ऋषि तिवारी
नोएडा। इस प्रेस वार्ता में मुख्य अतिथि के रूप में माननीय राज्य सभा सांसद और पूर्व उपमुख्यमंत्री श्री दिनेश शर्मा जी और सांसद डॉ महेश शर्मा, पूर्व राज्यसभा सांसद और नोएडा प्रभारी कांता कर्दम, जिलाध्यक्ष महेश चौहान और क्षेत्रीय मंत्री आशीष वत्स रहे। दिनेश शर्मा जी ने आपातकाल पर अपनी बात रखते हुए कहा आज का दिन संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। 1975 को समय था जिसमें जो संविधान की रक्षा करने वाले ही संविधान को मिटने में लग गए। राष्ट्रपति को रात को उठा कर इमरजेंसी लगाई गई। इंद्रा गांधी और कांग्रेस ने मिल कर पूरे देश में अशांति फैला दी और सभी की आवाज को दबा दिया। कोई भी भारतीय यह कभी नहीं भूलेगा कि आपातकाल के दौरान संविधान की भावना का कैसे हनन किया गया। आपातकाल भारतीय लोकतंत्र के इतिहास के सबसे अंधकारमय अध्याय में से एक है, आपातकाल में संविधान में निहित मूल्यों को दरकिनार कर मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया साथ ही प्रेस की स्वतंत्रता का गला दबा दिया गया और व्यापक पैमाने पर राजनीतिक दलों के नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, छात्रों और आम नागरिकों को जेल में डालने का काम किया गया।
उस वक्त ऐसा लग रहा था जैसे उस समय सत्ता में बैठी कांग्रेस सरकार ने लोकतंत्र को बंधक बना लिया था. युवा से लेकर बुर्जुग तक ही नसबंदी कर दी गई। कानून का खुला उलंघन कांग्रेस सरकार ने किया और राजनेता से लेकर हर वर्ग के लोगों को जेल में बंद कर दिया गया। प्रेस वार्ता से पूर्व दिनेश शर्मा जी ने वृक्षारोपण किया। उसके उपरांत आपातकाल पर आयोजित संगोष्ठी में सभी अतिथि पहुंचे। सांसद डॉ महेश शर्मा ने इस मौके पर कहा आपातकाल के समय लोकतंत्र और मौलिक अधिकारों की हत्या कर दी गई थी और जिस तरह प्रेस पर सेंसरशिप और जबरन नसबंदी जैसे अमानवीय कार्य किए गए थे।
कार्यकम में विधायक पंकज सिंह, राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल, नबाब सिंह नगर, बिमला बाथम, मनोज गुप्ता, विनोद त्यागी, जुगराज चौहान, हरीश चंद्रा भाटी, महेश अवाना, विनोद शर्मा, गिरीश कोटनाला, अशोक मिश्रा, संजय बाली, तन्मय शंकर, उम्मंदन कौशिक, प्रज्ञा पाठक, मनीष शर्मा, नरेश शर्मा, पूनम सिंह, योगेंद्र चौधरी, ओमवीर अवाना, चमन अवाना,भूपेश चौधरी, रामनिवास यादव, डिंपल आनंद, उमेश त्यागी, गणेश जाटव, करतार सिंह, विपिन चौधरी, शारदा चतुर्वेदी, हर्ष चतुर्वेदी, धर्मेंद्र गुप्ता, अमित त्यागी, अतुल त्यागी, सुशील शर्मा, करतार सिंह, आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।