ऋषि तिवारी
नई दिल्ली। राष्ट्रीय योग शिक्षक महासंघ द्वारा नई दिल्ली “जंतर मंतर” पर देश के सभी राज्यों से आए योग शिक्षकों के साथ योग में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया। जिसमें देश और प्रदेश के योग शिक्षक-शिक्षिकाओं ने सभी प्रदेश सरकारों द्वारा उनकी योग में विभिन्न मांगों को न मानने पर बहुत बड़ा आक्रोश जताया और केंद्र सरकार से देश में योग में विभिन्न विभागों में स्थाई रोजगार की मांग की है।
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- देश में प्राथमिक विद्यालयों से लेकर उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों तक योग को मुख्य विषय के रूप में सम्मिलित कर योग शिक्षकों के नए पदों का सृजन किया जाए और योग शिक्षकों की नियुक्ति की जाए।
- राष्ट्रीय आयुष मिशन एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत हेल्थ एवं वेलनेस केन्द्रों में या आरोग्य मंदिरों में सेवाएं दे रहे सभी योग शिक्षक-प्रशिक्षकों के मानदेय में वृद्धि करते हुए पदों का स्थाईकरण किया जाए।
- स्कूलों और महाविद्यालयों में योग शिक्षको की नियुक्ति की जाए।
- सभी सरकारी एवं गैर सरकारी अस्पतालों में योग थेरेपिस्ट के पदों का सृजन किया जाए।
- सभी डिफेंस सेक्टर में योग थेरेपिस्ट और योग शिक्षकों के पदों का सृजन किया जाए।
- देश में स्वतंत्र योग आयोग का गठन किया जाए।
- योग में नियुक्ति के लिए अधिकतम आयु सीमा 42 वर्ष के स्थान पर 45 वर्ष की जाए।
इस राष्ट्रीय योग आंदोलन के मुख्य सूत्रधार राष्ट्रीय योग शिक्षक महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुमार मंगलम सेमवाल, योगाचार्य शिव शंकर नौटियाल, योगाचार्य अमित नेगी, योगाचार्य ललित मोहन डंगवाल, योगाचार्य अर्जुन पवार, नीरज डिमरी, ओमप्रकाश कालवा, मनोज कुमार सैनी, राकेश तुनवाल, एस. एन. यादव, सुदर्शन शर्मा, मुरलीधर वर्मा, मल्लिका कानन, चारु नेगी, वैशाली श्रवण, विभाकर उपाध्याय एवं विभिन्न राज्यों से आए हुए सभी योग वीर-वीरांगनाओं ने धरना दिया, सभी योग शिक्षकों का कहना है कि अगर सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करेगी तो हम आगामी अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2025 से पूर्व इस राष्ट्रीय योग आंदोलन को और विराट रूप देंगे। -
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