दिल्ली में बड़ा हादसा: बिल्डरों के उपर कंपलेन को नजर अंदाज का नतिजा भोग रही आम जनता

52 Views

ऋषि तिवारी


नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके में शुक्रवार देर रात 2:30 बजे बिल्डिंग ढहने के मामले में अब जांच शुरू किया गया है और अब जर्जर इमारतों को चिह्नित करने का काम किया जाएगा। जहां हादसा हुआ, वह कॉलोनी को नगर निगम ने घनी आबादी वाला एरिया है। बताए की ऐसे में आम जनता से पुछने बताया गया है कि अगर सरकार इस पर ध्यान दे बहोत से कंपलेन पुलिस, एमसीडी और आनलाईन सीपीजीआरएएमएस (CPGRAMS) के रिकोर्ड में जिस पर कार्यवाही ना कर उसे बंद कर दिया जाता रहा है जो कि आज यह नतिजा दिखाई दे रहा है।

हादसा एमसीडी की लापरवाही का नतीजा है:स्थानीय विधायक
डिप्टी स्पीकर और मुस्तफाबाद से विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने मौके पर पहुंचकर बताया है कि यह हादसा एमसीडी की लापरवाही और भ्रष्टाचार का नतीजा है, चुनाव जीतने के बाद उन्होंने इस इमारत को खतरनाक बताया था और एलजी व एमसीडी की आगाह भी किया था। बिष्ट ने कहा कि मुस्तफाबाद में कई अवैध और जर्जर इमारतें हैं और बिजली कंपनियां गरीबों को कनेक्शन नहीं देतीं। मृतकों के परिवार को मुआवजा देने की घोषणा की गई है।

राजधानी दिल्ली में कई जगहो पर एमसीडी पर लगा रहे इलजाम
आम जनता का कहना है कि ऐसे बहोत से कंपलेन है जो कि एमसीडी और पुराने सीएम से लेकर पीएम नरेद्र मोदी तक के सीपीजीआरएएमएस (CPGRAMS) पर किया जा चुका गया है जो कि इस पर ध्यान नहीं दिया जाता है और बिना जांच के इसे बंद कर दिया जाता है और पुलिस कंपलेन पर जांच पर आकर पुरी इमारत को किसी रुप में सील करने का आरोप लगाकर और इधर उधर की बात कर एमसीडी उस केस को वापस लेने के लिए भी मना लेती रही है जो कि आगे आकर यह नतिजा दिखाई देता रहा है।

पूरे मामले में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा
“सारे नियमों को ताक पर रखकर ऐसे मकानों का निर्माण किया जाएगा और ऐसे में जो भी अधिकारी इसमें दोषी हैं, उनको सजा मिलेगी। जिस बिल्डर ने इसे बनाया है उसे भी सजा मिलनी चाहिए और पूरे शहर में जो भी ऐसे मकान हैं उनको नोटिस मिलना चाहिए।

Contact to us