सक्रिय मानसून से उत्तर बिहार के अधिकतर जिलों में अच्छी वर्षा होने की सम्भावना

304 Views

संध्या समय संवाददाता


वर्षा जल का उपयोग कर धान की रोपनी के कार्य में प्राथमिकता देने की जरूरत। समस्तीपुर पूसा डा राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविधालय स्थित जलवायु परिवर्तन पर उच्च अध्ययन केंद्र के ग्रामीण कृषि मौसम सेवा, एवं भारत मौसम विज्ञान विभाग के सहयोग से जारी 22-26 जून, 2024 तक के मौसम पूर्वानुमान के अनुसार सक्रिय मानसून एवं कम दबाव के प्रभाव से पूर्वानुमानित अवधि में उत्तर बिहार के अधिकतर जिलों में अच्छी वर्षा होने की सम्भावना है। 22-25 जून के बीच मधुबनी, गोपालगंज, सीतामढ़ी, पूर्वी तथा पश्चिमी चम्पारण जिलों में भारी वर्षा हो सकती है। सीवान एवं सारण जिलों में मध्यम वर्षा हो सकती है। 22-25 जून के बीच समस्तीपुर, बेगुसराई एवं वैशाली जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा होने की प्रबल सम्भावना है।
इस अवधि के तापमान में 2-3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आ सकती है। दिन का तापमान 30-35 डिग्री सेल्सियस जबकि न्यूनतम तापमान 23-25 डिग्री सेल्सियस रहने की सम्भावना है। शुक्रवार के तापमान पर एक नजर डालें तो अधिकतम तापमान 33.0 डिग्री सेल्सियस एवं न्यूनतम तापमानः 25.4 डिग्री सेल्सियस, सामान्य से 0.9 डिग्री सेल्सियस कम सामान्य से 1.8 डिग्री सेल्सियस कम रहा है।

सापेक्ष आर्द्रता सुबह में 80 से 90 प्रतिशत तथा दोपहर में 50 से 60 प्रतिशत रहने की संभावना है। पूर्वानुमानित अवधि में औसतन 15 से 20 कि०मी० प्रति घंटा की रफ्तार से पूरवा हवा चलने का अनुमान है। समसमायिक सुझाव देते हुए मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि पूर्वानुमानित अवधि में वर्षा की अच्छी संभावना को देखते हुए किसान माई अपने खेतों में मेड़ों को मजबूत बनाने का कार्य करें। धान की बीजस्थली में जो बिचड़े 10 से 15 दिनो के हो गये हो, खर-पतवार निकाल कर तथा प्रति एक हजार वर्ग मीटर बीजस्थली के लिए 5 किलो अमोनियम सल्फेट अथवा 2 किलो यूरिया का उपरिवेशन करें। इस अवधि में अच्छी वर्षा की संभावना को देखते हुए किसान भाई धान की रोपनी में प्राथमिकता दें। वर्षा जल का उपयोग कर रोपनी के कार्य में प्राथमिकता दें। रोपाई पूर्व खेतों की तैयारी के समय कक्षा के दौरान मध्यम एवं लम्बी अवधि की किस्मों के लिए 30 किलोग्राम नेत्रजन, 60 किलोग्राम स्फुर एवं 30 किलोग्राम पोटाष तथा अगात किस्मों के लिए 25 किलोग्राम नेत्रजन, 40 किलोग्राम स्फुर एवं 30 किलोग्राम पोटाश के साथ 25 किलोग्राम जिंक सल्फेट या 15 किलोगग्राम प्रति हेक्टर चिलेटेड जिंक का व्यवहार करें।

धान की फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए रोपाई के 2-3 दिन बाद तथा एक सप्ताह के अन्दर ब्यूटाक्लोर (3 लीटर दवा प्रति हेक्टेयर) या प्रीटलाक्लोर (1.5 लीटर दवा प्रति हेक्टर) या पेन्डीमिथेलीन (3 लीटर दवा प्रति हेक्टर) का 500-600 लीटर पानी में घोल बनाकर एक हेक्टर क्षेत्र में छिड़काव मौसम साफ रहने पर ही करें।

खरीफ प्याज की नर्सरी (बीजस्थली) गिरावें। एन0-53, एग्रीफाउण्ड डीक रेड, अकी कल्याण, भीमा सुपर खरीफ प्याज के लिए अनुशंसित किस्में है। बीज गिराने के पूर्व बीज को केप्टन या धीरम/2 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से मिलाकर बीजोपचार कर लें। बीज की दर 8-10 कि०ग्रा० प्रति हेक्टेयर रखें। पौधशाला को तेज धूप से बचाने के लिए 40 छायादार नेट से 6-7 फीट की ऊचाई पर ढ़क सकते है। प्याज के स्वस्थ पौध के लिए पौधषाला से नियमित रूप से खरपतवार को निकालते रहे।

मिर्च का बीज उथली क्यारियों में गिराये। इसके लिए उन्नत प्रभेद पंत मिर्च-3, कृष्णा, अर्का लोहित, पूसा ज्वाला, पूसा सदाबहार, पंजाब लाल, काषी अनमोल तथा संकर किस्में अग्नि रेखा, कल्याणपुर चमन, कल्याणपुर चमत्कार, बी०एस०एस०-267 अनुशंसित है। उन्नत किस्मों के लिए बीज दर 1 से 1.5 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर तथा 200 से 300 ग्राम संकर किस्मों के लिए रखें। क्यारियों की चौडाई एक मीटर तथा लम्बाई सुविधानुसार 3-4 मीटर रखें। बीज को गिराने से पूर्व थायरम 75 प्रतिषत दवा से बीजोपचार करें।

केला की रोपाई करें। उत्तर बिहार में लम्बी किस्मों के लिए अलपान, चम्पा, कंथाली, मालभोग, चिनियों, शक्कर चिनियाँ तथा बौनी एवं खाने वाली किस्मों के लिए गैडनेन, रोबस्टा, बसराई, फिआ-1 अनुषंसित है। सब्जी वाली किस्में बतीसा, सावा, बनकेल, कचकेल तथा सब्जी एवं फल दोनों में उपयोग आने वाली किस्में कोठियों, मुतियों, दुधसागर एवं चकिया अनुशंसित है। लम्बी जातियों में पौधा से पौधा की दूरी 21 मीटर है एवं बौनी जातियों में 1.5 मीटर रखें।
आम के पौधों की उम्र (10 वर्ष से अधिक) के अनुसार फलन समाप्त होने के बाद अनुशंसित उर्वरको जैसे 15-20 किलोग्राम सड़ी गोबर की खाद, 1.25 किलोग्राम नेत्रजन, 300-400 ग्राम फॉसफोरस, 1.0 किलोग्राम पोटाष, 50 ग्राम बोरेक्स तथा 15-20 ग्राम थाइमेट प्रति पौधा प्रति वर्ष के अनुसार उपयोग करें। जिससे अगले वर्ष पौधे फलन में आ सकें तथा उनका स्वास्थ्य अच्छा बना रहें।


Discover more from संध्या समय न्यूज

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Discover more from संध्या समय न्यूज

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

Contact to us