अभिजीत पाण्डेय
पटना। लोकसभा चुनाव खत्म ही बिहार में जेडीयू ने अगले विधानसभा चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं। पार्टी ने जनता की नब्ज टटोलने के लिए नई रणनीति अपनाने का फैसला किया है। इसके लिए नीतीश सरकार के 11 मंत्रियों को नई जिम्मेदारी भी सौंपी गई है।
बिहार में एनडीए में शामिल पार्टियों ने अपने-अपने कोटे के मंत्रियों को साफ-साफ निर्देश दे दिया है कि वे जनता के बीच रहें। सप्ताह में पांच दिन अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं से मिले और उनकी बातों को सुनें और समस्याएं सुलझाएं। जानता से भी मिल उनकी समस्याओं को सुनकर उसका जल्द से जल्द निपटारा करें।
जेडीयू पार्टी की ओर से भी ऐसा ही एक आदेश निकाला है जिसमें उन्होंने जेडीयू कोटा के मंत्रियों को निर्देश देते हुए कहा कि मंत्रीगण पार्टी के प्रदेश कार्यालय वीरचंद पटेल पथ, पटना में पार्टी कार्यकर्ताओं एव अन्य लोगों से मिलने के लिए 1 जुलाई से समय निकालें. प्रत्येक सप्ताह के चार दिन अपनी उपस्थिति दें।
पत्र के अनुसार मंगलवार को विजय चौधरी, जल संसाधन मंत्री, लेसी सिंह , खाद्य एव उपभोक्ता मंत्री
व जमा खान, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री , बुधवार को श्रवण कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री ,सुनील कुमार , शिक्षा मंत्री , जयंत राज , भवन निर्माण मंत्री , गुरुवार को विजेंद्र यादव , ऊर्जा मंत्री , शीला मंडल – परिवहन मंत्री व रत्नेश सदा – मद्ध निषेध मंत्री , शुक्रवार को अशोक चौधरी , ग्रामीण कार्य मंत्री , मदन सहनी, समाज कल्याण मंत्री सुमित कुमार सिंह, विज्ञान , प्रावैधिकी मंत्री
प्रदेश पार्टी कार्यालय मे जनता दरबार लगायेगे ।
जेडीयू की कोशिश है कि जनता दरबार लगाकर ना सिर्फ प्रदेश के अलग-अलग इलाकों से आए कार्यकर्ताओं और नेताओं से जमीनी हकीकत जान ली जाए। साथ ही विधानसभा चुनाव के पहले जो कमजोरी है, उसे कैसे समय रहते दूर किया जाए।
दूसरी तरफ पार्टी को बिहार के लोगों की समस्या सुनकर उसे दूर करने का प्रयास का मौका मिलेगा। साथ में इसकी जानकारी भी मिलेगी कि सरकार कि विकास कार्य जमीन पर कितने नजर आ रहे हैं। अगर नहीं तो कमियां क्या-क्या हैं ताकि विधानसभा चुनाव के पहले उसे दूरकर इसका फ़ायदा चुनाव में उठाया जा सके।