Saras aajeevika Festival 2024:सरस मेले में दीदियों के लिए कार्यशालाएं आयोजित

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संदीप कुमार गर्ग


नोएडा। ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित व राष्ट्रीय ग्रामीण विकास व पंचायती राज संस्थान द्वारा समर्थित सरस आजीविका मेले में आज ओएनडीसी द्वारा वर्कशॉप आयोजित की गई । जिसमें स्वयं सहायता समूहों को ऑनलाइन व्यवसाय करने के गुर सिखाये गये । इस अवसर पर ओएनडीसी से काजल जोशी, ग्रामीण विकास मंत्रालय से अंकिता व राष्ट्रीय ग्रामीण विकास व पंचायती राज संस्थान से डा रूचिरा भट्टाचार्य व चिरंजीलाल कटारिया मौजूद रहे । सरस में चल रही कार्यशालाओं से स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं में मार्केटिंग कौशल बढ़ा। ग़ौरतलब है कि ग्रामीण विकास मंत्रालय व राष्ट्रीय ग्रामीण विकास व पंचायती राज संस्थान द्वारा पिछले कई वर्षों से नियमित रूप से इन वर्कशॉप का आयोजन किया जा रहा है। इसके साथ ही सेक्टर-33ए स्थित नोएडा हाट में गुरुवार को देशभर के समूह की दीदियों के लिए एक अन्य कार्यशाला का आयोजन किया गया।

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित एवं राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) के द्वारा समर्थित कार्यशाला में भारत में मोटे अनाज के लिए अवसर और चुनौतियों पर प्रकाश डाला गया। इस अवसर पर प्राचीन स्वर्ण मिल (इंसिएंट गोल्डन मिल) की सीईओ शुभांगी सिंह ने देशभर के सभी राज्यों के महिला समूहों को मिलेट्स की उपयोगिता के विषय में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आज के इस दौर में मोटे अनाज की मार्केटिंग में कैसे अवसर और चुनौतिया हैं। हमें किस तरह इन चुनौतियों का सामना करते हुए श्री अन्न यानि मोटे अनाज का प्रचार-प्रसार करते हुए लोगों तक इसकी मजबूत पकड़ बनानी है। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे हम अपनी प्राचीन संस्कृति की ओर लौट रहे हैं। यह देश के लिए गौरव की बात है। इस अवसर पर एनआईआरडीपीआर की दिल्ली ब्रांच प्रभारी डॉ. रुचिरा भट्टाचार्य ने बताया कि आज भारत की संस्कृति को दूसरे देश अपना रहे हैं। चाहे योगा की बात हो या फिर मौटे अनाज को अपनाने की बात हो हमारे देश की अपनी अलग पहचान है। कार्यशाला में मुख्य रूप से इमरान, काजल तथा एनआईआरडीपीआर के असिस्टेंट डायरेक्टर चिरंजीलाल कटारिया, सुधीर कुमार सिंह, सुरेश प्रसाद तथा रमेश चंद्र उपाध्याय समेत सभी समूहों की दीदियां उपस्थिति रहे।

मेले के 14वें दिन भारी संख्या में महिला एवं पुरुषों ने जमकर खरीदारी की। जबकि यहां विभिन्न स्कूलों के बच्चों ने भी सरस मेले का आनंद उठाया। असम, बिहार, उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश के हैंडीक्राफ्ट तथा हैंडलूम के उत्पादों की यहां महिलाओं ने खरीदारी की। नोएडा हाट में आयोजित सरस मेले में मौजूद 29 राज्यों के 400 से अधिक महिला शिल्प कलाकार, जो परंपरा, हस्तकला एवं ग्रामीण संस्कृति तथा स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं, इसके साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रतिदिन आयोजन किया जा रहा है। सरस मेलों के माध्यम से लाखों महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार हुआ है। मेले में बच्चों के खेलकूद व मनोरंजन के लिए भी संसाधन मौजूद हैं। मेले में दिल्ली-नोएडा सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लाखों दर्शक व ग्राहक भाग ले रहे हैं। दर्शकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए तमाम व्यवस्थाएं की गई हैं।

मेले में हैंडीक्राफ्ट, ज्वैलरी और होम डेकोर के प्रोडक्ट्स के रूप में आंध्र प्रदेश की पर्ल ज्वैलरी, वूडन उत्पाद, आसाम का वाटर हायजिनिथ हैंड बैग और योगामैट, बिहार से लाहकी चूड़ी, मधुबनी पेंटिंग और सिक्की क्राफ्ट्स, छत्तीसगढ़ से बेलमेटल प्रोडक्ट्स, मडमिरर वर्क और डोरी वर्क गुजरात से, हरियाणा, का टेरा कोटा, झारखंड की ट्राइबल ज्वैलरी, कर्नाटक का चन्ननपटना खिलौना, सबाईग्रास प्रोडक्टस, पटचित्र आनपाल्मलीव ओडिशा, तेलंगाना से लेदर बैग, वाल हैंगिंग और लैंप सेड्स, उत्तर प्रदेश से होम डेकोर, और पश्चिम बंगाल से डोकरा क्राप्ट, सितल पट्टी और डायवर्सीफाइड प्रोडक्ट्स भी उपलब्ध हैं। साथ ही प्राकृतिक खाद्य पदार्थ भी फूड स्टाल पर मौजूद हैं। प्राकृतिक खाद्य पदार्थों के रूप में अदरक, चाय, दाल कॉफी, पापड़, एपल जैम और अचार आदि उपलब्ध रहेंगे। साथ ही मेले में बच्चों के मनोरंजन का भी पुख्ता इंतजाम किया गया है। मेले में गुरुवार को असम तथा मणिपुर के कलाकारों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से समां बांध दिया।


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