ऋषि तिवारी
नोएडा। महर्षि महेश योगी संस्थान द्वारा राष्ट्र की समृद्धि, शांति एवं विकास के लिए रामलीला मैदान, महर्षि नगर में आयोजित श्री शिव महापुराण कथा के सातवें दिन परम पूज्य सद्गुरूनाथ जी महाराज भक्तों को कथा सुनाते हुए कहा कि श्री शिव महापुराण मानव की चेतना को चरम तक ले जाने का सर्वोच्च विज्ञान है, जिसे बहुत सुंदर कहानियों द्वारा वर्णित किया गया है। योग को एक विज्ञान के रूप में व्यक्त किया गया है। अगर आप गहन अर्थों में उस पर ध्यान दें, तो योग और शिव पुराण को अलग नहीं किया जा सकता। एक उनके लिए है, जो कहानियां पसंद करते हैं तो दूसरा उनके लिए है, जो हर चीज को विज्ञान की नजर से देखना चाहते हैं, मगर दोनों का मूलभूत तत्व एक ही हैं।
आगे कथा सुनाते हुए सद्गुरूनाथ जी महाराज ने कहा कि जब मनुष्य खुद की कमियों को देखने लग जाएं तब समझ लेना कि उसकी प्रगति के मार्ग खुलने लगे हैं। जब तक वो दूसरों में दोष और बुराइयां देखता रहेगा तो उसका उत्थान बाधित ही होता रहेगा। भक्ति भाव और श्रद्धा को जितना बढ़ाओगे उतना ही फल प्राप्ति को सुनिश्चित करोगे। मीडिया प्रभारी ए के लाल ने बताया कि कथा को आगे बढ़ते हुए सद्गुरूनाथ जी महाराज ने कहा कि भगवान शंकर जब त्रिपुरासुर नामक राक्षस के साथ युद्ध करने के लिए रणभूमि में गए तो उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था।
कैलाशपति के रथ का पहिया तक टूट गया और वह घायल भी हो गए थे। ऐसे में कैलाश पर्वत पर वापस आकर माता पार्वती को भगवान शंकर ने सारा वृतांत सुनाया। माता पार्वती ने कहा कि आप बिना गणपति पूजन के युद्ध में गए थे। इसीलिए आपको विपत्तियों का सामना करना पड़ा। इसलिए अपने वचन का पालन करें। भगवान शिव ने कैलाश पर्वत पर बड़ी धूमधाम से गणपति पूजन उत्सव किया और तत्पश्चात त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध कर विजय प्राप्त की। भगवान शिव ने कहा कि जो भी कोई भी कार्य करने से पूर्व गणपति महाराज का पूजन करेगा, उसे यश, वैभव, कीर्ति, धन-धान्य की कोई कमी नहीं रहेगी। जब हमारे साथ भोले नाथ है, उनकी कृपा है, तो किसी झूठ की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि शिव ही एक मात्र ईश्वर है। शिव ही सुंदर है और सत्य ही शिव है। इस श्री शिव महापुराण कथा कार्यक्रम से महर्षि नगर का माहौल पूरी तरह से भक्ति के रस के डूबा हुआ है। कथा को सुनकर शिवभक्त आनंदित और प्रफुल्लित हो रहे हैं। कथा के दौरान चारों तरफ लगातार ऊँ नमः शिवाय की ध्वनि गूंजती होती रहती है। कथा की दिव्यता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सबको लगता है साक्षात भोलेनाथ कथा स्थल पर मौजूद हों।
कथा आयोजकों ने कहा कि महर्षि नगर में श्री शिव महापुराण कथा के दौरान लोगों की भक्ति भावना देखकर मन प्रसन्न होता है। गुरूदेव जब कथा प्रारम्भ करते हैं तो चारों तरफ भक्ति की अविरल धारा बहती रहती है। जिस अनोखे अंदाज से सद्गुरूनाथ जी महाराज कथा और ज्ञान की बातें बताते हैं। वो शिवभक्तों को काफी पसंद आ रहा है। श्री शिव महापुराण कथा के पावन अवसर पर श्री अजय प्रकाश श्रीवास्तव, अध्यक्ष, महर्षि महेश योगी संस्थान और कुलाधिपति, महर्षि यूनिवर्सिटी ऑफ इन्फार्मेशन टेक्नालोजी, राहुल भारद्वाज, उपाध्यक्ष, महर्षि महेश योगी संस्थान और श्री शिव महापुराण कथा कार्यक्रम के संयोजक रामेन्द्र सचान और गिरीश अग्निहोत्री, श्री शिव पुराणमहा कथा के मुख्य यजमान श्री एस. पी. गर्ग उपस्थित थे। महर्षि संस्थान के राजीव अरोरा, विनोद श्रीवास्तव, यादवेंद्र यादव, लल्लन पाठक, हिमांशु शुक्ल, श्रीकांत ओझा, शिशिरकान्त श्रीवास्तव, विनीत श्रीवास्तव, विनोद दीक्षित, लल्लन पाठक, संजीव श्रीवास्तव (पंकज), राजेंद्र खंतवाल, संतोष वर्मा, कौशल झा, दयाशंकर गुप्ता, शिशुपाल सिंह यादव, धर्मेंद्र शर्मा, राजेश मिश्रा, राजेंद्र शुक्ल, कमलेश यादव और नरेंद्र सिंह सहित हजारों कथा का रसपान कर रहे थे।