Tuesday, July 15, 2025
spot_img
Homeमुख्य समाचारदेवकीनंदन दीक्षित सभा गृह में हुआ कार्यक्रम अनहद का आयोजन

देवकीनंदन दीक्षित सभा गृह में हुआ कार्यक्रम अनहद का आयोजन

सुनील चिंचोलकर


बिलासपुर, छत्तीसगढ़। श्री कला मंजरी कथक संस्थान और भातखंडे संगीत महाविद्यालय के तत्वाधान में देवकीनंदन दीक्षित सभा गृह में संगीत में कार्यक्रम अनहद का आयोजन हुआ। जिसमें ध्रुपद गायन और ध्रुपद की बंदिश गणेश परण की कथक शैली में प्रस्तुति हुई ।

ध्रुपद गायन भारत का प्राचीन और अर्वाचीन गायन शैली और अंग है। ध्रुपद की परंपरा भारतीय संगीत की सबसे पुरानी परंपरा है जिसमें ही पारसी और ईरानी के आने के बाद ख्याल परंपरा का जन्म हुआ बिलासपुर शहर में नई दिल्ली से पधारे अजय पाठक शिष्य रहे हैं पंडित अभय नारायण मलिक के जो की गौङंवाणी दरभंगा घर आने के ध्रुपद गायक रहे हैं ध्रुपद गायन की परंपरा का मुख्य आधार शिव और शिव से जुड़े रंग हैं बाद में समय अनुसार इसमें भगवान कृष्ण के भी रस के रंग सम्मिलित होते गए प्रस्तुत किए जा रहे कार्यक्रम में सर्वप्रथम गायक ने राग यमन, ताल धामर, चौताल तत्पश्चात लाल शूल तालमें मे मल्हार की प्रस्तुति दी।

कार्यक्रम की शुरुआत में पंडित बिरजू महाराज के शिष्य रितेश शर्मा के शिष्यों द्वारा लाल चौताल और राह शंकर पर आधारित गणेश परण की प्रस्तुति द्रुपद में की गई। इस अवसर पर स्पीक मेके के छत्तीसगढ़ कोऑर्डिनेटर अजय श्रीवास्तव, सिम्स के डीन डॉक्टर रमणेश मूर्ति, विवेक जोगलेकर, शुभदा जोगलेकर, सतीश जायसवाल, डॉक्टर विप्लव चक्रवर्ती, ममता चक्रवर्ती, देवेंद्र शर्मा रितेश शर्मा शीला शर्मा, डॉ विजय शर्मा सहित भातखंडे संगीत महामाया विद्यालय के छात्र-छात्राएं वह स्टाफ सहित बड़ी संख्या में संगीत प्रेमी उपस्थित थे। पाठक के ध्रुपद गायन में संगत में उनके सुपुत्र अनिकेत पाठक पखावज पर, हारमोनियम में लहरों पर सचिन सिंह बरगाह तानपुरे में सुभाष गुप्ता एवं प्रशांत जायसवाल ने संगत दी।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments