Saras aajeevika Festival 2024:सरस आजीविका मेले में 15वें दिन उमड़े खरीदार

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संदिप कुमार गर्ग


नोएडा। ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित व राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर)द्वारा समर्थित सरस आजीविका मेले में शुक्रवार को वर्कशॉप आयोजित की गई। जिसमें स्वयं सहायता समूहों को ऑनलाइन संवाद तथा बिक्री और संचार के लिए रणनीति तैयार करने पर फोकस किया गया। इस अवसर पर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन से कविता शर्मा ने सभी दीदियों को अपने उत्पाद की बिक्री और संचार से संबंधित ज्ञान दिया। साथ ही ग्राहकों से संवाद करने के भी गुर बताए। उन्होंने कहा कि आपके उत्पाद कितने ही महत्वपूर्ण एवं गुणवत्ता से परिपूर्ण हैं मगर उन्हें बेचने की कला आपके अंदर होनी चाहिए। इसके लिए ग्राहक के साथ संवाद में भाषाशैली पर ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है। यहां सीआईडीसी के मीडिया एडवाइजर कुमार गिरीश ने कहा कि जितनी गुणवत्ता आपके द्वारा निर्मित सामान में है उससे कहीं अधिक आपके व्यवहार में होनी चाहिए। इसलिए अपने प्रत्येक कस्टमर के साथ मधुर व्यवहार रखें। राष्ट्रीय ग्रामीण विकास व पंचायती राज संस्थान की दिल्ली शाख प्रभारी डा. रूचिरा भट्टाचार्य ने भी पूर्व की भांति सभी दीदियों का उत्साहवर्धन किया तथा उनके व्यवसाय में कुशलता के लिए शुभकामनाएं दीं।

इस अवसर पर मुख्य रूप से एनआरएलएम से राजीव सिंघल, अजय कुमार साहू, एनआईआरडीपीआर के असिस्टेंट डायरेक्टर चिरंजीलाल कटारिया, सुधीर कुमार सिंह, सुरेश प्रसाद तथा नरेश कुमारी सहित अन्य पदाधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। सरस में चल रही कार्यशालाओं से स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं में मार्केटिंग कौशल बढ़ा है। मेले के 15वें दिन भारी संख्या में महिला एवं पुरुषों ने जमकर खरीदारी की। जबकि यहां विभिन्न स्कूलों के बच्चों ने भी सरस मेले का आनंद उठाया। असम, बिहार, उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश के हैंडीक्राफ्ट तथा हैंडलूम के उत्पादों की यहां महिलाओं ने खरीदारी की। नोएडा हाट में आयोजित सरस मेले में मौजूद 29 राज्यों के 400 से अधिक महिला शिल्प कलाकार, जो परंपरा, हस्तकला एवं ग्रामीण संस्कृति तथा स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं, इसके साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रतिदिन आयोजन किया जा रहा है। सरस मेलों के माध्यम से लाखों महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार हुआ है। मेले में बच्चों के खेलकूद व मनोरंजन के लिए भी संसाधन मौजूद हैं। मेले में दिल्ली-नोएडा सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लाखों दर्शक व ग्राहक भाग ले रहे हैं। दर्शकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए तमाम व्यवस्थाएं की गई हैं।

सैक्टर-33 ए स्तिथ नोएडा हाट में केंद्र सरकार का चौथा सरस आजीविका मेला 16 फरवरी से प्रारंभ होकर 04 मार्च को समापन की ओर बढ़ रहा है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) द्वारा समर्थित यह सरस आजीविका मेला अब मात्र दो दिन के लिए है, जिसका विधिवत समापन सोमवार को होगा। सरस आजीविका मेले में ग्रामीण भारत की शिल्प कलाओं का मुख्य रूप से प्रदर्शन किया जा रहा है। सरस मेले वर्ष 1999 से निरंतर आयोजित हो रहे हैं। इन मेलों के माध्यम से लाखों महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार हुआ है। यही नहीं स्थानीय स्तर पर भी मेले में इस बार हैंडलूम तथा हैंडीक्राफ्ट के उत्पाद शामिल किए गए हैं, जो लोगों को आकर्षित कर रहे हैं। बच्चों के खेलकूद व मनोरंजन के लिए भी संसाधन मौजूद हैं। इंडिया फूड कोर्ट सरस आजीविका मेले में आकर्षण का केंद्र बना है।
शुक्रवार को यहां सभी राज्यों के हस्तशिल्प उत्पादों की लोगों ने जमकर खरीदारी की। मेले में इस बार उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, तेलंगाना, त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम, सिक्किम, केरल, असम, नगालैंड, ओडिशा, पंजाब, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, झारखंड, लद्दाख, तमिलनाडु, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, गोवा, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मणिपुर तथा राजस्थान समेत 29 राज्यों की हस्तशिल्प कला प्रदर्शनी का आयोजन हो रहा है, जबकि देश भर के 20 राज्यों की 80 गृहणियों के समूह ने अपने प्रदेश के प्रसिद्ध क्षेत्रीय व्यंजनों के स्टाल लगाए हैं, जिनमें हर प्रदेश के क्षेत्रीय व्यंजनों के स्वाद का अनोखा आनंद प्राप्त हो रहा है।

सरस मेले के 15वें दिन यहां कलाकारों ने लोकनृत्य की शानदार प्रस्तुति से दर्शकों का मन मोहा। इसके साथ ही अन्य सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से भी लोगों का भरपूर मनोरंजन किया। मेले में शुक्रवार को विभिन्न राज्यों के आकर्षक उत्पादों, खासकर हैंडलूम तथा हैंडीक्राफ्ट प्रोडक्ट्स की जमकर खरीददारी की गई। आंध्र प्रदेश की नर्रा सुनीथा के समूह विनायका के फू ड प्रोडक्ट्स की लोगों ने जमकर खरीददारी की। आंध्रा के ही के रेवाथी के हैंडीक्राफ्ट उत्पाद जैसे वुड कार्विंग लोगों की खसी पसंद बने। असम के हैंडीक्राफ्ट उत्पादों की खासी धूम रही। उधर बिहार के सत्तू लोगों की पसंद बने। छत्तीसगढ़ के मसाले लोगों को खूब भा रहे हैं। छत्तीसगढ़ से ही हैंडीक्राफ्ट बैल मेटल ने खासी धूम मचा रखी है। इसके साथ ही विभिन्न राज्यों के महिला समूहों के द्वारा निर्मित उत्पादों की भी लोगों ने जमकर खरीददारी की। हैंडीक्राफ्ट, ज्वैलरी और होम डेकोर के प्रोडक्ट्स के रूप में आंध्र प्रदेश की पर्ल ज्वैलरी, वूडन उत्पाद, आसाम का वाटर हायजिनिथ हैंड बैग और योगामैट, बिहार से लाहकी चूड़ी, मधुबनी पेंटिंग और सिक्की क्राफ्ट्स, छत्तीसगढ़ से बेलमेटल प्रोडक्ट्स, मडमिरर वर्क और डोरी वर्क गुजरात से, हरियाणा, का टेरा कोटा, झारखंड की ट्राइबल ज्वैलरी, कर्नाटक का चन्ननपटना खिलौना मेले में उपलब्ध हैं।

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