भवेश कुमार
घंटो मशक्कत के बाद धीरे-धीरे परिचालन चालू कर फंसी सभी गाड़ियों को भेजा गया। जिसके बाद यात्रियों ने राहत की सांस ली।वहीं डीआरएम ने कैरेज एंड वैगन, इंजीनियरिंग, परिचालन सहित अन्य विभागों के अधिकारियों को जांच कर रिपोर्ट करने को कहा। उसके बाद सारे विभाग के रेल अधिकारी घटना की अलग-अलग जांच शुरू कर दी। बताते चलें की जक्शन से 250 मीटर पश्चिम क्षेत्र को एक्सिडेंटल एरिया कहने से इंकार नही किया जा सकता है।
इससे पूर्व वर्ष 2013 में कपरपुरा जा रही सिमेंन्ट से लदी मालगाडी डिरेल होकर माड़ीपुर पुल को पूरी तरह गिरा दिया था। उसके कुछ ही दिन के बाद जक्शन के पश्चिम मस्जिद के समीप एक यात्री ट्रेन की बोगी पटरी से उतर गई थी। वर्ष1996 के करीब में भी एक मालगाड़ी माड़ीपुर पुल के निकट पटरी से उतर कर दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। रेल अधिकारियों को इस जगह पुर्व के उपरोक्त घटनाक्रम के कारण को ध्यान में रखकर एहतियातन रूूट को दुरूस्त करना चाहिए।