संदिप कुमार गर्ग
प्रोफेसर (डॉ.) विकास धवन ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारा उद्देश्य महिलाओं की उपलब्धियों को पहचानना और उन्हें प्रोत्साहित करना है। आज के पैनल के माध्यम से हम समाज में सकारात्मक बदलाव लाने और महिलाओं को आगे बढ़ाने की दिशा में एक प्रभावी संवाद स्थापित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण सिर्फ एक नारा नहीं,बल्कि एक निरंतर प्रक्रिया है, जिसमें शिक्षा, अवसर और समानता का महत्वपूर्ण योगदान है। वहीं संस्थान की डीन प्रोफेसर(डॉ.) नीलम सक्सेना ने कहा कि आज के पैनल का उद्देश्य महिला सशक्तिकरण, नेतृत्व, समानता और समाज में महिलाओं की भूमिका को लेकर विचार-विमर्श करना है।
खुशबू खन्ना ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर अपने विचार प्रकट करते हुए समानता की वकालत की। उन्होंने कहा कि समानता सिर्फ एक अधिकार नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी भी है। समाज में महिलाओं को समान अवसर देना और उनके योगदान को स्वीकार करना आवश्यक है। जब हम महिलाओं को समान मंच और संसाधन प्रदान करते हैं, तो वे अपनी क्षमताओं को साबित करने के साथ-साथ समाज को भी आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। खुशबू खन्ना ने यह भी जोर दिया कि तकनीकी और व्यावसायिक क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए ठोस प्रयास किए जाने चाहिए।उन्होंने महिलाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि स्वतंत्रता, शिक्षा और आर्थिक आत्मनिर्भरता ही सशक्तिकरण की असली पहचान है।