यकर्ता अशोक पाठक का कहना है कि एसीबी ने भ्रष्टाचार से जुड़े इस मामले की सही जांच नहीं की। ऐसे में ईडी को जांच करनी चाहिए।
बताया जाता है कि यह प्रकरण 2014 का है,उच्च अधिकारियों ने जानबूझकर नियम विरुद्ध एकल पट्टा जारी कर दिया है। गणपति कंस्ट्रकेशन कंपनी को पट्टा जारी करने में तत्कालीन यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल, यूडीएच के सचिव आईएएस जीएस संधु सहित पट्टा जारी करने वाले जेडीए के अधिकारियों औंकारमल सैनी, निष्काम दिवाकर और गृह निर्माण सहकारी समिति के पदाधिकारियों को आरोपी बनाया था। लम्बे समय तक चली जांच के बाद एसीबी ने जीएस संधु, औंकारमल सैनी, निष्काम दिवाकर सहित कई आरोपियों को गिरफ्तार किया। आईएएस जीएस संधु इस मामले में करीब 5 महीने तक जेल में रहे थे।
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