ऋषी तिवारी
भारतीय फिल्म जगत के दिग्गज अभिनेता और हास्य अभिनय के सम्राट असरानी (Asrani) के निधन पर पूरे देश में शोक की लहर है। ऐसे में विश्वविख्यात लव कुश रामलीला कमेटी ने भी अपने मंच से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। कमेटी के प्रेसिडेंट अर्जुन कुमार ने सभी पदाधिकारियों के साथ असरानी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए और उन्हें एक “अभिनय की जीवंत पाठशाला” बताया।
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असरानी का रामलीला मंच से जुड़ाव
लव कुश रामलीला कमेटी और असरानी (Asrani) के रिश्ते बेहद आत्मीय रहे हैं। अर्जुन कुमार ने बताया कि जब असरानी जी को लाल किले के ऐतिहासिक मंच पर नारद मुनि का किरदार निभाने का प्रस्ताव दिया गया, तो उन्होंने इसे अपने जीवन का गौरवपूर्ण अवसर बताया। उन्होंने कहा था कि “यहाँ हजारों राम भक्तों के सामने अभिनय करना किसी फिल्म की शूटिंग से कहीं ज्यादा चुनौतीपूर्ण और आत्मिक अनुभव है।”
असरानी (Asrani) ने लव कुश रामलीला के मंच पर नारद मुनि समेत पाँच अलग-अलग किरदारों को निभाया। अर्जुन कुमार के अनुसार, वे इतने डाउन टू अर्थ थे कि होटल में रिहर्सल करने के बाद भी दोपहर को रामलीला ग्राउंड पहुंचकर बाकायदा अपनी भूमिकाओं की दोबारा तैयारी करते थे। वे अन्य कलाकारों के साथ ग्राउंड में ही भोजन करते और सबके साथ सहजता से घुलमिल जाते।
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राम भक्तों में असरानी का था खास आकर्षण
रामलीला कमेटी के अनुसार, जिस दिन असरानी (Asrani) का रोल होता, राम भक्तों की भीड़ शाम से ही मैदान में जुटने लगती। “उनकी एक झलक पाने को लोग बेताब रहते थे”, अर्जुन कुमार ने कहा।
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फिल्मी और रामलीला जगत दोनों को क्षति
अर्जुन कुमार ने बताया कि असरानी (Asrani) न केवल फिल्म इंडस्ट्री के लिए, बल्कि रामलीला मंचन की दुनिया के लिए भी एक अपूरणीय क्षति हैं। उन्होंने यह भी साझा किया कि असरानी अक्सर अपने संघर्ष के दिनों को याद करते और नई पीढ़ी के कलाकारों को प्रेरणा देते। एक पुराने इंटरव्यू का ज़िक्र करते हुए उन्होंने बताया कि जब असरानी विदेशों में कार्यक्रम के लिए जाते, तो लोग “अंग्रेजों के ज़माने के जेलर” के साथ-साथ “नारायण नारायण” बोलने की फरमाइश करते।
लव कुश रामलीला कमेटी ने असरानी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उनके योगदान को याद किया और उन्हें मंच से अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की।






