ऋषी तिवारी
डायबिटीज़ अब केवल बुजुर्गों तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह बीमारी तेजी से युवाओं और बच्चों में भी पैर पसार रही है। वर्ल्ड डायबिटीज़ डे के मौके पर यथार्थ अस्पताल, नोएडा में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉक्टरों ने बताया कि ओपीडी में आने वाले हर पाँचवें मरीज को डायबिटीज़ की समस्या है।
कोविड के बाद बढ़े डायबिटीज़ के मामले
डॉ. मंजू त्यागी, सीनियर कंसल्टेंट और हेड, इंटर्नल मेडिसिन, ने बताया कि कोविड संक्रमण के बाद डायबिटीज़ के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता और पैंक्रियास पर असर पड़ा, जिससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ने के मामले सामने आए। इसके अलावा तनाव, असंतुलित खानपान और नींद की कमी भी बड़ी वजहें हैं।
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दिल्ली-एनसीआर में 25% से ज्यादा लोग डायबिटीज़ से प्रभावित
डॉ. प्रखर गर्ग, सीनियर कंसल्टेंट, इंटर्नल मेडिसिन, ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर में लगभग 25 से 26 प्रतिशत लोग डायबिटीज़ से पीड़ित हैं। “अब युवाओं और कामकाजी महिलाओं में भी डायबिटीज़ के नए मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यदि समय-समय पर शुगर टेस्ट और हेल्थ चेकअप करवाए जाएँ, तो बीमारी को शुरुआती चरण में ही नियंत्रित किया जा सकता है।
बढ़ता स्क्रीन टाइम और मोटापा बना खतरा
डॉ. आशीष गुप्ता, कंसल्टेंट, एंडोक्राइनोलॉजी ने कहा कि लंबे समय तक मोबाइल या कंप्यूटर पर रहने से शरीर की गतिविधियाँ घट जाती हैं, जिससे वजन बढ़ता है और यही मोटापा डायबिटीज़ के खतरे को बढ़ाता है।
बच्चों में भी बढ़ रहा डायबिटीज़ का खतरा
डॉ. पोटलुरी चेतन, कंसल्टेंट, पीडियाट्रिक्स ने कहा कि आजकल बच्चों में मोटापा बहुत तेजी से बढ़ रहा है, जो आगे चलकर डायबिटीज़ की जड़ बन रहा है। माता-पिता को चाहिए कि बच्चों को बाहर खेलने के लिए प्रेरित करें, मोबाइल और टीवी का समय सीमित करें और पौष्टिक खाना दें। डॉक्टरों के अनुसार, गर्भवती महिलाओं में डायबिटीज़ के मामले 10–14% तक और बच्चों में लगभग 1% डायबिटिक व 15% प्रीडायबिटिक पाए जा रहे हैं।
यथार्थ अस्पताल ने शुरू की “ओबेसिटी क्लिनिक”
डॉ. मंजू त्यागी ने बताया कि बढ़ते मोटापे और डायबिटीज़ के मामलों को देखते हुए यथार्थ अस्पताल, नोएडा सेक्टर 110 में एक विशेष ओबेसिटी क्लिनिक शुरू की गई है। “यहाँ मरीजों को पूरी जांच, परामर्श और वजन नियंत्रित रखने के उपायों की सुविधा दी जाएगी, ताकि डायबिटीज़ का खतरा कम किया जा सके।”
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रोकथाम ही सबसे अच्छा इलाज
डॉ. गौतमी ए. वी., सीईओ, यथार्थ अस्पताल नोएडा सेक्टर 110, ने कहा कि हमारा ध्यान केवल इलाज पर नहीं, बल्कि रोकथाम पर भी है। नियमित हेल्थ चेकअप, स्वस्थ खानपान और एक्टिव लाइफस्टाइल अपनाकर डायबिटीज़ को समय रहते रोका जा सकता है।
डॉक्टरों की अपील
अस्पताल के विशेषज्ञों ने लोगों से अपील की कि अगर परिवार में डायबिटीज़ का इतिहास है तो नियमित शुगर टेस्ट करवाएँ, किसी भी लक्षण को नज़रअंदाज़ न करें और संतुलित जीवनशैली अपनाएँ।






