फर्जी सर्टिफिकेट तैयार करने वाले जालसाज गैंग का पर्दाफाश, गिरफ्तार

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संदिप कुमार गर्ग


नोएडा। थाना सैक्टर 63 नोएडा में पुलिस द्वारा, NYKAA, EBAY, MYNTRA, ETSY आदि नामी ई-कॉमर्स कम्पनियों के नाम पर फर्जी सर्टिफिकेट तैयार कर विक्रताओं के साथ जालसाजी कर पैसा ठगने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है। उन्हे इनके प्लेटफार्म पर अपना सामान बेचने वाले विक्रताओं को भेजकर उन्हे झांसे में लेकर उनसे पैसे ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाष करते हुए कुल 21 अभियुक्तगण (16 पुरूष एवं 05 महिला) गिरफ्तार, कब्जे से 12 डैस्कटाप कम्प्यूटर, 12 लैपटॉप (जिनमे 04 डेल कम्पनी एवं 08 लिनोवा कम्पनी), 12 की बोर्ड 12 माउस 04 सीपीयू 02 छोटे सीपीयू 02 टैब 28 अदद मोबाइल (भिन्न-भिन्न कम्पनी) बरामद।

बता दे कि थाना सैक्टर 63, नोएडा की साइबर हेल्प डेस्क पर पिछले कुछ समय से सूचना प्राप्त हो रही थी कि थाना क्षेत्रान्तर्गत डी ब्लॉक में इन्फोबीम सोल्यूसेन्स नाम की एक कम्पनी नामी ई-कॉमर्स कम्पनियां जैसे-NYKAA, EBAY, MYNTRA, ETSY आदि के नाम से जाली सर्टिफिकेट बनाकर विक्रेताओं के साथ धोखाधडी कर रही है। इस सूचना पर इन्फोबीम सोल्यूसेन्स कम्पनी द्वारा विक्रेताओं को भेजे जा रहे सर्टिफिकेट की प्रमाणिकता के सम्बन्ध में सम्बन्धित ई-कॉमर्स कम्पनियों को ई-मेल भेजकर सर्टिफिकेट की प्रमाणिकता के सम्बन्ध में जानकारी मांगी गयी तो सम्बन्धित ई-कॉमर्स कम्पनियों द्वारा इस प्रकार का कोई भी सर्टिफिकेट जारी करने से इंकार किया गया तथा इस कम्पनी को अपना अधिकृत पार्टनर होने से भी इंकार करते हुए बताया कि इस प्रकार की कम्पनियां विक्रताओं से पैसे लेकर हमारी कम्पनी का नाम खराब कर रही है। इसी दौरान उपरोक्त इन्फोबीम सोल्यूसेन्स कम्पनी द्वारा ठगी के शिकार विक्रताओ श्रुति चौधरी, रश्मि गर्ग, अनुज तिवारी, यशा तैमूरी आदि द्वारा अपने साथ उक्त कम्पनी द्वारा की गयी धोखाधडी के सम्बन्ध में थाना सैक्टर 63, नोएडा की साइबर हेल्प डेस्क पर शिकायत की गयी तथा बताया गया कि ऐसे बहुत से पीड़ित है जिनसे उक्त कम्पनी द्वारा इस प्रकार की ठगी की गयी है।

बता दे कि थाना सैक्टर 63, नोएडा पुलिस द्वारा उक्त सम्बन्ध में साइबर हेल्प डेस्क पर प्राप्त शिकायतों के आधार पर जांच के क्रम में लोकल इंटेलीजेंस के आधार पर कार्यवाही करते हुए इन्फोबीम सोल्यूसेन्स कम्पनी के पते पर जाकर चेक किया गया तो वहां NYKAA, EBAY, MYNTRA, ETSY आदि ई-कॉमर्स कम्पनियों के फर्जी सर्टिफिकेट फ्रेम कराकर दीवारों पर लगाये गये थे, जिससे कम्पनी में आने वाले किसी भी व्यक्ति को यह यकीन हो सके कि यह कम्पनी उपरोक्त ई-कॉमर्स कम्पनियों द्वारा उनके प्लेटफार्म पर वस्तुओ की बिक्री के लिए अधिकृत की गयी है एवं कम्पनी में प्रयोग हो रहे कम्प्यूटर और लेपटॉप से विभिन्न विक्रेताओं को इन्ही जाली सर्टिफिकेट की प्रति व्हाटसएप व अन्य सोषल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए प्रसारित की जा रही थी।

अभियुक्तगण द्वारा विक्रेताओं को बताया जाता था कि यदि आपको उपरोक्त ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर अपना सामान बेचना है तो आपको हमे फीस के रुप मे पैसे अदा करने होगे, जिसके बाद हम आपका सामान ई-कॉमर्स वेबसाइट पर ब्रिकी हेतु प्रासारित करा देंगे। विक्रेता इन लोगो के ऊपर विश्वास कर लेते थे तथा यह लोग उनके विश्वास का फायदा उठाकर प्रलोभन देकर ई-कॉमर्स मे सामान प्रसारित करने के एवज मे उनसे पैसे ठगते थे। जब विक्रेता इन लोगो के झांसे मे आकर पैसे इनके खाते मे भेज देते थे तो ये लोग ना तो उनका सामान ई-कॉमर्स पर प्रसारित करते थे और ना ही उनके पैसे वापस करते थे। यह सभी लोगो इसी प्रकार अन्य लोगो से चैट करके कम्पनी के खातो मे सर्विस देने के नाम पर पैसा हडपते थे और कोई अपना पैसा वापस मांगने के लिये इन पर दबाव ना डाले इसलिए यह लोग अधिकांश रूप से गैर राज्य के लोगो को अपना शिकार बनाते थे ताकि वो यहां आकर कोई शिकायत ना कर सके। ये सभी फर्जी सर्टिफिकेट एवं अन्य डाटा कम्पनी के डायरेक्टर जोगेन्द्र, गुंजन कात्याल व आकाश शर्मा द्वारा तैयार कर अपने कर्मचारियों को दिया जाता था उसके बाद इनके कर्मचारी कॉल करके तथा तैयार किये गये फर्जी सर्टिफिकेट व्हाटसएप पर भेजकर विक्रेताओं को प्रलोभित करके विश्वास मे लेकर उनसे पैसे ठगते थे और इनके द्वारा इस प्रकार जो पैसा ठगा जाता है उसका कुछ हिस्सा डायरेक्टर जोगेन्द्र, गुंजन कात्याल व आकाश शर्मा द्वारा अपने कर्मचारियों को कैस मे बांट दिया जाता था तथा शेष हिस्से को यह तीनो आपस में बराबर बांट लेते थे।

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