Home नई दिल्ली मोटापे की राजधानी बनने की ओर बढ़ रही देश की राजधानी दिल्ली

मोटापे की राजधानी बनने की ओर बढ़ रही देश की राजधानी दिल्ली

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संदिप कुमार गर्ग


नई दिल्ली। एक साइलेंट किलर दिल्ली के घरों में चुपचाप घुस रहा है—कभी फास्ट फूड के ज़रिए, कभी सुस्त जीवनशैली के सहारे, तो कभी मोबाइल, लैपटॉप और टीवी के सामने बिताए गए घंटों के कारण। मोटापा, एक शारीरिक स्थिति जो हमें सोचने पर मजबूर कर रही है लेकिन नियंत्रित करना मुश्किल हो गया है। आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में करीब 81% लोग मोटापे या अधिक वजन से ग्रस्त हैं।
इस बढ़ती समस्या को ध्यान में रखते हुए मिनिमल एक्सेस स्मार्ट सर्जरी हॉस्पिटल (मैश) ने वर्ल्ड ओबेसिटी डे के अवसर पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। इस कार्यक्रम में MASSH हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर और मिनिमल एक्सेस सर्जरी डायरेक्टर, डॉ. सचिन अंबेकर, और मैश ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स की संस्थापक एवं सीईओ, मानसी बंसल झुनझुनवाला ने मोटापे पर अपने विचार साझा किए।

मोटापा बढ़ा रहा है हृदय रोग और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा:
डॉ. सचिन अंबेकर ने कहा, “मोटापा सिर्फ सौंदर्य से जुड़ी समस्या नहीं, बल्कि यह एक गंभीर मेडिकल कंडिशन है जो डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग और यहां तक कि विभिन्न प्रकार के कैंसर का भी कारण बन सकती है। आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों, विशेष रूप से मिनिमल एक्सेस सर्जरी (MAS), के माध्यम से इस समस्या का प्रभावी समाधान संभव है।”

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