संध्या समय न्यूज संवाददाता
अपनी पुस्तक, जनता की प्रतिक्रिया और कविता के प्रति अपने प्रेम के बारे में पूछे जाने पर मालवी ने बताया, ” वैसे तो मैंने यह किताब 2020 में ही लिख ली थी, लेकिन अब राजकमल प्रकाशन के ज़रिए यह रिलीज़ हुई है। 6 फरवरी को ‘विश्व पुस्तक मेला’ चल रहा था और उन्होंने उसी समय दिल्ली में एक उचित पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के साथ पुस्तक का विमोचन किया। भगवान की कृपा से यह बहुत अच्छा रहा और अब, विभिन्न माध्यमों से पुस्तकें बहुत ज़्यादा बिक रही हैं। अब तक 3के से ज़्यादा प्रतियाँ बिक चुकी हैं और यह पुस्तक हिंदी और उर्दू शायरी के बारे में है। इसमें 105 से ज़्यादा कविताएँ हैं और यह ग़ज़लों के बारे में ज़्यादा है। सभी ग़ज़लें गायन वाली हैं और कोई भी उन्हें गा सकता है। वे सभी बहुत ही काव्यात्मक ढंग से बनाई गई हैं और बहुत से लोग इसके बारे में अच्छी समीक्षा दे रहे हैं। मुझे बहुत खुशी है कि आखिरकार मेरी किताब आ गई है और इसे अच्छी समीक्षाएँ मिल रही हैं। इसके अलावा, अपनी किताब को अपनी प्रेरणा की किताब के बगल में देखना वाकई एक ख़ास एहसास है।”