ऋषि तिवारी
नई दिल्ली। ‘वीट’ और मोच के लिए पेन रिलीफ क्रीम ‘मूव’ का इस्तेमाल कर रहे हैं और कोई असर नहीं पा रहे थे तो समझ लीजिए कि यह नकली हैं। शालीमार बाग इलाके में इस नकली मूव और नकली वीट क्रीम की फैक्ट्री पकड़ी गई। जहां पर यह क्रीम ऐसे केमिकल से तैयार हो रही थीं, जिसकी स्मैल, पैकिंग पूरी तरह असली से मैच कर रही थी और वह भी नकली। इस संबंध में ‘चेक आईपी सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड’ की सूचना पर नॉर्थ वेस्ट जिले की डीआईयू यूनिट ने शालीमार बाग इलाके में दो अलग-अलग लोकेशन पर रेड कर बड़ी संख्या में नकली मूव और वीट क्रीम के लिए बनाए जा रहे पेस्ट, पैकिंग को बरामद किया।
सर्च ऑपरेशन के दौरान वीट प्योर हेयर रिमूवल क्रीम का स्टॉक मिला
बता दे कि सर्च ऑपरेशन के दौरान वीट प्योर हेयर रिमूवल क्रीम का स्टॉक मिला। इसके अलावा काफी तादाद में रॉ मैटेरियल, मशीनें, डाई, सील करने वाली मशीन और खाली ट्यूब भी रिकवर हुईं। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। फैक्ट्री में काम कर रहे वर्कर हिरासत में लिए हैं। पुलिस ने कॉपीराइट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। सूत्रों ने बताया कि पिछले काफी दिनों से ग्राहकों की ई-मेल आ रही थीं कि, मूव और वीट क्रीम काफी देरी से काम कर रही हैं।
ऐसे यूज कर देखे
मूव क्रीम को अपनी स्किन पर लगाने से पहले एक छोटा सा हिस्सा अपने हाथ पर लगाकर देखें। असली मूव क्रीम जल्दी से त्वचा में समा जाती है और कोई जलन या रिएक्शन नहीं होता। नकली क्रीम स्किन पर देर तक बनी रह सकती है और जलन पैदा कर सकती है। इसके अलावा मार्केट में जो डुप्लीकेट वीट या मूव क्रीम बिक रही हैं, वो ओरिजिनल प्राइम से 5 से 10 रुपये सस्ती हो सकती हैं। असली के मुकाबले नकली पैकेजिंग रफ टाइप होगी। असली पर बार कोड होगा, जबकि नकली पर नहीं होगा, अगर होगा तो उसे स्कैन करने पर प्रोडक्ट की डिटेल नहीं आएगी। नकली प्रोडक्ट पर पैकेजिंग डेट, टाइम और एक्सपायरी की जानकारी मिस प्रिंट हो सकती है। पैकेजिंग में खामियां, जैसे गलत लेबलिंग, धुंधले प्रिंट या गलत फॉन्ट का इस्तेमाल हो सकता है। असली मूव क्रीम का रंग सफेद या हल्का पीला होता है, जबकि नकली क्रीम में रंग का अंतर हो सकता है। यह अधिक गाढ़ी या पतली हो सकती है।
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