ऋषि तिवारी
नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की एक और पहल पर डीडीए ने यमुना बाढ़ मैदानों पर स्थित अपने पार्कों में जूट की कालीन बिछाने की शुरुआत की है और यह पहल विशेष रूप से उन पार्कों में शुरू किया जा है। उन्होंने अपने जूट के अनुभव का उपयोग करते हुए डीडीए को निर्देश दिया कि वह आसिता पूर्व पार्क में चलने और साइक्लिंग करने के रास्तों पर जूट की ढीली बुनी कालीन बिछाए।
बता दें कि बाढ़ मैदानों में पथरीकरण पर रोक लगने के कारण पार्कों के अंदरूनी रास्तों पर धूल का स्तर बढ़ गया था, जिससे न केवल पार्क आने वाले लोगों को असुविधा हो रही थी बल्कि धूल उड़ाने से प्रदूषण भी हो रहा था। इस समस्या के समाधान के लिए उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने जूट कालीन के उपयोग का सुझाव दिया है।
बता दे कि इस सफलता से प्रोत्साहित होकर उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने निर्देश दिया है कि उत्तर रिज क्षेत्र में भी इसी तकनीक को अपनाया जाए और हाल ही में डीडीए ने उपराज्यपाल के दौरे के बाद वहां पुनर्स्थापन का कार्य शुरू किया था। यह पहल धूल नियंत्रण व बाढ़ मैदानों में मिट्टी के कटाव को रोकने के साथ-साथ जूट किसानों और जूट उद्योग को भी एक नई ऊर्जा प्रदान कर रही है। इस सस्ते व प्रभावी उपाय ने न केवल पर्यावरणीय दृष्टिकोण से लाभ दिया है, बल्कि सतत विकास के क्षेत्र में भी एक नई मिसाल है। डीडीए अधिकारियों के अनुसार आने वाले समय में दिल्ली के अन्य हरित क्षेत्रों में भी इस मॉडल को अपनाने की तैयारी है। इससे राजधानी दिल्ली को और अधिक स्वच्छ, हरित व प्रदूषण मुक्त बनाया जा सकेगा।