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आप पार्टी आप पार्टी नेता मनीष सिसोदिया ने भाजपा पर साधा निशाना

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”प्रदूषण के नाम पर ऑटोमोबाइल, कैब कंपनियां और स्क्रैप एजेंसियों की जेबें भर रही दिल्ली सरकार”

ऋषि तिवारी


नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में भाजपा सरकार द्वारा एक जुलाई से पुराने वाहनों को पेट्रोल न देने के फैसले पर आप पार्टी वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने भाजपा और दिल्ली सरकार पर गंभीर निशाना साधा है। कहा है कि दिल्ली सरकार प्रदूषण रोकने के नाम पर दिल्ली के 61 लाख परिवारों की गाड़ियां बंद करवा रही है, जिससे ऑटोमोबाइल कंपनियों, ओला-उबर जैसी एग्रीगेटर कंपनियों, नंबर प्लेट बनाने वाली कंपनियों व स्क्रैप एजेंसियों को फायदा पहुंचाया जा सके।

दिल्ली सरकार फुलेरा की नई पंचायत की तरह चल रही है : मनीष सिसोदिया
बता दे कि मनीष सिसोदिया ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा है कि इस नए आदेश से 10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों को ईंधन नहीं मिलेगा। दिल्ली में 18 लाख कारें और 41 लाख दोपहिया वाहन इस दायरे में हैं। इन गाड़ियों में कई तो मुश्किल से 20,000 किलोमीटर भी नहीं चली हैं। प्रदूषण मानकों पर भी खरी उतरती हैं। लेकिन भाजपा सरकार ने इन्हें जबरन बंद करवा दिया, जिससे लोग नई गाड़ियां खरीदें और ऑटोमोबाइल कंपनियों की बिक्री बढ़े। दिल्ली सरकार फुलेरा की नई पंचायत की तरह चल रही है और साम, दाम, दंड, भेद और एजेंसियों का दुरुपयोग कर सत्ता में आई और सरकार ना चला कर, जनता पर फरमान थोपे जा रही है। सरकार चलाना नहीं आता तो ऐसे मनमानी आदेश जारी कर रही है।

स्क्रैप और नंबर प्लेट कंपनियों को फायदा : मनीष सिसोदिया
बता दे कि एक मिडिल क्लास व्यक्ति अपनी पूरी जिंदगी की बचत अथवा लोन लेकर गाड़ी खरीदता है और अब उसे नई गाड़ी खरीदने को मजबूर किया जा रहा है। बुजुर्ग व रिटायर्ड लोग कभी-कभार अपनी पुरानी गाड़ियां चलाते हैं, उन्हें भी अपनी गाड़ियां बेचनी पड़ेंगी। ये फैसला पूरी तरह से ऑटोमोबाइल कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए किया जा रहा है। भाजपा द्वारा यह फैसला सिर्फ नई गाड़ी कंपनियों तक सीमित नहीं है, इसके अलावा हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट बनाने वाली कंपनियों की भी फायदा होगा। पुरानी गाड़ियां बिकेंगी और नई गाड़ियों की रजिस्ट्रेशन व प्लेट में भी इन्हें कमाई होगी।

ओला-उबर जैसी कंपनियों को भी फायदा : मनीष सिसोदिया
बता दे कि केंद्र सरकार पर भी सवाल उठाते हुए आप पार्टी ने कहा कि एक जुलाई को ही भारत सरकार की ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने ओला-उबर जैसी एग्रीगेटर कंपनियों को पीक आवर में दो गुना किराया वसूलने का अधिकार दे दिया, जबकि ये पहले डेढ़ गुना था। आरोप है कि यह सब साजिश के तहत किया गया है और जनता की गाड़ियां बंद करवा कर ओला-उबर जैसी कंपनियों की सवारी की मजबूरी पैदा की जा रही है और फिर उन्हें किराया दोगुना वसूलने की छूट दी जा रही है।

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