Sur Tal Sangam: अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिलब्ध सांस्कृतिक का भव्य वार्षिकोत्सव

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संदिप कुमार गर्ग


लखनऊ। अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिलब्ध सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था “सुर ताल संगम” के भव्य वार्षिकोत्सव के अवसर पर पूर्व की भांति एक शानदार संगीत एवं अभिनन्दन समारोह का आयोजन दिनांक 6 मार्च को अपराह्न 3 बजे अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संस्थान प्रेक्षागृह गोमतीनगर लखनऊ में गणमान्य अतिथियों और संगीत प्रेमियों की उपस्थिति में होना सुनिश्चित है। इस अवसर पर संस्था के द्वारा भक्तिमय रचनाओं पर आधारित दस दिवसीय प्रस्तुतिपरक गायन कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें सभी आयु वर्ग के संगीत प्रेमी तथा प्रशिक्षु प्रतिभागिता कर सकते हैं। संगीत कार्यशाला के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया प्रारंभ हो गई थी , जिसमें देश ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी काफी संख्या में प्रतिभागियों ने रूचि जताई है।

संगीत कार्यशाला में सम्मिलित होने वाले सभी प्रतिभागियों को विश्व प्रसिद्ध गायक पद्मश्री अनूप जलोटा की गरिमामयी उपस्थिति में मंच प्रदर्शन, प्रमाण पत्र एवं अन्य आकर्षक भेंट आदि प्राप्त करने का सुअवसर प्राप्त होगा, साथ ही उन्हें दस दिवसीय कार्यशाला में विशेष संगीत प्रशिक्षण का लाभ प्रदान किया जाएगा। 25 फरवरी से संगीत नाटक अकादमी परिसर में संचालित होने वाली भक्ति संगीत कार्यशाला प्रशिक्षण के लिए सुर ताल संगम संस्था के द्वारा आनलाइन तथा आफलाइन दोनों प्रकार की व्यवस्था सुचारू रूप से संपादित की जा रही है, जिसमें अपने निवास स्थान पर भी प्रशिक्षु आसानी से संगीत सीख रहे हैं।

इस अनुपम आयोजन के शुभारंभ के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में संस्कृति निदेशालय से कमलेश कुमार पाठक, विशिष्ट अतिथिगण के रूप में नोएडा से शिरकत करने आए अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवि, लेखक, समाजसेवी, देश की बुलंद आवाज एंकर, शब्दावली दर्पण न्यूज़ के एडिटर इन चीफ एवं पूर्व क्लास वन राजपत्रित अधिकारी-भारत सरकार पं० साहित्य कुमार चंचल, मथुरा से पधारे वरिष्ठ साहित्यकार जे पी रावत तथा दिल्ली से अंतर्राष्ट्रीय शायर शाहिद अंजुम समेत कई गणमान्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यशाला का उद्घाटन किया।

सुर ताल संगम संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव, मुख्य संरक्षिका सहर जावेद फारूकी एवं डायरेक्टर डॉ० जया श्रीवास्तव ने सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इस मौके पर डॉ० जय श्रीवास्तव ने बताया कि सुर ताल संगम संस्था संगीत और गायन की दुनिया में प्रतिभाशाली नवांकुरो का मार्ग प्रशस्त कर उन्हें देश में एक नई पहचान दिलाने हेतु प्रतिबद्ध है।

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