ऋषि तिवारी
नई दिल्ली। एनडीएमसी (नई दिल्ली नगरपालिका परिषद) की काउंसिल की बैठक किया गया और इस बैठक में आज कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। इस दिल्ली सरकार के मंत्री प्रवेश वर्मा की अध्यक्षता में काउंसिल की बैठक आयोजित हुई है। इसमें प्रमुख तौर पर बिजली-पानी के नए स्मार्ट मीटर, भूमिगत पुराने हो चुके बिजली के तार, नालों की सफाई व कर्मचारियों के कल्याण के लिए प्रस्ताव पारित किए गए हैं।
प्रवेश वर्मा ने कहा है कि दिल्ली के लोगों को स्वच्छ पानी देने और पुराने पानी के मीटरों को बदलने के लिए एनडीएमसी ने महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए सभी मीटर स्मार्ट करने का निर्णय लिया है। यह मीटर मैगेनेटिक प्रूफ है जो कि इससे हम देख सकते है कि इस मीटर में हम यह भी देख सकते है पानी कितनी तेजी है या पानी की आपूर्ति धीमी गति से है।
पुराने लंबित मामलों के निपटाने के लिए 30 तक का समय दिया
प्रवेश वर्मा ने बताया है कि काउंसिल की बैठक में पेंशन के लिए पुराने लंबित मामलों के निपटाने के लिए 30 तक का समय दिया गया है और साथ ही सेवानिवृत कर्मियों के भुगतान को भी शीघ्र निपटान के लिए कहा गया है। इसके अलावा जो कर्मचारी या तो सेवानिवृत्त हो गए हैं या करुणामूलक आधार पर किसी की नौकरी लग गई है। तो उनके परिजनों को आवंटित पूर्व मकान को उनको भी आवंटित किया जाएगा और साथ ही इस पर लगने वाले जुर्माने को भी माफ करने का प्रस्ताव पारित किया गया है।
पुरानी सीवरेज लाइन को बदलने को मंजूरी
जलभराव की समस्या के समाधान के लिए करीब दो किलोमीटर लंबी पुरानी सीवरेज लाइन को बदलने का प्रस्ताव पारित किया है और इसमें कुशक नाले से ब्रिगेडियर होशियार सिंह मार्ग पर अरविंदो मार्ग तक पुरानी सीवर की लाइन को बदला जाएगा। इसके अलावा दिल्ली मेट्रो के सहयोग से दयाल सिंह कालेज से सुनहरी पुल नाले तक हो रही नाले की सफाई के लिए एनडीएमसी ने 70 करोड़ रुपये का फंड मंजूर किया है। मेट्रो इस काम को करेगी, जबकि फंड एनडीएमसी उपलब्ध कराएगी। मेट्रो ने इस कार्य को शुरू कर दिया है। सुनहरी पुल नाले की सफाई 2010 के बाद से नहीं हुई है। चूंकि इसकी वजह से भारती नगर और गोल्फ कोर्स जैसे इलाके जलभराव के कारण जलमग्न हो जाते हैं इसलिए मेट्रो से इस कार्य को कराया जा रहा है।
पुरानी केबलों को बदलने का फैसला
प्रवेश साहिब सिंह बताया है कि 35 साल पुराने सभी केबल को बदलने का निर्देश दिया है। पिलंजी गांव के आस-पास की पानी की पाइपलाइन को चरणबद्ध तरीके से बदला जाएगा और इसमें 66.44 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है। इसमें एनबीसीसी ने सरोजनी नगर में किए जा रहे पुनर्विकास के तहत इन लाइनों को बदलने का आग्रह किया था। इसके साथ ही एनडीएमसी ने पुराने भूमिगत बिजली के तारों को बदलने का निर्णय भी लिया है।