सुनील चिंचोलकर
बिलासपुर, छत्तीसगढ़। समाजसेवा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ में एक अलग पहचान बना चुके पायल एक नया सवेरा वेलफेयर फाउंडेशन ने एक बार फिर अपने मानवीय कदम से लोगों का दिल जीत लिया। आर्थिक तंगी से जूझ रही एक जरूरतमंद बच्ची की शिक्षा न रुक जाए, इस सोच के साथ फाउंडेशन की अध्यक्ष पायल लाठ ने उसे पाठ्य सामग्री भेंट कर नई उम्मीद की किरण दिखाई।
यह बच्ची आर्थिक रूप से बेहद कमजोर परिवार से है। किताबें, कापियां, पेन-पेंसिल जैसी मूलभूत चीजों की कमी ने उसके चेहरे से मुस्कान छीन ली थी। स्कूल तो जाती थी, पर मन में चिंता थी कि कब शिक्षक नई किताब से पढ़ाएंगे और उसके पास सामग्री नहीं होगी। ऐसे में पायल लाठ ने जब उसके हाथ में पाठ्य सामग्री का बैग थमाया, तो उसकी आंखें नम हो उठीं। यह सिर्फ किताबें नहीं थीं, बल्कि उसके भविष्य की नींव थी, जो पायल ने अपने हाथों से मजबूत की।
पायल ने बच्ची को सामग्री देते हुए कहा, “हर बच्चा पढ़े और बढ़े, यही मेरा सपना है। शिक्षा से बड़ा कोई उपहार नहीं होता। यदि हम किसी के सपनों को पंख दे सकें, तो इससे बड़ा सौभाग्य और क्या हो सकता है?” उनकी यह बात बच्ची और उसकी माता के दिल को छू गई। इस अवसर पर फाउंडेशन के उपाध्यक्ष प्रशांत सिंह राजपूत भी उपस्थित थे।
बच्ची की मां ने भर्राई आवाज में कहा, “हम तो सोच भी नहीं सकते थे कि कोई हमारी बच्ची की पढ़ाई में इस तरह मदद करेगा। पायल दीदी हमारे लिए किसी फरिश्ते से कम नहीं हैं।”
समाज के लिए यह घटना एक प्रेरणा है कि छोटी-सी मदद किसी का जीवन संवार सकती है। पायल जैसे लोग समाज में उम्मीद की रोशनी हैं, जो दूसरों के दुख को अपना समझकर आगे बढ़ते हैं। उनका यह कदम केवल एक बच्ची की सहायता नहीं, बल्कि शिक्षा और संवेदना की मिसाल है।