संध्या समय न्यूज संवाददातता
नई दिल्ली (द्वारिका)। राजधानी दिल्ली के पश्चिमी दिल्ली के द्वारिका के शबद अपार्टमेंट में मंगलवार को आग लगने से तीन लोगों की मौत हो गई है, जिस पर यहां के स्थानीय निवासी गहरे सदमे में नजर आ रहे हैं। आम जनता आग से बचाव के लिए जरूरी उपायों की कमी पर सवाल उठा रही है। जैसे कि अलार्म सिस्टम का काम न करना। द्वारका की अन्य सोसाइटियों के निवासी भी अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और आग से संबंधित जिम्मेदारियों की मांग कर रहे हैं। जिसमें अफसरों की लापरवाही पर सवाल उठाए जा रहे है।
बाजू के हैरिटेज अपार्टमेंट निवासी ने दी जानकारी
बता दे कि हैरिटेज अपार्टमेंट निवासी ने बताया कि उनकी सोसाइटी में अग्निशामक उपकरण हैं लेकिन प्रशिक्षण की कमी है। घटना के बाद शबद अपार्टमेंट में कोई विशेष हलचल नहीं थी, लेकिन लोग प्रबंधन की लापरवाही पर सवाल उठा रहे थे। बुधवार को तीनों शवों का पोस्टमार्टम डीडीयू अस्पताल में हुआ और स्वजन ने शव गांव ले जाने की तैयारी की गई। पीड़ित परिवार ने घटना की पूरी जांच की मांग की है। पुलिस ने फोरेंसिक और फायर डिपार्टमेंट की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है, जिसके आधार पर लापरवाही की पहचान की जाएगी।
द्वारिका सेक्टर 6 निवासी ने दी जानकारी
बता दे कि सेक्टर 6 के एक निवासी ने बताया कि निर्माण के समय फायर एनओसी अनिवार्य होती है, लेकिन कई सोसाइटियों में इसे गंभीरता से नहीं लिया गया है। जिसमें देखा जाए तो लिफ्ट की जांच और फायर एनओसी के बिना लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया पर भी सवाल उठ रहे है। बताया जा रहा है कि लिफ्ट की जांच हर साल करानी होती है। इसमें सबसे जरूरी इमारत को फायर एनओसी का मिलना होता है। कई बार जिन्हें फायर एनओसी नहीं भी मिली होती है, उन्हें लिफ्ट संचालन का लाइसेंस दे दिया जाता है। जिन हाथों का इस्तेमाल मदद करने में होना चाहिए, वे हाथ वीडियो बनाने में व्यस्त थे।
आम जनता का दिल्ली प्राधिकरण पर उठाए सवाल
बता दे कि दिल्ली के प्राधिकरण के अधिकारियों पर सवाल उठ रहे है जिसमें दिल्ली के कई ऐसे जगह है जो कि अफसरों द्वारा जांच पड़ताल सही से नहीं किया जाता है और आम जनता का कहना है कि ऐसे प्राधिकरण होगा तो देश कैसे आगे बढ़ेगा देखा जाए तो आग तो लगी लेकिन उसकी सुविधा के लिए यहां के कुछ भी नहीं दिया गया ना आग के लिए ना लिफ्ट के लिए।