Wednesday, July 16, 2025
spot_img
Homeक्राईम खबरेदिल्ली में फर्जी ईडी अधिकारी बनकर किया शोरूम मैनेजर से लूट, गिरफ्तार

दिल्ली में फर्जी ईडी अधिकारी बनकर किया शोरूम मैनेजर से लूट, गिरफ्तार

ऋषि तिवारी


नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के प्रतिष्ठित अशोका-सम्राट होटल स्थित बेंटले कार शोरूम में असिस्टेंट मैनेजर से फर्जी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) छापे की आड़ में एक कार शोरूम के मैनेजर को अगवा कर 30 लाख रुपये लूटने वाले गिरोह का चाणक्यपुरी थाना पुलिस ने 48 घंटे के भीतर तीनों आरोपितों को गिरफ्तार किया है। बता दे कि गिरफ्तार आरोपितों की पहचान सुनील कुमार तनेजा, सूरज और सुमित यादव के रूप में हुई है। पुलिस ने उनके कब्जे से 15 लाख रुपये नकद, दो लाख की डाउन पेमेंट से खरीदी गई एक कार और वारदात में इस्तेमाल की गई कार भी बरामद किया गया है। यह सब एक आरोपित शोरूम में सेल्स एग्जीक्यूटिव के पद पर कार्यरत था, जिसने पूरी साजिश रची गई थी।

कैसे दिया लूट की वारदातको अंजाम
बता दे कि एडिशनल डीसीपी आनंद कुमार मिश्र के मुताबिक घटना 20 जून की शाम की है यह लोग कार शोरूम के असिस्टेंट मैनेजर अनिल तिवारी स्कूटी से अपने घर लौट रहे थे। रास्ते में शांतिपथ-नीति मार्ग गोलचक्कर के पास हंगरी एंबेसी के करीब दो लोगों ने उन्हें रोक लिया। एक इनमें से सिविल ड्रेस में और दूसरा पुलिस की वर्दी में था। दोनों लोग कार में सवार थे। कुछ डाक्यूमेंट्स दिखाकर दोनों ने खुद को ईडी का अधिकारी बताते हुए मैनेजर से कहा कि उनके कार शोरूम में अवैध पैसा जमा है और उन्हें जांच के लिए वापस चलना होगा। अनिल तिवारी ने घटना की शिकायत 2 जुलाई को चाणक्यपुरी थाना पुलिस को दी और पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। सीसीटीवी फुटेज और टेक्निकल सर्विलांस के जरिए आरोपियों की तलाश शुरू की गई। इसमें तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

पिछले दो वर्षों में 50 से ज्यादा वारदातों किया काम
बता दे कि पिछले दो वर्षों में देशभर में इस तरह की 50 से ज्यादा वारदातें सामने आ चुकी हैं और अपराधी अक्सर खुद को ईडी, सीबीआई, आयकर या पुलिस अधिकारी बताकर दबाव बनाते हैं और नकदी, गहने या ऑनलाइन ट्रांसफर से रकम ठग लेते हैं। उनके निशाने पर अमूमन कारोबारी, डॉक्टर, बिल्डर व बुजुर्ग लोग होते हैं। कई मामलों में पीड़ित खुद भी असली रकम छुपा लेते हैं, जिससे असली जांच एजेंसियों से वह बच सकें। पुलिस व जांच एजेंसियों द्वारा जनता से अपील की जाती है कि अगर कोई व्यक्ति खुद को अधिकारी बताकर रेड करे और तुरंत नकद या ऑन-द-स्पॉट जमानत मांगे तो सतर्क रहें। असली अधिकारियों के पास पहचान-पत्र व रेड वारंट होता है। ऐसी स्थिति में 100 नंबर या नजदीकी थाने पर तुरंत सूचना दें और उनके पहचान की सत्यता जांचें।

RELATED ARTICLES
- Advertisement -spot_img
- Advertisement -spot_img
- Advertisement -spot_img

Most Popular

Recent Comments