ऋषि तिवारी
डॉ एसपी जैन ने बताया कि कैम्प में बडी संख्या में ऐसे मरीज आये जो खांसी की समस्या से पीड़ित थे. यह खांसी 99% तक सूखी खांसी है और 1% बलगम वाली खांसी है यह तो सूखी खांसी है फेफड़ों पर असर नहीं कर रही है फेफड़ों से ऊपर जो है श्वास नली है उसके अंदर जो पोलूशन बैठ रहा है इसमें उसकी वजह से उसे रोगी को बार-बार धसका का उठता है इचिंग होती है उसके बाद उसके बाद सांस फूलने लगता है यह जैसे ही रोगी बेड पर लेटता है उसकी खांसी बढ़ जाती है ऐसे मामलों में एंटी एलर्जी टैबलेट न्यू एलाइजर और भाप का इस्तेमाल करने से इस पर कंट्रोल पाया जा सकता है।
नोएडा डायबिटिक फोरम के अध्यक्ष डॉ. जी.सी. वैष्णव ने बताया कि पहले टाइप-टू डायबिटीज 15 साल से अधिक उम्र के बच्चों को होती थी। लेकिन अब 15 साल से कम उम्र के बच्चों में भी पाया जा रहा है। डॉक्टर वैष्णव ने कहा कि प्रदूषण का प्रभाव भी डायबिटीज रोग पर दिखाई देने लगा है। उन्होंने कहा कि नोएडा डायबिटिक फोरम अपनी स्थापना के बाद से लगातार प्रत्येक माह के तीसरे रविवार को लगाये जाने निशुल्क जांच शिविर न सिर्फ लोगो उन्हे स्वास्थ्य के प्रति सचेत कर रहा है उन्हें बेहतर लाइफ जीने के लिए जागरूक कर रहा है।
शिविर में फोरम के चेयरमैन प्रताप मेहता, महासचिव व शिविर इंचार्ज संतोष और संजय शर्मा, अतुलकांत वर्मा, पंकज जिंदल, यश कृष्णा मेमोरेबल चैरिटेबल के ट्रस्टी अशोक अजमानी, संजीव अजमानी, रजत अजमानी एवं सेक्टर-55 RWA के कोषाध्यक्ष राकेश शर्मा, संयुक्त सचिव नीरज शर्मा, कुलदीप शर्मा, के. डी. शर्मा शामिल हुए।