दिल्ली में बिजली अधिकारियों की लापरवाही बनी घरों की संकट

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संदिप कुमार गर्ग


नई दिल्ली। देखा जाए आए दिन बिजली संकट ने किया परेशानियों जूझ रही है बता दे कि गर्मी से लेकर बच्चों के रहिवासियों को बिजली से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बता दे कि ​वेस्ट दिल्ली में बिजली अर्थिक फेस के नाम पर बिजली के कर्मचारी हेर फेर कर रहे है जिससे आम जनता के घरों में करंट और शॉट सर्किट का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि शॉट सर्किट होने के बाद कई दिनों बिजली के खंभे पर बॉक्स और ट्रासफार्मर सहीं नहीं किए जाते सिर्फ काम चालू बना कर छोड़ दिया जाता है।

बता दे कि आए दिन दिल्ली में शॉट सर्किट से दिल्ली में कई जगह आफत आई तो कई जगह आग लगी जिसे यहां के अधिकारी जान कर भी अंजान बन रहे है और इसे बताया नहीं जा रहा एक सर्वे में मालूम पड़ रहा है कि अर्थिक की तकलिफों की वजह से कई जगहों पर सॉट सर्किट हो रहे और घरों में लोगों को करंट लग रहा है।

खंभे ट्राफार्मर तक कई दिनों तक सही नहीं किया जाता रहा है।
पश्चिम दिल्ली मोहन गार्डन, उत्तम नगर, जैन रोड, गांधी चौक, बुध बाजार में घरों से सटे हुए बिजली के खंभे पर बॉक्स और ट्रासफार्मर लगे हुए है जो कि कितने सालो से खराब होने के बाद भी बदले नहीं जा रहे है। सिर्फ उसे ठीक कर काम चलाउ बना दिया जाता है। जिससे आए दिन ठंडी, गर्मी, बारिश के मौसम में चिंगारी फेकती जिसे ​देख घरों में रहने और घर के बाहर रोड पर चलने वाले लोग परेशान हो जाते है और जिसका खराब बॉक्स से कनेक्सन गया उनके घरों में अर्थिग के भी प्रोब्लम आ रहे है।

उत्तम नगर, मोहन गार्डन में एसडीओं इंचार्ज के कंपलेन के बाद भी काम अधूरा
बता दे कि इसकी जानकारी वेस्ट दिल्ली के ऐरिया के एसडीओं इंचार्ज को भी बताया जा चुका है। देखा जाए तो वेस्ट दिल्ली उत्तम नगर, मोहन गार्डन जैसे ईलाकों में ज्यादा हो रहा है आए दिन यहां के खंभे कंरट आते रहते है कभी बिजली के शॉट सर्किट हो जाता है तो उसे सिर्फ काम चालू बनाकर आधे काम में छोड़ दिया जाता है जिसमें अर्थिक सहीं नहीं की जाती है जिससे आगे जाकर यह बड़ा रुप ले लेता है।

इंकवारी पर खुल सकती बीएसईएस दिल्ली की पोल
देखा जाए तो आनलाईन कितने ऐसे कंपलेन बीएसईएस दिल्ली (BSES Delhi) के पास जिसका सिर्फ नाम के लिए रखा गया है उसे सही नहीं किया गया है आए दिन ऐसे कंपलेन की जानकारी बिजली विभाग और बीएसईएस दिल्ली अधिका​री भी नहीं देते है। ऐसे बिजली विभाग इस पर इंकवारी की ​जाए तो कितने पोल खुल सकते है।

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