Thursday, July 17, 2025
spot_img
Homeमहाराष्ट्र न्यूजorgan donation: विभिन्न धर्मों के गुरू एकसाथ मिलकर करेंगे अंगदान का प्रचार

organ donation: विभिन्न धर्मों के गुरू एकसाथ मिलकर करेंगे अंगदान का प्रचार

संध्या समय न्यूज संवाददाता


मुंबई। मृत्यू पश्चात अंगदान से किसी जरूरतमंद व्यक्ती को नई जिंदगी मिल सकती हैं। इसलिए अंगदान करना काफी जरूरी हैं। भारत में अंग दाताओं की कमी के कारण हर साल 5 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है। भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार लगभग हर साल मरीजों को 1,75,000 किडनी, 50,000 लीवर, हृदय और फेफड़ों की जरूरत होती है।

अंग दान के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए मिरारोड के वॉकहार्ट हॉस्पिटल ने सभी समुदायों के धर्म गुरुओं के साथ मिलकर “जीवन का उपहार, धर्म से परे” अभियान शुरू किया हैं। इसमें हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, ईसाई इन धर्मों के गुरू इस अभियान में सामिल हुए हैं। इस अवसर पर कंसल्टेंट नेफ्रोलॉजिस्ट और किडनी ट्रांसप्लांट डॉ पुनित भुवानिया, कंसल्टेंट यूरोलॉजिस्ट डॉ प्रकाश तेजवानी, डॉ. आशुतोष बघेल, डॉ. अकलेश टांडकर और अस्पताल के सेंटर हेड डॉ. पंकज धमीजा उपस्थित थे।

हर साल ५०,००० से अधिक किडनी फेल्योर मरीजों को किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्यकता होती है, जबकि ५००० से कम मरीजों को लाइव/कैडेवर दान के माध्यम से किडनी ट्रांसप्लांट प्राप्त होता है।

मिरारोड के वॉक्हार्ट अस्पताल के कंसल्टेंट नेफ्रोलॉजिस्ट और किडनी ट्रांसप्लांट डॉ पुनित भुवानिया ने कहॉं की, वोक्हार्ट किडनी ट्रांसप्लांट इंस्टिट्यूट में हम विश्वास करते हैं। यह अभियान निश्चित रूप से अंगदान के बारे में लोगों के मानसिकता बदल देगा और उन्हें अंगदान करने के लिए प्रेरित करेगा। एक व्यक्ती के अंगदान से आठ लोगों को नई जिंदगी मिल सकती हैं। एक व्यक्ति अधिकतम 8 अंग दान कर सकता है। हम इस जागरूकता को फैलाने के लिए सामुदायिक गुरुओं के साथ मिलकर काम करने वाले हैं। इस सामाजिक अभियान में जिम्मेदार नागरिकों को शामिल करना हमारा मुख्य उद्देश हैं।

RELATED ARTICLES
- Advertisement -spot_img
- Advertisement -spot_img
- Advertisement -spot_img

Most Popular

Recent Comments