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Najafgarh Murder : नजफगढ़ में बाइक सवार बदमाशों ने डबल मर्डर केस के चश्मदीद गवाह को मारी गोली, मौत

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ऋषि तिवारी


नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली फिर गैंगवार की घटना चालू हो गई है जिसमें फरवरी 2024 के नजफगढ़ सैलून डबल मर्डर केस में अहम गवाह नीरज तेहलान था बल्कि एक क्रिमिनल केस में आरोपी भी था। जिसे नजफगढ़ में अपनी कार में बैठे नीरज तेहलान को बाइक पर आए बदमाशों ने गोलियों से कई बार वार किया जिससे उसकी मौत हो गई। मामले की सूचना मिलने के बाद नजफगढ़ थाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

शुक्रवार बदमाशों ने एसे कि फायरिंग
बता दे ​कि शुक्रवार शाम करीब 7 बजे नीरज तेहलान अपने निजी काम से कहीं जा रहा था और इसी दौरान डिचाऊं पेट्रोल पंप के पास बाइक सवार बदमाशों ने उसकी कार को आगे आकर रोक लिया। जिसके बाद उस पर फायरिंग शुरू कर दी। आरोपियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की गई। जिससे कई गोली नीरज को जा लगी और वह गंभीर रूप से घायल हो गया। बाइक सवार फरार हो गए। वहां मौजूद राहगीरों ने मामले की सूचना तूरंत पुलिस को दी और नजफगढ़ थाना पुलिस मौके पर पहुंची, जहां कार में नीरज बेसुध होलत में पड़ा था। पुलिस ने उसे नजदीकी अस्पताल में भर्ती किया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

बाहर से से ऑपरेट हो रहा है गैंग
बता दे कि जांच में जो बात सामने आई वह सबसे चौंकाने वाली है वो ये कि इस हत्याकांड के पीछे जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर चिंटू उर्फ हर्ष धनकड़ और विदेश में बैठे गैंगस्टर संजू दहिया का हाथ हो सकता है। पुलिस का शक है कि दोनों इस मर्डर को अंजाम देने के मास्टरमाइंड हो सकते हैं। बता दे कि घटना के समय मौजूद लोगों और सीसीटीवी (CCTV) फुटेज के मुताबिक 2 से 3 बाइक सवार बदमाशों ने नीरज की कार को घेरा और अंधाधुंध गोलियां चला दी। आसपास भगदड़ मच गई लेकिन हमलावर भागने में कामयाब हो गए। पुलिस अब CCTV की मदद से बदमाशों की पहचान में जुटी हुई है।

जाने नीरज तेहलान कौन था नीरज?
बता दे कि नीरज तेहलान वह साधारण व्यक्ति नहीं था, उस पर एक लाख का इनाम था और वह 2021 में हुई एक हत्या का भी आरोपी रह चुका है। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक नीरज टिल्लू गैंग से जुड़ा हुआ था और दिल्ली-हरियाणा के गैंग राइवलरी में उसकी भूमिका कई बार चर्चा में रही है। इस हत्याकांड के बाद सबसे बड़ा सवाल यही है कि जब एक गवाह को इस तरह सरेआम मार दिया जातता है। जो कि कौन आगे आकर न्याय की लड़ाई में साथ देगा? यह सिर्फ कानून-व्यवस्था के लिए नहीं, बल्कि न्याय प्रक्रिया पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है।

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