गोदरेज एंटरप्राइजेज का प्रमुख फर्नीचर ब्रांड, “इंटरियो बाय गोदरेज” ने हाल ही में एक गहरा शोध अध्ययन प्रकाशित किया है, जिसमें यह पाया गया कि भारत के कर्मचारियों का 89% हिस्सा चाहता है कि उनका कार्यस्थल पारंपरिक कॉरपोरेट माहौल से हटकर एक घर जैसा माहौल और आरामदायक, अनुकूलनशील (एडाप्टिव) स्थान हो।
इस अध्ययन का शीर्षक “सोशल ऑफिस 2.0: हाइब्रिड कार्यस्थलों की वास्तविकता” है, जिसमें गोदरेज इंटरियो ने भारत भर में 350 कर्मचारियों से उनके कार्यस्थल, कार्यशैली और प्राथमिकताओं पर गहन जानकारी जुटाई। यह अध्ययन इस बात की पुष्टि करता है कि हाइब्रिड कार्य मॉडल की बढ़ती लोकप्रियता के बावजूद, अधिकांश कर्मचारियों को अपने ऑफिस स्पेस में और अधिक सहयोग, एकाग्रता, और सामाजिक जुड़ाव के अवसर चाहिए।
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प्रमुख निष्कर्ष
हाइब्रिड कार्य मॉडल की बढ़ती स्वीकार्यता: भारत का कार्यबल तीन प्रमुख श्रेणियों में विभाजित है: 42.1% कर्मचारी केवल ऑफिस से काम करते हैं, 10.5% घर से काम करते हैं, और 47.4% कर्मचारी हाइब्रिड कार्य मॉडल का पालन करते हैं।
ऑफिस से जुड़ी प्राथमिकताएँ:
77% नए जॉइनर्स और 75% वरिष्ठ कर्मचारी कार्यालय में सहयोग, मार्गदर्शन, और नेटवर्किंग को प्राथमिकता देते हैं। लगभग 89% कर्मचारियों का मानना है कि ऑफिस को एक ऐसा स्थान होना चाहिए जो पारंपरिक कॉरपोरेट माहौल से हटकर, घर जैसा आरामदायक और अनुकूल हो।
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आवश्यक कार्यक्षेत्रों की पहचान:
केंद्रित काम के लिए इमर्सिव स्पेसेज़ (57.9% कर्मचारी व्यक्तिगत वर्कस्टेशनों को प्राथमिकता देते हैं), सहयोग के लिए इंटरेक्टिव स्पेसेज़ (57.9% कर्मचारियों ने मार्गदर्शन और सीखने के लिए इन स्थानों को महत्त्वपूर्ण बताया), समुदाय निर्माण के लिए सोशल कोर्टयार्ड्स (84.2% कर्मचारियों ने नेटवर्किंग और संगठनात्मक संस्कृति से जुड़ने के लिए इन स्थानों को जरूरी बताया)।
कार्यालयों में परिवर्तन की आवश्यकता:
शोध में यह भी पाया गया कि पिछले तीन वर्षों में केवल 29.4% कार्यालयों ने अपने कार्यस्थल को महत्वपूर्ण रूप से बदलने का प्रयास किया है, जबकि कर्मचारियों की कार्य करने की आदतों में बुनियादी बदलाव आया है।
समीर जोशी का बयान:
समीर जोशी, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और हेड ऑफ बी2बी बिज़नेस, इंटरियो बाय गोदरेज ने कहा, “हाइब्रिड कार्य अब केवल एक ट्रेंड नहीं है, बल्कि यह एक नई वास्तविकता बन चुका है। हमारा शोध यह दर्शाता है कि कर्मचारी केवल काम करने के लिए नहीं, बल्कि एक ऐसा वातावरण चाहते हैं जो उनकी व्यक्तिगत उत्पादकता, सहयोग और सामाजिक जुड़ाव को बढ़ावा दे। हमारे समाधान संगठनों को कार्यस्थल को अनुकूलनशील और प्रौद्योगिकी-सक्षम बनाने में मदद करेंगे।”
भविष्य की दिशा:
इंटरियो बाय गोदरेज ने यह भी संकेत दिया है कि वे आगामी वित्तीय वर्ष में अपने इस सेगमेंट को 25% तक बढ़ाने की योजना बना रहे हैं, क्योंकि कर्मचारियों के लिए मानव-केंद्रित कार्यक्षेत्रों की आवश्यकता अब और भी महत्वपूर्ण हो गई है।
गोदरेज इंटरियो का मानना है कि कार्यस्थल में बदलाव सिर्फ़ एक डिज़ाइन का मामला नहीं है, बल्कि यह कर्मचारियों की मानसिकता और कार्यशैली को भी प्रभावित करता है। पारंपरिक कार्यक्षेत्र अब कर्मचारियों की नई जरूरतों को पूरा करने के लिए अनुकूलनशील इकोसिस्टम में बदलने चाहिए।






