संदिप कुमार गर्ग
नोएडा। थाना बिसरख नोएडा पुलिस द्वारा फर्जी नोटरी, फर्जी रेंट एग्रीमेंट, फर्जी दस्तावेज़ो से बने बैंक अकाउंट व इन सभी फर्जी दस्तावेज़ो से बिना पुलिस वेरीफिकेशन के बने पासपोर्ट बनाकर विदेश भेजने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 7 आरोपी को गिरफ्तार किया गया है जिसके पास से 14 सील मोहर (नोटरी आदि), 98 नोटोरियल टिकट, एक फर्जी कूटरचित रेन्ट एग्रीमेंट, एक पासपोर्ट फर्जी पते का, 5 कम्प्यूटर सैट (सीपीयू, मोनिटर, कीबोर्ड, माउस), फिंगर स्केनर मशीन, दो आधार कार्ड (एक ही नाम के अलग-अलग पते के), एक पेन कार्ड, दो बैंक पासबुक, 5 मोबाइल फोन, 10 स्टाम्प नोटरी व एक लेपटॉप बरामद किए गए है।
बता दे कि थाना बिसरख पुलिस द्वारा गुरुवार को को आरोपी एस विनोद कुमार पुत्र सौरा वशिष्ठ, संजीद डे पुत्र शम्भू डे, सचिन जौहरी को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा जेल भेजा जा चुका है। शुक्रवार को उक्त गिरोह से सम्बन्धित शेष आरोपी विरेन्द्र कुमार गर्ग, दुर्गेश कुमार, सन्दीप कुमार व विरेन्द्र सक्सेना को गिरफ्तार किया गया है।
आरोपी विरेन्द्र कुमार गर्ग के द्वारा फर्जी नोटरी बनाने का फर्जी आर्थिराइजेशन लेटर सचिन जौहरी को दिया गया था जो उसकी दुकान से प्राप्त हुआ। सचिन जौहरी ने पूछताछ में बताया कि इस प्रकार विरेन्द्र सक्सेना, दुर्गेश कुमार भी वीरेन्द्र कुमार गर्ग के नाम की फर्जी नौटरी तैयार कर फर्जी रेन्ट एग्रीमेन्ट ग्राहको को उपलब्ध कराते है। विरेन्द्र कुमार गर्ग के नाम से स्टाम्प का प्रयोग करके विरेन्द्र कुमार गर्ग नोटरी विक्रेता की सील व मुहर प्रयोग करके फर्जी उनके फर्जी हस्ताक्षर बनाकर कूटरचित फर्जी एग्रीमेन्ट तैयार कर पासपोर्ट फर्जी पते पर बनवाता है। अभियुक्तों के कब्जे से फर्जी मुहर बरामद हुई है जिनका प्रयोग, कूट रचित दस्तावेज तैयार करने में किया गया है एवं इन्ही कूटरचित दस्तावेजो का प्रयोग कर पासपोर्ट हेतु आवेदन किया गया है एवं फर्जी दस्तावेज लगाकर फर्जी पते पर पासपोर्ट प्राप्त किया गया है। इसके लिए अभियुक्तों के द्वारा संगठित गिरोह बनाकर यह कार्य किया गया है। अभियुक्तों के विरूद्ध धारा 341(1)(2)/61/3(5) बीएनएस व 12 पासपोर्ट अधिनियम की वृद्धि की गई है।
बता दे कि विरेन्द्र कुमार गर्ग नोटरी विक्रेता है, जिसके द्वारा कई लोगो को अपने नाम की नोटरी करने की अनुमति दी गई जिससे अन्य लोग इनके मोहर का प्रयोग कर फर्जी रेन्ट एग्रीमेन्ट तैयार करते थे और इनकी सहमति से उस पर इनके फर्जी कूटरचित हस्ताक्षर बनाते थे और इस कूटरचित रेन्ट एग्रीमेन्ट का प्रयोग कर फर्जी पते से पासपोर्ट बनाया जाता था जिसके बदले में विरेन्द्र कुमार गर्ग सभी से पैसे लेता था।
सचिन जौहरी की महागुन मार्ट मार्केट गौर सिटी-2 में शॉप कान्हा किड्स जंक्शन/जनसेवा केन्द्र के नाम से शॉप है। यह बाहर के व्यक्तियों से सम्पर्क करके उनके स्थानीय पते का फर्जी रेन्ट एग्रीमेन्ट तैयार करता था। विरेन्द्र कुमार गर्ग की मोहर लगाकर विरेन्द्र कुमार गर्ग की फर्जी हस्ताक्षर करके नोटरी तैयार कर एग्रीमेन्ट तैयार करता था। उसका प्रयोग कर बैंक में नया खाता खुलवाता था, आधार कार्ड में पता बदलवाता था। इनका प्रयोग कर पासपोर्ट का आवदेन कराकर नया पासपोर्ट बनवाता था।
एस विनोद कुमार निवासी थाना एवेडिन पोर्ट ब्लेयर अंडमान निकोबार द्वीप समूह के द्वारा बिसरख के पते का फर्जी रेन्ट एग्रीमेन्ट सचिन जौहरी के माध्यम से तैयार कराया गया तथा फर्जी रेन्ट एग्रीमेन्ट के माध्यम से बैंक खाता खुलवाया गया और आधार कार्ड में अण्डमान निकोबार के पते से स्थानीय बिसरख के पते का परिवर्तन कराया गया जिसका प्रयोग कर पासपार्ट का आवेदन किया गया है।
संजीद डे निवासी थाना ठिगलीपुर, जिला साउथ अडंमान द्वीप समूह के द्वारा बिसरख के पते का फर्जी रेन्ट एग्रीमेन्ट सचिन जौहरी के माध्यम से तैयार कराया गया तथा रेन्ट एग्रीमेन्ट के माध्यम से बैंक खाता खुलवाया गया और आधार कार्ड में अण्डमान निकोबार के पते से स्थानीय बिसरख के पते का परिवर्तन कराया गया जिसका प्रयोग कर पासपार्ट का आवेदन नये पते से करके पासपोर्ट बनवाया गया है।
दुर्गेश कुमार पुत्र सुरेन्द्र सिंह की ग्लैक्सी प्लाजा में लीगल डोक्यूमेन्ट हव के नाम से दुकान है जबकि इसकी शैक्षिक योग्यिता मात्र 10वीं पास है। यह दूसरे की आईडी का प्रयोग कर ई-स्टाम्प बेचता था तथा रेन्ट एग्रीमेन्ट तैयार करता था जिस पर विरेन्द्र कुमार गर्ग की फर्जी मुहर लगाकर उस पर विरेन्द्र कुमार गर्ग के फर्जी हस्ताक्षऱ करता था। इस कूटरचित रेन्ट एग्रीमेन्ट का प्रयोग कर फर्जी पते से पासपोर्ट बनाया जाता था जिसके बदले में ग्राहको से रूपये वसूल करता था।
विरेन्द्र सक्सैना पुत्र यतन सक्सैना की ग्लैक्सी प्लाजा में दुकान है जिसमें यह दूसरे के नाम की आईडी प्रयोग करके स्टाम्प विक्रेता था। ई-स्टाम्प डाउनलोड कर उस पर फर्जी रेन्ट एग्रीमेन्ट तैयार करता था और फर्जी मुहर लगाकर स्वंय कूटरचित हस्ताक्षर करता था तथा नोटरी विरेन्द्र कुमार गर्ग के नाम की मुहर का लगाता था तथा हस्ताक्षर स्वंय करता था इस फर्जी रेन्ट एग्रीमेन्ट का प्रयोग भी पासपोर्ट में किया जाता था।
सन्दीप कुमार पुत्र महेन्द्र सिहं यादव की राजनगर एक्सटेंशन गाजियाबाद में पासपोर्ट बनवाने का ऑफिस है जिसमें यह फर्जी रेन्ट एग्रीमेन्ट का प्रयोग कर पासपोर्ट फार्म का आवेदन करवाता है तथा सचिन जौहरी व विरेन्द्र सक्सैना व दुर्गेश कुमार के द्वारा आवेदन किये गये फर्जी पते के पासपोर्ट बनवाने में पासपोर्ट कार्यालय में सहायता करता था उसके बदले में पैसे लेता है।
सचिन जौहरी बिना पुलिस वेरीफिकेशन वाले पासपोर्ट को डीजी सेवा के माध्यम से तत्काल में आवेदन कराता था। सचिन जौहरी के द्वारा पिछले 6 महीने में 120 पासपोर्ट आवेदन कराये जाने का विवरण प्राप्त हुआ है। अब तक 02 वर्ष में करीब 500 से ज्यादा पासपोर्ट का आवेदन कर चुका है। इसके द्वारा स्वयं बताया गया की लगभग 100 पासपोर्ट बिना पुलिस वैरीफिकेशन के बनवाये गये है। सचिन जौहरी की दुकान से 14 मुहर अलग-अलग विभाग की, अलग-अलग नाम की, रेन्ट एग्रीमेन्ट बिना हस्ताक्षर व नोटराइज्ड, 98 नोटिरयल टिकट मिली जिनके बारे में जानकारी करने पता चला कि बिना मकान मालिक की जानकारी के उनका फर्जी रेन्ट एग्रीमेन्ट आधार कार्ड व मोबाइल नम्बर के साथ बनवाता है।