ऋषि तिवारी
एक विशेष आध्यात्मिक सत्र का आयोजन बारामुला में किया गया, जिसमें सीमा सुरक्षा बल (BSF) के उन वीर जवानों का मार्ग दर्शन किया गया जिन्होंने हाल ही में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में सीमा पर रात दिन तैनात होकर देश की रक्षा की।
यह सत्र सुप्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु मास्टरजी के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। सत्र का उद्देश्य जवानों के मानसिक, भावनात्मक और आत्मिक संतुलन को सुदृढ़ करना था, ताकि वे न केवल सीमाओं की रक्षा में बल्कि अपने व्यक्तिगत जीवन में भी संतुलन और शांति का अनुभव कर सकें।
मास्टरजी ने जीवन में अध्यात्म की भूमिका, आंतरिक शक्ति की खोज, और युद्ध के बाद तनाव से उबरने के उपायों पर सरल एवं प्रभावशाली संवाद किया। उन्होंने कहा, “सच्चा योद्धा वही होता है जो बाहरी युद्ध के साथ-साथ अपने भीतर के अशांत विचारों को भी जीत ले।”
इस अवसर पर बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों ने मास्टरजी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह के सत्र न केवल जवानों को मानसिक रूप से सशक्त बनाते हैं, बल्कि उन्हें आत्मिक दिशा भी प्रदान करते हैं। मास्टरजी की अनमोल वाणी उनके यू ट्यूब चैनल “मास्टरजी” पर उपलब्ध है।