भारत टेक्स 2025 : हस्तशिल्प के दूसरे संस्करण का 12 से 15 फरवरी 2025 तक आयोजन

58 Views

ऋषि तिवारी


ग्रेटर नोएडा। दिल्ली/ एनसीआर भारत टेक्स 2025- हस्तशिल्प के दूसरे संस्करण का आयोजन 12 से 15 फरवरी 2025 तक ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर ऐंड मार्ट में किया जाएगा। इस प्रतिष्ठित आयोजन में आधुनिक उन्नति को दर्शाते हुए भारत की सदियों पुरानी परंपरा का सम्मान करने के लिए उद्योग जगत के लीडर्स, अंतरराष्ट्रीय खरीदार, कारीगर और नीति निर्माताओं को आमंत्रित गया है ।

भारत टेक्स 2025- हस्तशिल्प, प्रतिष्ठित वैश्विक टेक्सटाइल कार्यक्रम का एक अहम हिस्सा है, जिसका आयोजन भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय के समर्थन से भारत टेक्स ट्रेड फेडरेशन (बीटीटीएफ) करती है। इस मेगा इवेंट का आयोजन दो प्रमुख स्थलों पर किया जाएगा- इंडिया एक्सपो सेंटर ऐंड मार्ट, ग्रेटर नोएडा (12 से 15 फरवरी, 2025) में हस्तशिल्प, गार्मेंट मशीनरी और डाइ एवं केमिकल पर फोकस किया जाएगा; वहीं भारत मंडपम, नई दिल्ली (14 से 17 फरवरी, 2025) में संपूर्ण टेक्सटाइल वैल्यू चेन का प्रदर्शन किया जाएगा।

हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) समेत 12 वस्त्र निर्यात संवर्धन परिषदों के एक संघ द्वारा आयोजित और भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय द्वारा समर्थित, भारत टेक्स परंपरा और टेक्नोलॉजी का एक बेजोड़ संगम होने का वादा करता है, यहां नीति निर्माताओं और ग्लोबल सीईओ के साथ-साथ, 5000 से अधिक प्रदर्शकों, 110 से अधिक देशों के 6000 से अधिक खरीदारों, और 1,20,000 से अधिक आगंतुकों के आने की उम्मीद है। भारत टेक्स 2025 का लक्ष्य ग्लोबल टेक्स्टाइल इकोसिस्टम को सक्रिय करना, व्यवसायों को साझेदार बनाने के लिए अनूठा अवसर प्रदान करना, नए उत्पादों का पता लगाना, और नए ट्रेंड एवं टेक्नोलॉजी पर सभी नई सूचना से अवगत रहना है।

ईपीसीएच अध्यक्ष दिलीप बैद ने कहा, “यह आयोजन हमारी समृद्ध वस्त्र विरासत और अत्याधुनिक तकनीक का एक बेजोड़ मेल है। यह न केवल हमारे उद्योग को, बल्कि दीर्घकालिक, नवाचार और वैश्विक व्यापार के विस्तार के लिए हमारी प्रतिबद्धता को भी प्रदर्शित करता है। इस कार्यक्रम में करीब 600 प्रदर्शक भाग लेंगे, जिनमें स्थापित निर्यातक, युवा डिजाइनर, स्टार्टअप और कारीगर शामिल हैं; यहां 15 कैटेगरी प्रदर्शित की जाएंगी जिनमें, उपहार एवं सजावट की वस्तुएं, फर्नीचर एवं एक्सेसरीज, होम फर्निशिंग, हाउसवेयर, फैशन जूलरी एवं एक्सेसरीज, लैंप्स एवं लाइटिंग, टेक्सटाइल मशीनरी, बाथरूम एक्सेसरीज, गार्डेन एवं आउटडोर डेकोर, चमड़े के बैग एवं केस, मोमबत्तियां, अगरबत्तियां, जीआई उत्पाद, पारंपरिक खिलौने, स्पा एवं वेलनेस उत्पाद और कारपेट एवं रग्स, शामिल हैं।”

ईपीसीएच महानिदेशक की भूमिका में चीफ मेंटर, आईईएमएल अध्यक्ष और भारत टेक्स के महासचिव डॉ. राकेश कुमार ने इस आयोजन पर कहा, “हस्तशिल्प और वस्त्र एक दूसरे के पूरक हैं, जो एक दूसरे की सर्वश्रेष्ठ खूबियों को सामने लाते हैं; चाहे वो फर्नीचर एवं अपहोल्स्ट्री (वह प्रोसेस जिसमें फर्नीचर, जैसे सोफे, कुर्सियां, और बेड आदि को सजाने और आरामदायक बनाने के लिए कपड़े फोम, और अन्य मटीरियल का इस्तेमाल किया जाता है) या हाथ से बने एक्सेसरीज हों। कई घरों में हस्तशिल्पों के साथ बेस के रूप में वस्त्र के इस्तेमाल से उसे आकर्षक बनाया जाता है, इसके उलट भी होता है। भारत टेक्स 2025, खरीदारों को इन दोनों दुनिया के सर्वोत्तम उत्पादों को देखने का अनूठा अवसर प्रदान करता है- जहां बदलते रंगों और आकार का एक पूरा पैटर्न, और वह ‘लुक’ ऐंड ‘फील’ (यानी छवि) मौजूद है, जिसे वो बनाना और पेश करना चाहते हैं। आईईएमएल में भारत टेक्स 2025 में समवर्ती कार्यक्रम भी शामिल होंगे, जिनमें गारमेंट टेक्नोलॉजी एक्सपो 2025, डाईकेम वर्ल्ड 2025 और इंडिया सोर्सिंग कॉन्क्लेव 2025 शामिल है – जिसे बाइंग एंड सोर्सिंग कंसल्टेंट्स द्वारा आयोजित किया जाएगा, जिससे यह कपड़ा और हस्तशिल्प उद्योग के लिए एक व्यापक मंच बन जाएगा।””

ईपीसीएच के उपाध्यक्ष डॉ. नीरज खन्ना ने साझा किया कि, “भारत टेक्स 2025 के आगंतुकों को भौगोलिक संकेत (जीआई) से प्रमाणित हस्तशिल्प और वस्त्र को सोर्स करने का मौका मिलेगा। जीआई उत्पादों में उस खास क्षेत्र का हुनर, लोकप्रियता और अनोखापन समाहित होता है, और हमारा मानना है कि यह जीआई उत्पादकों के लिए वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त करने का एक बेहतरीन अवसर है।” इसके साथ ही उन्होंने विशेष आकर्षणों के बारे में भी बताया, जिसमें पारंपरिक खिलौने, लाइव शिल्प प्रदर्शन और डिजाइनरों के शोकेस शामिल हैं।

ईपीसीएच के उपाध्यक्ष-II श्री सागर मेहता ने कहा, “बीटूबी मेले के रूप में निर्यात बाजार पर विशेष फोकस रखने वाला यह आयोजन विदेशी खरीदारों, आयातकों, बड़ी मात्रा में उत्पाद खरीदने वाले घरेलू खुदरा खरीदारों और उनके प्रतिनिधियों को आकर्षित करने के लिए तैयार है।”

ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक श्री आर. के. वर्मा ने कहा, “मेले के दौरान गुणवत्ता निर्धारण में ईएसजी; सीमा पार व्यापार वित्तपोषण; लॉजिस्टिक एवं सप्लाई चेन मैनेजमेंट; निर्यातकों के लिए निर्बाध जीएसटी रिफंड पर इंटरएक्टिव सत्र आयोजित किए जाएंगे, साथ ही बिजनेस के लिए डिजाइन रणनीतियों पर एक पैनल डिस्कशन भी होगा।”

ईपीसीएच देश से दुनिया भर के विभिन्न गंतव्यों तक भारतीय हस्तशिल्पों के निर्यात को बढ़ावा देने और हस्तशिल्प उत्पादों और सेवाओं के उच्च गुणवत्ता वाले विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में विदेशों में भारत की छवि को पेश करने वाली एक नोडल एजेंसी है। ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक श्री आर. के. वर्मा ने बताया कि वर्ष 2023-24 के दौरान हस्तशिल्प निर्यात 32,758.80 करोड़ रुपये (3,956.46 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का हुआ, जो पिछले वर्ष के मुकाबले रुपये के संदर्भ में 9.13% और डॉलर के संदर्भ में 6.11% वृद्धि हुई । हस्तशिल्प का निर्यात चालू वित्त वर्ष 2024-25 के शुरुआती दस महीनों, यानी अप्रैल से जनवरी, के दौरान 27,087.70 करोड़ रुपये (3,220.07 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का हुआ है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में रुपये के संदर्भ में 8.66% और डॉलर के संदर्भ में 6.89% की वृद्धि हुई ।


Discover more from संध्या समय न्यूज

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Discover more from संध्या समय न्यूज

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

Contact to us