Wednesday, July 16, 2025
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फर्जी कॉल सेन्टर का सरगना व संचालक गिरफ्तार

संदिप कुमार गर्ग

नोएडा। पुलिस द्वारा थाना सेक्टर-142 नोएडा में रविवार को अवैध/फर्जी कॉल सेन्टर का सरगना व संचालन करने वाले 6 अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया है, जिसके पास से पैंतालिस लाख रूपए नगद व एक लैपटॉप बरामद हुए है।
बता दे कि रविवार को थाना सेक्टर-142 पुलिस द्वारा इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस व तकनीकी साक्ष्यों की सहायता से शनिवार को थाना सेक्टर-142 पर अवैध/फर्जी काल सेंटर का संचालन करने वाले 4 वांछित अभियुक्त भूपेन्द्र सिंह पुन्डीर उर्फ बन्टी पुत्र राहुल सिंह, सौरभ सिंह पुत्र नरेन्द्र बहादुर सिंह, शुभम उपाध्याय पुत्र शशिकान्त उपाध्याय, पटेल वंदन पुत्र विनोद कुमार व प्रकाश में आये 02 अन्य अभियुक्त अंकित ठाकुर पुत्र नानक चंद, रोहन दिलीप सैन्डल पुत्र दिलीप भाई को थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है। अभियुक्तों के कब्जे से पैंतालिस लाख (45,00,000) रूपये नगद तथा घटना में प्रयुक्त एक लैपटॉप बरामद किया गया है। अभियुक्तों द्वारा कंप्यूटरों को टैली कॉलिंग के रूप में उपयोग कर आईवीआर के माध्यम से अमेरिकी नागरिकों को कॉल करके उनके सोशल सिक्योरिटी नम्बरों का दुरूपयोग कर अपने झांसे मे लेकर धोखाधड़ी करके उनसे गिफ्ट कार्ड/क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से पैसों की ठगी की जाती थी। अभियुक्त कम्प्यूटर में मौजूद साफ्टवेयर तथा डायलर का प्रयोग करके कॉल प्राप्त करते थे जो कॉल सेंटर के मालिक के द्वारा लैंड करवाई जाती है। कॉल प्राप्त होने पर फ्लोर पर मौजूद सभी कालिंग यूएस मार्शल बनकर अमेरिकी नागरिको की कॉल रिसीव करते थे, जिन्हे सोशल सिक्योरिटी नम्बर से सम्बंधित आपराधिक गतिविधियों मे उनके लिप्त होने का डर दिखाकर गिफ्ट कार्ड व क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से पैसा प्राप्त कर ठगी करते थे।
बता दे कि कॉल सेंटर में कार्यरत अभियुक्तों फर्जी टेली कालिंग का इस्तेमाल कर विदेशी नागरिको को कॉल किया जाता था और कॉल मिलनें पर अभियुक्तों द्वारा अमेरिकी नागरिकों को झांसा देकर उनसे उनका सोशल सिक्योरिटी नम्बर प्राप्त किया कर अभियुक्तों द्वारा उक्त कृत्य हेतु एक यूनिवर्सल पिच/स्क्रिप्ट का इस्तेमाल किया जाता था जिसको याद करके अमेरिकी नागरिकों को झांसा दिया जाता था। जिससे अभियुक्तों द्वारा आईवीआर के माध्यम से अमेरिकी नागरिकों को कॉल करके उनके सोशल सिक्योरिटी नम्बरों का दुरूपयोकर कर अपने झांसे मे लेकर धोखाधड़ी करके उनसे गिफ्ट कार्ड/क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से पैसों की ठगी की जाती थी।
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