पीएंडजी शिक्षा के दो दशक: पी एंड जी शिक्षा ने “ट्वेंटी टेल्स ऑफ ट्रायम्फ” का किया अनावरण

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संदिप कुमार गर्ग


दिल्ली। पीएंडजी इंडिया का प्रमुख सीएसआर कार्यक्रम ‘पीएंडजी शिक्षा’ इस वर्ष एक महत्वपूर्ण पड़ाव पर है और एक प्रमुख उपलब्धि का उत्सव मना रहा है – शिक्षा के माध्यम से बच्चो के जीवन में बदलाव के 20 वर्ष। पिछले दो दशकों में, यह कार्यक्रम देश भर में वंचित समुदायों में शिक्षा की पहुंच और शिक्षा में सुधार लाकर 50 लाख से अधिक बच्चों के जीवन पर सकारात्मक रुप से प्रभावित कर रहा हैं।

इस यात्रा को यादगार बनाने के लिए, पीएंडजी ने “20 टेल्स ऑफ ट्रायम्फ” नामक एक विशेष कॉफी टेबल बुक का अनावरण किया है, जिसमें परिवर्तन और संभावनाओं की प्रेरक कहानियां शामिल हैं – यह इस बात की सशक्त याद दिलाती है कि कि जब हर बच्चे को उभरने का अवसर मिलता है, तो शिक्षा कैसे बदलाव ला सकती है। मौजूद कार्यक्रमों के साथ-साथ, पीएंडजी शिक्षा ने लर्निंग गैप्स पर बड़े पैमाने पर जागरूकता फैलाने का भी कार्य किया है। इस वर्ष का अभियान #EraseTheLearningGap बच्चों को दिए गए नकारात्मक लेबल्स के दुष्प्रभावों पर गहराई से ध्यान देता है।

जब कोई बच्चा कक्षा में पीछे रह जाता है, तो उसे अक्सर ‘कमज़ोर’, ‘बुद्धू’, या ‘कच्चा नींबू’ जैसे अनुचित लेबल्स दिए जाते हैं, इससे एक स्वतः पूरी होने वाली भविष्यवाणी में बदल सकती है जो आत्मविश्वास को कम करती है और अपेक्षाओं में कमी लाती है और लर्निंग गैप को और बढ़ाती है।
इस फिल्म में बिकास की कहानी दिखाई गई है, जो कई अन्य लोगों की तरह संघर्ष करता है क्योंकि वह कई अन्य बच्चों की तरह इन नकारात्मक लेबल्स को समाहित लेता है, जिससे उसका आत्म-सम्मान प्रभावित होता है।
केवल 28* प्रतिशत बालिग़ ही लर्निंग गैप्स को पूरी तरह समझते हैं, इसलिए समय पर सहायता का अभाव रहता है। यह अभियान हस्तक्षेप की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करता है, यह दिखाते हुए कि सही सहारा और माता-पिता, शिक्षकों और साथियों से मिले प्रोत्साहन से बच्चे इन चुनौतियों को पार कर सकते हैं।

जैसा कि बिकास की यात्रा दिखाती है, जब वह सफल होता है, तो पूरा समुदाय उत्सव मनाता है, यह दर्शाता है कि हर बच्चे की जीत, हम सभी की जीत है। समय पर सहायता मिलने पर हर बच्चा अपनी गति के अनुसार सीख सकता है, फिर से आत्म-विश्वास पा सकता है, और अंततः #EraseTheLearningGap को साकार कर सकता है। फिल्म यहां देखें – https://www.youtube.com/watch?v=ooRwqCDmSUE
दिल्ली में, दो दशकों से पीएंडजी शिक्षा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में मौजूद महत्वपूर्ण बाधाओं को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध रहा है। यह कार्यक्रम 2005 में शुरू हुआ था, उस समय जब कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) से जुड़े कानून भी अस्तित्व में नहीं आए थे। ज़मीनी स्तर पर आवश्यकताओं का मूल्यांकन करते हुए, इस कार्यक्रम की शुरुआत स्कूल के बुनियादी ढांचे के निर्माण से हुई। सामाजिक-आर्थिक प्रगति के साथ, यह कार्यक्रम एक 360-डिग्री समग्र पहल के रूप में विकसित हुआ, जो शैक्षिक ढांचे को सुदृढ़ करने, सीखने के परिणामों में सुधार लाने और वंचित समुदायों को शिक्षा के माध्यम से सशक्त करने पर केंद्रित है।

पीएंडजी शिक्षा ने लर्निंग गैप को उजागर करने के लिए एक प्रभावशाली पैनल के माध्यम से इस राष्ट्रव्यापी पहल की शुरुआत की, जिसमें सिनेमा, मनोविज्ञान और शिक्षा जगत से विभिन्न लोगों ने हिस्सा लिया।
लेखिका और पूर्व पत्रकार प्रियंका खन्ना द्वारा संचालित इस पैनल में शामिल थे: अभिनेत्री और लेखिका सोहा अली खान, अभिनेत्री कल्कि कोचलिन, नैदानिक मनोवैज्ञानिक व मनोचिकित्सक डॉ. वरखा चुलानी और पीएंडजी इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट – ब्रांड ऑपरेशन और ग्रूमिंग के प्रमुख अभिषेक देसाई।

पैनल में चर्चा की गई कि कैसे लर्निंग गैप्स अक्सर अनदेखे या गलत समझे जाते हैं- जो आत्मविश्वास की कमी, कम भागीदारी या “धीमा” या “असभ्य” जैसे लेबल्स के रूप में सामने आती हैं। ये लर्निंग गैप्स बच्चों की एक मौन पुकार होती हैं। व्यक्तिगत कहानियों और विशेषज्ञ दृष्टिकोणों के माध्यम से बातचीत ने समय पर पहचान, सही सहायता और ऐसे सुरक्षित वातावरण के महत्व को उजागर किया जहाँ बच्चे अपनी गति से सीख सकें। कार्यक्रम के दौरान दिखाई गई कैंपेन फिल्म इस बात की याद दिलाने वाली रही कि सही सहारे से कोई भी #EraseTheLearningGap कर सकता है।
इस पहल के बारे में बात करते हुए, पीएंडजी इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट – ब्रांड ऑपरेशन और कैटेगरी लीडर – ग्रूमिंग, अभिषेक देसाई ने कहा, “हम गर्व से पीएंडजी शिक्षा के 20 साल पूरे होने का उत्सव मना रहे हैं – यह एक ऐसी यात्रा रही है जो यह सुनिश्चित करने के लिए समर्पित है कि हर बच्चे को ऐसी शिक्षा मिले जो उसे ऊपर उठाए, न कि सीमित करे।
पिछले दो दशकों में, पीएंडजी शिक्षा ने लर्निंग आउटकम्स को सुधारने की ओर अपना ध्यान विकसित और केंद्रित किया हैं

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