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संदिप कुमार गर्ग
नोएडा। पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्धनगर लक्ष्मी सिंह के निर्देशन एवं पुलिस उपायुक्त साइबर क्राइम प्रीति यादव के पर्यवेक्षण में साइबर अपराध से बचाव हेतु गौतमबुद्धनगर पुलिस द्वारा आमजन को लगातार जागरूक किया जा रहा है। साइबर अपराध करने वाले अपराधियों द्वारा कई प्रकार से साइबर फ्रॉड करने का प्रयास किया जाता है, जिनसे सावधानी बरतने से आप स्वयं और अपने परिजनों के साइबर फ्रॉड होने से बचा सकते है। वर्तमान में साइबर अपराधियों द्वारा मुख्य रूप से किये जा रहे अपराध निम्नवत है, जिनसे सावधन रहने से बचाव किया जा सकता है।
साइबर जागरूकता सुझावः
- केवाईसी अपडेट फ्रॉड- यदि आपके पास कोई व्यक्ति अपने को किसी बैंक से या टेलीकॉम कंपनी का कर्मचारी बनकर फोन करता है और आपका केवाईसी अपडेट करने के लिए कहता है तो उसके बताए अनुसार कोई भी प्रक्रिया फॉलो ना करें यह साइबर अपराधी है। आप इस संबंध में बैंक से या संबंधित मोबाइल कंपनियों के स्टोर पर जाकर संपर्क करें वहां से ही केवाईसी अपडेट करने का प्रयास करें।
- लिंक ओटीपी फ्रॉड- यदि आपके पास ईमेल से या सोशल मीडिया के किसी प्लेटफार्म से कोई किसी अनजान व्यक्ति द्वारा कोई लिंक भेजा जाता है या किसी वस्तु को परचेस करने हेतु या किसी संस्था में रजिस्ट्रेशन कराए जाने हेतु कोई लिंक या ओटीपी आता है तो ऐसे अनजान लिंक को क्लिक न करें एवं ओटीपी शेयर ना करें। किसी भी प्रकार की अनजान APK फाइल को ना खोले।
- सेक्सटारसन- किसी अनजान व्यक्ति द्वारा किए जाने वाले वीडियो कॉल को रिसीव ना करें साथ ही किसी अनजान व्यक्ति से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दोस्ती ना करें ना ही उनके फ्रेंड रिक्वेस्ट को स्वीकार करें और ना ही अपने व्यक्तिगत फोटो, वीडियो असुरक्षित प्लेटफार्म पर शेयर करें अन्यथा आपकी निजी जानकारी को इस्तेमाल करके अनावश्यक धन की मांग की जा सकती है जिससे आप सेक्सटारसन के शिकार हो सकते हैं।
- डिजिटल अरेस्ट- यदि आपके पास कोई व्यक्ति स्वयं को सीबीआई अधिकारी, पुलिस अधिकारी, .. का अधिकारी, नॉरकोटिक्स विभाग का अधिकारी, इनकम टैक्स का अधिकारी बनकर कॉल करता है उसके बाद आपको स्काइप याजूम ऐप डाउनलोड करा कर वीडियो कॉल करने के लिए कहता है और आपका आईडी अवैध मादक पदार्थ के विक्रय में हवाला जैसे कारोबार/money laaundering/ smuggling/ fake import export में संलिप्त पाए जाने की बात कह कर डराता है आपके विरुद्ध हुई एफआईआर दिखाता है, सुप्रीम कोर्ट का आदेश दिखाता है या कोर्ट सुनवाई करवाता है। तो यह व्यक्ति साइबर अपराधी है आपको डरना या भयभीत नहीं होना है इसकी तुरंत शिकायत अपने निकटवर्ती पुलिस स्टेशन य साइबर पुलिस स्टेशन में करनी है। साइबर अपराधी के कहने पर किसी भी खाते में कोई भी धनराशि ट्रांसफर नहीं करनी है। यदि आप ऐसा करते हैं तो आप साइबर ठगी के शिकार बन सकते हैं।
- इन्वेस्टमेंट फ्रॉड- यदि आपके पास टेलीग्राम के माध्यम से या सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफार्म के माध्यम से कम समय में इन्वेस्टमेंट करके शेयर मार्केट में अधिक पैसा कमाने का कोई ऑफर आता है तो आप समझ जाइए की साइबर अपराधी आपको अपने जाल में फंसा रहे है।ं आप ऐसे किसी भी शेयर मार्केट या ट्रेडिंग के प्लेटफार्म पर इन्वेस्टमेंट ना करें जो असुरक्षित है जो आरबीआई की गाइडलाइन को फॉलो नहीं करता तथा जो भारत सरकार के अधीन और सेबी के नियंत्रण में नहीं है। ऐसे अनजान शेयर मार्केट पर इन्वेस्टमेंट करने से आप साइबर ठगी के शिकार हो सकते हैं, इनवेस्टमेंट कर जल्दी मुनाफा, IPO का बार-बार निकालना, गलत ट्रैडिंग सलाह पर विश्वास ना करे।
- ओएलएक्स फ्रॉड- ओएलएक्स प्लेटफार्म पर किसी भी वस्तु को क्रय करने एवं विक्रय करने के लिए बहुत सावधानी रखने की आवश्यकता है। प्रायः साइबर अपराधी ओएलएक्स प्लेटफार्म पर किसी वस्तु का विक्रय करने का ऐड डालकर बड़ी चालाकी से आपसे पैसे अपने अकाउंट में डलवा लेते हैं एवं वह वस्तु आपको डिलीवर नहीं करते हैं, अथवा आपको लिंक भेजकर आपके फोन का डाटा चुराकर साइबर ठगी करते है। इसलिए ओएलएक्स पर क्रय विक्रय की जाने वाली वस्तु के संबंध में गहराई से जांच लें एवं जब तक आपको वस्तु की डिलीवरी आपके दिए पते पर ना हो जाए तब तक पैसे का पेमेंट ना करें अन्यथा आपके साथ धोखाधड़ी हो सकती है।
- गेमिंग फ्रॉड- आजकल साइबर अपराधी नवयुवकों व कम समय में अधिक लाभ कमाने वाले व्यक्तियों को गेमिंग एप के माध्यम से ठग रहे है। वह पहले लिंक भेजकर या मैसेज भेजकर ऐप डाउनलोड कराते हैं फिर उसमें चयन प्रक्रिया से अन्य साथियों को जोड़कर रजिस्ट्रेशन के नाम पर इन्वेस्टमेंट करके गेमिंग की रेटिंग बढ़ाने के नाम पर आपसे शुरू में पैसे इन्वेस्ट कराएंगे। बाद में वह एंप बंद करके आपके साथ धोखाधड़ी करते है। साथ ही साथ एक व्यक्ति से धोखाधड़ी करके उसकी धनराशि आपके खाते में और आपसे धोखाधड़ी करके धनराशि दूसरे के खाते में भेजते हैं जिससे आपको साइबर अपराध की कानूनी प्रक्रिया से भी गुजरना पड़ता है इसलिए गेमिंग एप के माध्यम से पैसा कमाने वाले लुभाने ऑफर/लिंक से सदैव बचकर रहे।
- कस्टमर केयर अधिकारी- यदि आपको किसी भी संस्थान या किसी भी मार्केटिंग ऐप से संबंधित अपनी समस्या/शिकायत संबंधित कस्टमर केयर अधिकारी को दर्ज करानी है तो उस संस्था की वास्तविक वेबसाइट या टोल फ्री नंबर का ही चयन करें। गूगल के माध्यम से किसी भी संस्था किसी भी ई-मार्केटिंग प्लेटफॉर्म के कस्टमर केयर अधिकारी का फोन चयन न करें इससे आपका संपर्क साइबर अपराधियों से हो जाएगा और वह कस्टमर केयर अधिकारी बनकर आपसे वार्ता कर आपकी गोपनीय जानकारी प्राप्त कर आपके साथ साइबर ठगी कर सकते है।
- गिफ्ट कार्ड फ्रॉड- यदि किसी अनजान व्यक्ति द्वारा आपको फोन करके आपका नाम लॉटरी में निकलना आपका नाम भाग्यशाली विजेताओं के रूप में चयनित किए जाने के नाम पर गिफ्ट देने की बात कही जाती है तो आप समझ जाइए की आप साइबर अपराधियों के संपर्क में है यदि आप उनके बताएं अनुसार अपने निजी डेटा की जानकारी शेयर करते हैं तो आप साइबर धोखाधड़ी के शिकार हो सकते हैं इसलिए यदि कोई गिफ्ट के नाम पर लॉटरी निकलने के नाम पर आपसे बात कर रहा है तो आप सावधान रहें और ऐसे फोन कॉल पर विश्वास ना करें।
- ट्रैवल कार्ड फ्रॉड- आजकल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बहुत सारे ऐप कम रेट पर टूर एंड ट्रैवल पैकेज के ऑफर दे रहे हैं इनमें से बहुत से साइबर अपराधी भी हैं जो हमको ट्रैवल कार्ड ट्रैवल पैकेज आदि का ऑफर मैसेज के माध्यम से या कॉल करके हमसे संपर्क करते हैं और हमें विश्वास में लेकर धोखाधड़ी करते हैं अतः ऐसे आने वाले किसी फोन कॉल पर विश्वास ना करें सदैव प्रतिष्ठित एवं रजिस्टर्ड ट्रेवल एजेंसियों से ही ट्रैवल पैकेज प्राप्त करें यदि हो सके तो यह कार्य भौतिक रूप से करें तो ज्यादा बेहतर है अन्यथा आप साइबर ठगी के शिकार हो सकते है।
- फॉरेन गिफ्ट कार्ड- बहुत से साइबर अपराधी हमसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर जुड़ते है, फिर हमसे दोस्ती करते हैं उसके बाद वह हमें बताते हैं कि उन्होंने विदेश से हमारे लिए गिफ्ट भेजा है जिसको कस्टम अधिकारी द्वारा पकड़ लिया गया है। जिसकी कुछ कस्टम ड्यूटी पे करनी है आप उस कस्टम ड्यूटी को पेड कर दें जिससे आपको विदेशी गिफ्ट मिल जाएगा। इस तरह से वह हमको झांसे में लेकर हमारी मेहनत की कमाई विभिन्न बैंक खातों में जमा करा कर हमें धोखाधड़ी का शिकार बना देते हैं इसलिए किसी विदेशी गिफ्ट भेजे जाने वाले किसी कॉल पर विश्वास करने की जरूरत नहीं है अन्यथा आप साइबर ठगी के शिकार हो सकते है।
- क्यूआर कोड फ्रॉड- इस तरह के अपराध में सबसे पहले यह ध्यान देने की जरूरत है की क्यूआर कोड को हम तभी स्कैन करते हैं जब हमें किसी को पैसा पेमेंट करना होता है इस तरह के अपराध में साइबर अपराधी हमें रेंट का पैसा देने के नाम पर या अन्य तमाम तरह के चीजों के क्रय विक्रय करने के नाम पर हमारे पास क्यूआर कोड भेजते हैं फिर वह हमसे कहते हैं इसको स्कैन करके अमाउंट भर दीजिएगा हम उतना अमाउंट आपके पास भेज देते हैं हम उनके विश्वास में आकर ऐसा करते हैं और हम साइबर ठगी के शिकार बन जाते हैं, अनजान क्यूआर कोड, जैसे होटल का मेनू कार्ड/ ब्रांड प्रमोशन स्कीम अपने फोन से ना खोलकर रेस्टोरेंट से फिजिकल कॉपी अथवा स्टाफ के फोन पर चेक करें।
- पासवर्ड फ्रॉड- सोशल मीडिया एवं डिजिटल मार्केट के क्षेत्र में पासवर्ड हमारा सबसे अहम और सुरक्षित डाटा है इसको कभी भी किसी को शेयर ना करें बैंकिंग पासवर्ड मोबाइल पासवर्ड, एप पासवर्ड, ईमेल पासवर्ड को कभी भी मोबाइल में सुरक्षित ना करें व सोशल मीडिया के किसी प्लेटफार्म पर शेयर ना करें सदैव उनको भौतिक रूप से सुरक्षित रखें पासवर्ड को समय-समय पर बदलते रहे। साथ ही साथ मोबाइल बैंकिंग वह इंटरनेट बैंकिंग ईमेल में टू स्टेप वेरीफिकेशन अवश्य लगा कर रखें ताकि यदि पासवर्ड किसी कारण बस कंप्रोमाइज भी हो जाता है तो बिना ओटीपी के साइबर अपराधी मोबाइल एक्सेस ना कर सके।
- क्रेडिट कार्ड लिमिट फ्रॉड- यदि आपके पास आपके क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाई जाने के संबंध में कोई फोन कॉल आता है तो आप उसको एंटरटेन ना करें यह कॉल साइबर अपराधी द्वारा किए जा सकते है। क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के लिए क्रेडिट कार्ड के ऐप पर विकल्प बने हुए हैं जिनका चयन कर लिमिट बढ़ाई जाने हेतु आप संबंधित बैंक को मैसेज भेज कर अनुरोध कर सकते है। फोन कॉल के माध्यम से क्रेडिट कार्ड की लिमिट नहीं बढ़ाई जाती है ऐसे फोन कॉल साइबर अपराधी ठगी के लिए प्रयोग करते है।
- ट्राई/इनकम टैक्स फ्रॉड- आजकल साइबर अपराधी आपको इनकम टैक्स अधिकारी बनकर/ट्राई का अधिकारी बनकर फोन कॉल करते हैं और आपकी संपत्ति आय से अधिक होने की बात बताकर जांच के नाम पर अथवा आपके मोबाइल के माध्यम से गलत गतिविधियों को किए जाने की बात बताकर आपको धमका कर जांच के नाम पर आपसे धन उगाही करते हैं ऐसे साइबर अपराधियों से सतर्क रहने की आवश्यकता है ट्राई या इनकम टैक्स का कोई अधिकारी किसी भी व्यक्ति को सीधे फोन कॉल नहीं करता है यह सदैव याद रखे।
- फेक शॉपिंग- डिजिटल मार्केटिंग के युग में बहुत सारे ऐप एवं साइट्स सामान क्रय विक्रय करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मौजूद है जिसमें साइबर अपराधी भी हमें लुभाने ऑफर देकर उनके लुभाने एड फेसबुक टेलीग्राम या अन्य माध्यमों से भेज कर हमें कम दामों में सस्ती चीज खरीदने के लुभावने ऑफर देते हैं और हम बिना उस साइट की वास्तविक जांच किए हुए उस साइट से सामान खरीदते हैं जिससे हम धोखाधड़ी के शिकार हो जाते हैं। इसलिए सदैव रजिस्टर्ड एवं प्रतिष्ठित मार्केटिंग साइट से ही कोई वस्तु खरीदें अन्यथा आप साइबर धोखाधड़ी के शिकार हो सकते है।
- क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट- क्रिप्टो करेंसी में लेनदेन भारत में लीगल लेनदेन नहीं है। क्रिप्टोकरंसी से संबंधित एक्सचेंज भारतीय कानून के नियंत्रण से परे हैं अतः हमें क्रिप्टोकरंसी में इन्वेस्टमेंट करने से पहले यह सदैव ध्यान रखना है कि यदि कोई साइबर अपराधी फेक क्रिप्टोकरंसी इन्वेस्टमेंट ऐप बनाकर हमारे साथ क्रिप्टोकरंसी के माध्यम से लेनदेन कर रहा है तो निश्चित ही वह हमारे साथ धोखाधड़ी करेगा जिससे हमारी पूंजी डूब सकती है इसलिए क्रिप्टोकरंसी के माध्यम से लेनदेन ना करें वर्तमान में साइबर अपराधी क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से इन्वेस्टमेंट करने के लिए प्रेरित करते हैं ताकि भविष्य में यदि उन बैंक खातों के खिलाफ कोई शिकायत की जाती है तो जांच एजेंसी पैसा रिफंड ना कर सके इसलिए क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्टमेंट या लेनदेन असुरक्षित लेनदेन है इससे बचने का प्रयास करे।
- इलेक्ट्रिसिटी/गैस कनेक्शन बिल- वर्तमान समय में साइबर अपराधी लोगों को मैसेज भेज कर फोन कॉल करके उनका बिजली का बिल जमा न होने गैस का बिल जमा न होने जिसके कारण कनेक्शन तत्काल काट देने का भय दिखाकर फोन कॉल करते हैं या मैसेज भेजते हैं और कंसेशन रेट पर बिल जमा करने हेतु लिंक भेज कर या किसी ऐप के माध्यम से जमा करने के लिए कहते हैं फिर वह आपके साथ धोखाधड़ी करते हैं इसलिए ऑनलाइन बिल जमा करने से पहले उस विभाग की वास्तविक वेबसाइट या उसके ऐप के माध्यम से ही बिल जमा करें।
- आसान लोन- वर्तमान समय में इंस्टेंट लोन, बिना वेरीफिकेशन लोन के नाम पर आपके मोबाइल पर अक्सर मैसेज, लिंक आते हैं जिस पर आप अपना समस्त डाटा शेयर कर देते हैं साइबर अपराधी पहले आपके खाते में लोन के नाम पर कुछ पैसा भेजते हैं बाद में उस पर अधिक से अधिक ब्याज लगाकर आप से धन वसूली करते हैं फिर आपको परेशान करते हैं आपके पास धमकी भरे फोन कॉल आते हैं इसलिए इस तरह से मोबाइल में आने वाले इंस्टेंट लोन, आसान लोन जैसे लुभावने ऑफर की ओर आकर्षित न हो और कोई डाटा शेयर ना करें अन्यथा आप साइबर ठगी के शिकार हो सकते हैं।
- ई-कॉमर्स बोनस- वर्तमान समय में प्रायरू प्रत्येक व्यक्ति ऑनलाइन परचेसिंग करता है साइबर अपराधी इसका फायदा उठाकर आपके पास मैसेज करते हैं कि आपने ऑनलाइन बहुत अच्छा खरीदारी की है जिसके लिए कंपनी आपको बोनस दे रही है इस तरह से जाल में फंसा कर वह किसी वस्तु को कम दाम में खरीदने को लेकर या बोनस की धनराशि आपके खाते में भेजे जाने के नाम पर आपका व्यक्तिगत डाटा प्राप्त करते हैं और उसके बाद आपके साथ धोखाधड़ी करते हैं इस प्रकार ई-कॉमर्स कंपनियों से प्राप्त होने वाले बोनस के नाम पर आने वाली किसी कॉल किसी मैसेज किसी लिंक पर विश्वास ना करें अन्यथा आप साइबर ठगी के शिकार बन सकते हैं।