Home नोएडा झूग्गियों-कबाड़ियों, रोहंगियाओं से इंडस्ट्रियल सेक्टर-138 की बढ़ी परेशानी

झूग्गियों-कबाड़ियों, रोहंगियाओं से इंडस्ट्रियल सेक्टर-138 की बढ़ी परेशानी

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ऋषि तिवारी


नोएडा शहर को यूपी राज्य का शो विंडो कहा जाता है। सेक्टर-138 में अगर कंपनीयों की बात करें तो अब यहां सैंकड़ों कंपनी संचालित हो रही है जिसमें हजारों लोग कार्यरत हैं। लेकिन यहां आये दिन किसी ना किसी कंपनी में चोरी की घटना हो रही है, पार्क में ग्रुप बनाकर शराब आदि पीने की शिकायत मिलती रहती है। जिसका कारण सेक्टर-138 के पार्क से सटे कबाड़ खरीदने वाली झूग्गी बस्ती का यहां मौजूद होना है। पिछले कुछ समय में कबाड़ी का काम करने वाली इस झूग्गी बस्ती का काफी विस्तार भी हुआ है और देखते ही देखते ये सैंकड़ों की संख्या में बस गए हैं। इस झूग्गी बस्ती में कई रोहंगियायों की झूग्गी है जो अवैध रुप से यहां निवास करते हैं। यहां कबाड़ खरीद-बिक्री का काम किया जाता जो कि पूरी तरह से अवैध है। यहां काफी मात्रा में कबाड़ इकट्ठा होने की वजह से आये दिन आग लगने की घटना होती रहती है। झूग्गी का विस्तार होते होते ये कई कंपनीयों एवं इलाबास गांव के प्राथमिक स्कूल तक पहुंच चुका है जहां सैंकड़ों बच्चे प्रतिदिन पढ़ने आते हैं। ऐसी स्थिति में अगर आग लगने की घटना हो जाए तो स्थिति काफी खतरनाक साबित हो सकती है। साथ ही इससे जान-माल की बड़े पैमाने पर हानि भी होने की संभावना है।

झूग्गियों पर कोई कानून नहीं जबकि इंडस्ट्री के लिए कड़े कानून का प्रावधान
नोएडा अथॉरिटी का इंडस्ट्री सेक्टर क्षेत्र होने की वजह से कंपनी के संचालन के लिए फायर सेफ्टी के साथ-साथ कई सेफ्टी कंप्लायंस का पालन करना पड़ता है जबकि यहां बसी झूग्गी बस्ती के काबाड़ियों के द्वारा तो किसी प्रकार के कंप्लायंस पालन नहीं किया जाता ना ही उनके उपर ऐसी कोई बाध्यता लागू होती है? ऐसे में ये गंभीर जांच का विषय है कि किसके इशारे पर इतनी बड़ी संख्या में यहां झूग्गी का विस्तार होता जा रहा है। यहां कई लोग ये आरोप भी लगाते हैं कि बिना नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों के मिलीभगत से इतनी बड़ी संख्यां में झूग्गियों की बसावट संभव नहीं है।

इतनी बड़ी संख्यां में झूग्गी होने एवं कबाड़ के खरीद-बिक्री की वजह से यहां काफी मात्रा में कबाड़ इकठ्ठा होता रहता है जिसका कोई नियमन भी नहीं है। इतने भारी मात्रा में जमा कबाड़ में आग लगने की स्थिति में ये खतरनाक साबित हो सकती है। आगजनी की घटना से जान-माल की हानि होने के बाद सीख लेने से बेहतर है समय रहते इस समस्या का समाधान किया जाए। कंपनी संचालित करते समय जिन नियम-कायदों का पालन करते हैं इन काबाड़ियों के लिए उन नियम-कायदों का कोई मायना नहीं है।

नोएडा अथॉरिटी से इंडस्ट्री ओनर की क्या है मांग?
कंपनियों के ओनर के मुताबिक, इस संबंध में सेक्टर-138 से एक लिखित शिकायत इस साल मार्च महीने में भी नोएडा अथॉरिटी को दी गई थी जिसका संज्ञान लेकर यहां से झूग्गियों को हटाने की कार्रवाई हो जानी चाहिए थी। लेकिन उस शिकायत (शिकायत संख्या-32-2000302025 जो कि 20 मार्च-2025 को दी गई थी) पर क्या कार्यवाई हुई इसकी कोई जानकारी नहीं है और झूग्गियां ज्यों के त्यों हैं बल्कि दिनों दिन इसकी संख्या बढ़ती ही जा ही है। पिछली शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं होने की वजह से अथॉरिटी को दोबारा इसकी शिकायत दी गई है। सेक्टर-138 जो कि वर्क सर्किल-7 का हिस्सा है, इंडस्ट्री विभाग के संबंधित अधिकारी एवं लैंड-रेवेन्यू रिकॉर्ड विभाग को इसकी जांच के आदेश देकर इन झूग्गियों को यहां से तत्काल प्रभाव से हटाये जाने की कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि सेक्टर-138 से संचालित होने वाली कंपनी, इस क्षेत्र के कंपनीयों में काम करने वाले हजारों कर्मचारियों एवं झूग्गी बस्ती से बिल्कुल सटे इलाबास प्राधमिक स्कूल में पढ़ने वाले सैंकड़ों मासूमों की जान-माल की सुरक्षा को तत्काल प्रभाव से सुनिश्चित की जा सके और यूपी के शो-विंडो को और खुबसूरत बनाया जा सके।

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