Wednesday, August 6, 2025
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सैकड़ों अभिभावकों ने “एंटी-पैरेंट” फीस रेगुलेशन बिल के खिलाफ दिल्ली विधानसभा का किया घेराव

ऋषि तिवारी


नई दिल्ली। आज दिल्ली के निजी स्कूलों के सैकड़ों अभिभावक दिल्ली विधानसभा के बाहर एकत्र हुए और कल विधानसभा में पेश किए गए नई दिल्ली फीस रेगुलेशन बिल का कड़ा विरोध किया। अभिभावकों ने इसे खतरनाक और अभिभावक-विरोधी विधेयक बताते हुए आरोप लगाया कि इसे संवैधानिक प्रक्रिया और हितधारकों से परामर्श के बिना पेश किया गया है।

अभिभावकों का कहना है कि यह बिल:

  • शिकायत दर्ज करने के लिए 15% अभिभावकों के समर्थन की अनिवार्यता के जरिए व्यक्तिगत अभिभावकों की आवाज़ को दबाता है।
  • स्कूलों को नई “श्रेणियों” के नाम पर अतिरिक्त शुल्क वसूलने का अधिकार देता है।
  • पहले से गैर-कानूनी और अप्रूव न की गई फीस को वैध करता है।
  • स्कूल खातों की अनिवार्य ऑडिट प्रक्रिया को समाप्त करता है।
  • फीस विवादों में अभिभावकों का सिविल कोर्ट जाने का अधिकार छीनता है।
  • DSEAR नियमों को मज़बूत करने के बजाय कमजोर करता है।

“यह अभिभावक विरोधी बिल है, जिसे संवैधानिक मानकों का पालन किए बिना लाया गया है,” एक प्रदर्शनकारी ने कहा। एक अन्य ने इसे “आज़ादी के बाद भारत के इतिहास में शिक्षा के लिए काला दिन” बताया और कहा कि इस प्रक्रिया में अभिभावकों, शिक्षाविदों, वकीलों और अन्य महत्वपूर्ण हितधारकों की राय नहीं ली गई।

एक चौंकाने वाले खुलासे में, एक अभिभावक ने एक संदेश दिखाया जो कथित तौर पर अजय खाताना (जिला अध्यक्ष), अशोक भारद्वाज और गीति गुलाटी द्वारा मंडल अध्यक्ष, नगर पार्षद, जिला पदाधिकारी और वरिष्ठ कार्यकर्ता को भेजा गया था, जिसमें प्रत्येक से अपने क्षेत्र से 25 कार्यकर्ताओं को अभिभावक के रूप में इस बिल के समर्थन में लाने का आग्रह किया गया था। यह संदेश ऑल दिल्ली पैरेंट्स के X हैंडल United Parents’ Voice पर उपलब्ध है, जिसकी प्रामाणिकता की स्वतंत्र पुष्टि नहीं हुई है।

राजनीतिक नेताओं ने भी विरोध में भाग लिया:

विपक्ष की नेता आतिशी ने कल ही इस बिल का विरोध करते हुए दो मांगें रखीं:

  •  बिल को चयन समिति के पास संवैधानिक समीक्षा के लिए भेजा जाए।
  •  तब तक, किसी भी स्कूल को 2024–25 की डीओई-अनुमोदित बेस फीस से अधिक कोई अतिरिक्त शुल्क वसूलने की अनुमति न दी जाए।

दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने अभिभावकों को बिना शर्त समर्थन देते हुए कहा, “यह बिल किसानों के कानूनों जैसा है — बीजेपी जनता की सहमति के बिना जनविरोधी कानून थोप रही है, जैसे किसानों के साथ किया था।”

आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इस अभिभावक विरोधी बिल के खिलाफ सभी स्तरों पर लड़ाई जारी रहेगी, ताकि दिल्ली के सभी अभिभावकों को राहत मिल सके।

दिल्ली भर के अभिभावक अब सरकार की अगली चाल का इंतज़ार कर रहे हैं — और प्रदर्शन, शिकायत या कानूनी कार्रवाई के लिए हर स्तर पर तैयार हैं।

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