नोएडा। रविवार पामवेद फाउंडेशन एवं दैनिक करंट क्राइम के तत्वावधान में आयोजित परिवार बचाओ अभियान का शुभारम्भ किया गया जहां एनसीआर के 21 परिवारों ने मिलकर परिवार के महत्व एवं उसमें आने वाली चुनौतियों पर गहन विचार विमर्श किया तथा एकमत से तय किया गया कि परिवार के बुजुर्गो का सम्मान करें पर्यावरण की रक्षा करें संस्कारों का और मूल्य आधारित जीवन शैली बनाएं तथा स्वास्थ्य का सब लोग विशेष ध्यान रखे। प्रत्येक घर में श्री रामचरितमानस की 10 दोहे जरुर पढ़े जाएं ताकि हमें अपनी संस्कृति एवं सभ्यता का ज्ञान बने रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रख्यात भविष्यवक्ता डॉ. लक्ष्मीकान्त त्रिपाठी ने कहा कि परिवार राष्ट्र का आधार है और परिवार का आधार संस्कार है अतः विज्ञान तकनीक एवं सोशल मीडिया के युग में भी हम परिवार का साथ न छोड़े क्योंकि आने वाले समय में जिस तरह की चुनौतियां दिख रही हैं उनका सामना वही कर सकेंगे जो अपने परिवार से मजबूती से जुड़े रहेंगे उन्होंने कहा कि बाजार की अंधी दौड़ में शामिल होने से पहले हम उसके परिणामों पर विचार करें। बुजुर्ग हमारे लिए बोझ नहीं बल्कि संपदा है उन्हें सुनने का धैर्य दिखाना चाहिए उन्होंने कहा की हथेली में जीवन रेखा, शीर्ष रेखा और हृदय रेखा के दोष शाकाहार, सदाचार एवं परोपकार की प्रवृत्ति अपनाकर पूरी तरह से ठीक किए जा सकते हैं।
उपस्थित परिवारों को सम्बोधित करते हुए दैनिक करंट क्राइम के प्रधान संपादक मनोज गुप्ता ने कहा कि आज बच्चे इतने व्यस्त हैं कि उन्हें अपने लिए सोचने का समय नहीं है हमें बच्चों के मित्र बनकर उन्हें समझना होगा और सुसंस्कृत करना होगा तथा प्राचीन संस्कृति एवं आधुनिक विचारों में तालमेल बना रहे।। पामवेद ने पिछले 25 वर्षों से हम सब परिवारों को जिस तरह से जोड़ कर रखा है उसकी सराहना होनी चाहिए।
कार्यक्रम के संयोजक एवं स्पेक्टेक के चेयरमैन रतन कुमार जी ने कहा कि हमें अपने परिवारों को सोशल मीडिया और अनावश्यक आधुनिकीकरण से बचाने की आवश्यकता है। नई पीढ़ी को अपने प्राचीन सांस्कृतिक मूल्यों से परिचित कराने की आवश्यकता है ताकि वह हमारी जड़ों से जुड़ सकें।परिवार बचाओ अभियान से, देश के हर परिवार जोड़ना आज की जरूरत है । इस अवसर पर संजय कुमार पांडे नरेश अग्रवाल मनीष गुप्ता डॉ.पूनम सिंह मुग्ध कुमार फतेह बहादुर सिंह सहित अनेक लोगों ने अपने विचार प्रकट किए। कार्यक्रम का सफल संचालन अनिरुद्ध सिंह ने किया।