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19 वें इंडियन फैशन ज्वैलरी एवं एक्सेसरीज शो ने लोगों को किया आकर्षित

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संदिप कुमार गर्ग


ग्रेटर नोएडा। रविवार को इंडिया एक्सपो सेंटर में आयोजित भारतीय फैशन ज्वैलरी एवं एक्सेसरीज शो (आईएफजेएएस) का 19वां संस्करण आयोजित किया जा रहा है। 4 से 6 जुलाई 2025 तक हो रहे इस आयोजन में पूरे दुनिया के व्यवसायिक आगंतुकों के साथ ही पूरे भारत के घरेलू खुदरा विक्रेताओं का स्वागत किया गया।

इस अवसर पर हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) के चेयरमैन डॉ.नीरज खन्ना ने कहा,”इस सत्र के लिए शो का समापन सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ हुआ, जिसमें इस क्षेत्र की गतिशीलता और योग्यता को दर्शाया गया।” उन्होंने भारतीय हस्तशिल्प के निर्यात के लिए अपने रणनीतिक दृष्टि को रेखांकित किया, जिसका शीर्षक था, ‘3 गुना 30 तक – कॉन्फिडेंस, कैपेबिलिटीज, कैपेसिटी’। यह क्षेत्रीय सशक्तीकरण, डिजिटल बदलाव और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा पर केंद्रित है। अपनी बातों का विस्तार देते हुए उन्होंने यह भी कहा कि समावेशी विकास, क्षमता निर्माण और दूरदर्शी योजना के लिए यह नया प्रयास हस्तशिल्प सेक्टर में वैश्विक नेता के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करेगा। साथ ही यह प्रयास परिषद की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

ईपीसीएच के महानिदेशक की भूमिका में मुख्य संरक्षक और आईईएमएल के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने आईएफजेएएस में बढ़ते उत्पाद पेशकशों को देखते हुए अपना उत्साह साझा किया। उन्होंने कहा,” यह उत्साहजनक है कि आईएफजेएएस वैश्विक दर्शकों की सभी फैशन आवश्यकताओं के लिए वन-स्टॉप सोर्सिंग गंतव्य के रूप में विकसित हो रहा है। फैशन के रुझानों के आधार फैशन व्यापार में तेजी से बदलाव होते हैं, ऐसी स्थिति में भारतीय फैशन ज्वैलरी और एक्सेसरीज़ शो एक बहुत ही शक्तिशाली मंच के रूप में उभर रहा है। यह आयोजन वर्तमान कारोबारी माहौल के अनुरूप केंद्रित और कॉम्पैक्ट है।”

ईपीसीएच के उपाध्यक्ष श्री सागर मेहता ने इस मौके पर कहा, “आईएफजेएएस ने भारतीय खुदरा क्षेत्र के प्रमुख प्लेयर्स के साथ-साथ फैशन डिजाइनरों, खुदरा श्रृंखलाओं, बुटीक मालिकों, फैशन ब्रांडों, थोक विक्रेताओं, ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों और उद्योग पेशेवरों सहित प्रतिष्ठित वैश्विक दर्शकों को आकर्षित किया। 200 प्रदर्शकों ने खरीदारों के साथ सक्रिय संवाद किया, जबकि प्रतिभागी कारीगरों ने सीखने और प्रदर्शन के लिए व्यापार मंच का भरपूर लाभ उठाया। विभिन्न प्रतिभागियों के उत्पादों की रैंप प्रस्तुतियों ने काफी ध्यान आकर्षित किया। आईएफजेएएस ने फैशन ज्वैलरी, सेमी प्रेशियश ज्वैलरी, बेल्ट और वॉलेट, हैंडबैग और पर्स, फैशन एक्सेसरीज, सिर और बालों की एसेसजीज, स्टोल और स्कार्फ, शॉल, कढ़ाई, मनके और सेक्विन वाले सामान, डिजाइनर फुटवियर, लाउंज वियर और कारीगर परिधान, सुरक्षात्मक वस्त्र और घटक सहित विविध और अच्छी तरह से क्यूरेट किए गए उत्पाद रेंज का प्रदर्शन किया। क्षेत्रीय कारीगर और उद्यमी जिन्होंने मेले में अपने नवीनतम संग्रह प्रस्तुत किए, वे पुष्ट ऑर्डर, मजबूत पूछताछ और मेले के बाद आशाजनक फॉलो-अप के साथ लौट रहे हैं।”

आईएफजेएएस 2025 के अध्यक्ष श्री जे पी सिंह ने कहा,”इस शो में भारतीय फैशन ज्वैलरी और फैशन एक्सेसरीज क्षेत्र के कई प्रदर्शक शामिल हुए, जिनमें प्रमुख निर्माता-निर्यातक, छोटे और मध्यम उद्यम, अंतरराष्ट्रीय पहुंच और विस्तार के इच्छुक डिजाइनर और भारत भर के कारीगर उद्यमी शामिल थे।” आईएफजेएएस 2025 के उपाध्यक्ष श्री मोहम्मद रईस ने कहा,”फैशन ज्वैलरी और फैशन एक्सेसरीज बनाने वाले केंद्र और दिल्ली एनसीआर, मुरादाबाद, जयपुर, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद आदि शहरों का अच्छा प्रतिनिधित्व रहा और खरीदारों ने इन्हें पसंद किया।”

ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर के वर्मा ने शो के तीनों दिनों में खरीदारों के सकारात्मक सोच की बात करते हुए कहा, ” आयोजन में कुल 67 देशो से आए लगभग 400 खरीदार और खरीद प्रतिनिधियों ने भारत से व्यापार के अवसरों और सोर्सिंग के लिए दौरा किया, जिससे 325 करोड़ रुपये की पूछताछ हुई। इसके अलावा, 250 से अधिक तादाद के घरेलू खरीदार भी मेले में शामिल हुए। हमारे खरीदार ऑस्ट्रिया, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, मैक्सिको, नीदरलैंड, पुर्तगाल, स्पेन, दक्षिण अफ्रीका, यूएई, यूएसए और कई अन्य जगहों से आए और मेले का दौरा किया। उन्होंने इस बात की सराहना की है कि इफ्जास (आईएफजेएएस) को किस तरह से सहज सोर्सिंग अनुभव सुनिश्चित करने के लिए सोच-समझकर डिज़ाइन किया गया है। उन्हें फ़ैशन ज्वेलरी, एक्सेसरीज़ के साथ-साथ कंपोनेंट और उनके कच्चे माल सहित उत्पाद खंडों में विस्तृत पोर्टफोलियो पसंद आया है, जो आने वाले सीज़न के लिए उनके बाज़ारों के अनुकूल है।”

हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) दुनिया भर के विभिन्न देशों में भारतीय हस्तशिल्प निर्यात को बढ़ावा देने और उच्च गुणवत्ता वाले हस्तशिल्प उत्पादों और सेवाओं के एक विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में विदेशों में भारत की छवि और होम, लाइफस्टाइल, टेक्स्टाइल, फर्नीचर और फैशन जूलरी ऐंड एक्सेसरीज प्रॉडक्ट के उत्पादन में लगे क्राफ्ट क्लस्टर के लाखों कारीगरों और शिल्पकारों के प्रतिभाशाली हाथों के जादू की ब्रांड इमेज बनाने के लिए जिम्मेदार एक नोडल संस्थान है। इस अवसर पर ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक श्री आर के वर्मा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान हस्तशिल्प का कुल निर्यात 33,123 करोड़ रुपये (3,918 मिलियन डॉलर) रहा। इसके साथ ही वर्ष 2024-25 के दौरान फैशन ज्वैलरी और एक्सेसरीज़ का निर्यात 6252 करोड़ रुपए था (739 मिलियन डालर) रहा। ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक श्री आर. के. वर्मा ने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में रुपये के लिहाज से 7.92% और डॉलर के लिहाज से 5.64% की वृद्धि दर्ज की गयी है।

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