ऋषि तिवारी
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में हर साल दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति लोगों की जीना दूबर कर देती रही है और हर साल अक्टूबर महीने से ही प्रदूषण के कारण लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ता रहा है। कई बार यहा प्रदूषण स्तर 500 एक्यूआई से भी ऊपर पहुंच जाता है। जिसे रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने 1 जुलाई को प्रदूषण से निपटने के लिए नए नियम लेकर आ रही है। जिससे हर पेट्रोल पंप पर एआई द्वारा कैमरों से वाहनों की निगरानी की जाएगी और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल व 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों को ईंधन नहीं दिया जाएगा।
ऐसे होगे आई द्वारा प्रेट्रोल पंप की निगरानी
बता दे कि राजधानी दिल्ली में करीब 60 लाख ऐसे वाहन हैं जो इस नई व्यवस्था के तहत प्रतिबंधित श्रेणी में आते हैं, जिनकी वाहन अपनी उम्र पूरी कर चुके हैं। दिल्ली सरकार की तरफ से ऐसे वाहनों को पेट्रोल न देने की व्यवस्था एक अप्रैल से लागू करनी थी लेकिन पेट्रोल पंपों पर कैमरे नहीं लग पाए थे। ऐसे में इस व्यवस्था को अब 1 जुलाई से लागू कर दिया गया है। बता दे कि दिल्ली में करीब 400 पेट्रोल पंप हैं और इन पेट्रोल पंपों पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित नंबर प्लेट रीडर कैमरे लगाए गए हैं। ये कैमरे सीधे दिल्ली परिवहन विभाग के डेटाबेस से जोड़े दिए गए है। अगर वाहन नियम के मुताबिक एक्सपायर यानी उम्र की अवधि पूरी कर चुका है तो पेट्रोल पंप पर लगे स्पीकर पर अलार्म बजेगा. स्पीकर पर वाहन नंबर के साथ बताया जाएगा की वाहन एक्सपायर हो चुका है. तुरंत ही ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट को भी सूचना चली जाएगी, जिससे उस वाहन मालिक पर कार्रवाई हो सके।
पुलिस के जवान तैनात पेट्रोल पंप पर
बता दे कि दिल्ली सरकार ने इस बार पूरी तैयारी के साथ उतरने के लिए 27 जून को एक आदेश जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि दिल्ली के 350 पेट्रोल व डीजल पंपों को चार हिस्सों में बांटा गया है। 1 से 100 नंबर के पंपों पर दिल्ली पुलिस के जवान तैनात किए जाएंगे। 101 से 159 नंबर तक के पंपों पर परिवहन विभाग की टीमें मौजूद रहेंगे। 160 से 250 नंबर तक के पंपों पर दिल्ली पुलिस व परिवहन विभाग की संयुक्त टीमें तैनात होंगी। इसमें 91 अधिकारी दिल्ली पुलिस के होंगे जिनके पास चालान काटने की भी शक्ति होगी। 251 से 350 नंबर तक के पंपों पर नगर निगम की टीमों की ड्यूटी रहेगी।
पेट्रोल पंप पर नियमों के उल्लंघन हो सकती है सख्त कार्रवाई
बता दे कि दिल्ली सरकार की इस योजना पर सवाल भी उठ रहे हैं और इस पर दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष निश्चल सिंघानिया का कहना है कि सरकार ने इस व्यवस्था का कोई ट्रायल रन नहीं किया गया है। ऐसे में 1 जुलाई से जब व्यवस्था लागू होगी तो कई तरह की समस्याएं आ सकती हैं और अगर कोई ग्राहक बहस करता है या विवाद की स्थिति पैदा करता है तो इससे कौन निपटेगा। इस समस्या को सरकार के समक्ष रखा गया था तो सरकार ने पुलिस और ट्रांसपोर्ट विभाग के कर्मचारियों को तैनात करने का निर्देश दिया है, लेकिन ये कर्मचारी कब तक पेट्रोल व डीजल पंपों पर रहेंगे? 24 घंटे तो रह नहीं सकते है। यदि कैमरा नंबर प्लेट ठीक से न पढ़ पाए, डेटाबेस अपडेट न हो या सिस्टम फेल हो जाए तो विवाद खड़े हो सकते हैं, जबकि दिल्ली सरकार ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर किसी भी पेट्रोल पंप पर नियमों के उल्लंघन में एक्सपायर वाहन को ईंधन दिया जाता है तो पंप संचालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।