Sunday, July 27, 2025
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सरस्वती बालिका विध्यालय में कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित

संदिप कुमार गर्ग


नोएडा। सरस्वती बालिका विध्यालय, सेक्टर 31, नोएडा में कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र द्वारा एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अध्यक्ष मेजर जनरल (से.नि.) श्री राज सिन्हा जी रहे यह कार्यक्रम जिसमें सशस्त्र बलों के अधिकारीगण, प्रबुद्ध जन, तथा देश भक्त वरिष्ठ नागरिकों सहित 100 से अधिक लोग उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. उमेश कुमार सिंह जी ने किया, जिन्होंने अपने विचार रखकर उपस्थित जनमानस को देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत किया। डॉ. विशाल शर्मा, जो बेनट विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हैं, उन्होंने भी अपने वक्तव्य में बताया कि जम्मू-कश्मीर अध्ययन केंद्र वर्ष 2010 से देशविरोधी नैरेटिव को तोड़ने और अनुच्छेद 370 और 35A को हटाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहा है।

श्री करतार सिंह चौहान जी ने देशभक्ति के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि हम सब अपने-अपने स्तर पर, जहाँ भी हैं, वहीं से अपने योगदान से राष्ट्र को मज़बूत कर सकते हैं। उन्होंने समझाया कि यदि हम अपने परिवार को मज़बूत करते हैं, तो समाज मज़बूत होता है, और समाज की मज़बूती से राष्ट्र भी मज़बूत होता है। मेजर जनरल (से.नि.) श्री राज सिन्हा जी ने अपने प्रेरणादायक वक्तव्य में कारगिल युद्ध की घटनाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि किस प्रकार हमारे सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति देकर राष्ट्र को विजय दिलाई। उनके वक्तव्य से उपस्थित जनमानस भावविभोर हो गया।

इस कार्यक्रम में सावंत, उत्तम मिश्रा और श्री अनिल जी ने देशभक्ति पूर्ण गीतों से माहौल को जोशपूर्ण बना दिया। कार्यक्रम की व्यवस्थाओं में श्री दवेंद्र सिंह राठौर जी, श्री संजय वर्मा जी, मेजर करण चौहान जी, नितिन गौड़ जी, श्री हरीश कुमार जी, तथा श्री गौरव गोयल जी का विशेष योगदान रहा।

कार्यक्रम के दौरान जम्मू-कश्मीर अध्ययन केंद्र द्वारा निर्मित एक लघु वीडियो फिल्म भी प्रदर्शित की गई जिसमें कारगिल युद्ध से जुड़ी घटनाओं को दिखाया गया। इसके अतिरिक्त, कारगिल युद्ध और जम्मू-कश्मीर की रणनीतिक महत्ता पर आधारित साहित्य भी निःशुल्क वितरित किया गया। यह कार्यक्रम राष्ट्रप्रेम, सैन्य बलों के सम्मान, और जम्मू-कश्मीर के यथार्थवादी दृष्टिकोण को समझने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल सिद्ध हुआ।

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