ऋषि तिवारी
जाने, क्या है पूरा मामला
बता दे कि दक्षिण पूर्वी जिले की एंटी रॉबरी सेल और गोविंदपुरी थाने की संयुक्त टीम ने जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज और कॉल रिकॉर्ड्स से जो जानकारी प्राप्त किया और लूट की कहानी को पूरी तरह से पलट दिया गया। पुलिस को पता चला कि मंटू ने एक महीने पहले लाजपत नगर में एक साइट पर काम करने के दौरान उसके मालिक से एक आलमारी ली थी, जिसमें अनजाने में सोने के गहने रखे थे। मंटू ने 25 जून को इस आलमारी को कबाड़ी को बेच दी। जिसे आलमारी के लाकर में सोने के गहने मिले। कबाड़ी ने गहनों को मंटू को वापस लौटा दिया और आलमारी के असली मालिक को भी इसकी सूचना दे दी।
मालिक ने गहनों की वापसी की मांग की रची डाली नकली लूट की कहानी
पूछताछ में पता चला कि शिकायतकर्ता मंटू मंडल, जो एक निर्माण स्थल का ठेकेदार है, ने लगभग एक महीने पहले लाजपत नगर में एक साइट पर काम करते समय उसके मालिक जितेंद्र से एक अलमारी ली थी। 25 जून को उसने वह आलमारी कबाड़ी को बेच दी। आलमारी के लाकर के अंदर सोने के सामान पाए। कबाड़ विक्रेता ने सोना मंटू मंडल को सौंप दिया, साथ ही उसने जितेंद्र को भी सूचित किया। मंटू मंडल ने अपने दोस्त राजू के साथ मिलकर सोना हड़पने की साजिश रची। राजू ने दो बाइक सवारों को बुलाया जो मंटू के घर पहुंचे और सोना लेकर चले गए। मंटू मंडल ने उस रात कोई फोन नहीं किया। जब वास्तविक मालिक जितेंद्र ने मंटू पर सोना लौटाने का दबाव बनाया तो उसने झूठी पीसीआर काल की। आरोपितों के पास से 60 ग्राम सोना व चोरी में प्रयुक्त बाइक बरामद की। गोविंदपुरी थाने में मामला दर्ज कर दोनों बाइक सवारों के साथ पुलिस ने शिकायतकर्ता मंटू मंडल और राजू को गिरफ्तार कर लिया।