ऋषि तिवारी
नई दिल्ली। राजधानी नई दिल्ली रेलवे स्टेशन में 3 महिलाओं का बच्चा अपहरण कर बेचने का रैकेट का हुआ खुलासा। जो कि 2023-25 के बीच तीन अपहरण, जाली कागजात और 3 लाख तक की कमाई के रैकेट का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, जहां हर दिन हजारों लोग आते-जाते हैं, वह तीन महिलाओं के लिए किडनैपिंग का खतरनाक अड्डा रखा था। तीनों महिलाएं अलग-अलग बैकग्राउंड की हैं।
ऐसे हुआ खुलासा
बता दे कि यह फरीदाबाद की एक महिला नर्स अपनी अकाउंटेंट सहेली के साथ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर घूमने आती थी और इनके साथ पश्चिम बंगाल की एक महिला साथ में होती थी। तीनों महिलाएं ज्यादा भीड़भाड़ वाले प्लेटफॉर्म पर नजर रखती थी। दिल्ली पुलिस की रेलवे यूनिट ने जब तीनों को पकड़ा तो यह हैरान करने वाला खुलासा हुआ है। जो कि तीनों महिलाओं ने मिलकर स्टेसश को ही किडनैपिंग का अड्डा बना दिया था।
ऐसे आई आई यह जुर्म की दुनिया में
बता दे कि 35 साल की आरती पश्चिम बंगाल के बर्धमान से फरीदाबाद पहुंची आई थी उसका असली नाम रजीना कोटि है। 18 साल की उम्र में शादी हो गई और दो बच्चे थे और पति मारपीट करता था तो 2017 में घर छोड़कर फरीदाबाद आ गई। फरीदाबाद में मजदूर सूरज सिंह से शादी कर ली। 2023 में आरती फिर से गर्भवती हो गई। पैसों की तंगी के बीच उसकी मुलाकात कांता भुजेल से हुई। जो कि उसके घर के पास में ही क्लीनिक खोले हुए थी। हालांकि वह नर्स थी लेकिन ‘डॉ. प्रिया’ के नाम से क्लीनिक खोले हुए थी। कांता ने उसे अपना बच्चा बेचने का ऑफर दिया। उसने बच्चे के कागजात बनवाने की भी बात कही और फिर तो तीनों बच्चों को बेचने और चुराने का काला धंधा काम चालु कर दिया।
2023 में आरती ने चुराया था पहला बच्चा
जुलाई 2023 में आरती ने नई दिल्ली रेलवे के टिकट काउंटर के पास से 3 साल के बच्चे का अपहरण किया था। उसे फरीदाबाद में दो दिन तक अपने घर में रखा और इस उम्मीद में कि भुजेल उसके लिए खरीदार मिल जाऐगा। जब भुजेल ने कहा कि वह चोरी का बच्चा स्वीकार नहीं करेगी तो आरती डर गई और उसने बच्चे को पास के टोल प्लाजा में छोड़ दिया। यह बच्चा हरियाणा पुलिस को मिला। बाद में उस बच्चे को उसके परिवार को सौंप दिया गया।
2024 में आरती फिर से रेलवे स्टेशन पर आई
बता दे कि इस बार उसने ढाई साल के बच्चे का अपहरण किया और उसे वह ऑटोरिक्शा में लेकर फरीदाबाद पहुंची। फिर निर्मला की मदद से बच्चे को गाजियाबाद के एक कपल को बेच दिया। सौदा 3 लाख रुपये में हुआ। जनवरी 2025 में आरती ने चार माह की एक बच्ची का अपहरण किया था।
गरीब परिवारों के बच्चों को निशाना बनाते थे
पुलिस के मुताबिक, यह रैकेट गरीब परिवारों के बच्चों को निशाना बनाता था, जो स्टेशन पर सो रहे होते थे। जाली कागजात, फर्जी नाम और डिस्पोजेबल फोन के जरिए ये महिलाएं अपने काले कारनामों को अंजाम देती थीं। दो बिचौलियों की भी पहचान हुई, जो खरीदारों और किडनैपर्स के बीच कड़ी का काम करते थे।
पुलिस का कहना है कि गोद लेने वाले कपल्स ने अपहरण की जानकारी से अनजान होने का दावा किया, लेकिन उनकी भूमिका की जांच अभी जारी है। एक अधिकारी ने बताया कि ये तीनों महिलाएं कानून की जानकारी रखती थीं। इन्होंने सोच-समझकर और मजबूरी का फायदा उठाकर यह खेल रचा।