पुलिस ने ठक—ठक गैंग के जालिम गैंग के नाम से कुख्यात अंतर्राज्यीय बदमाश का पर्दाफाश

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संदिप कुमार गर्ग


नोएडा। थाना सेक्टर 58 पुलिस द्वारा ठक-ठक गैंग के जालिम गैंग के नाम से मोबाईल फोन चोरी की घटित घटनाओ को कारित करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है, जिसमें सोमवार को जयपुरिया चौराहा के पास सैक्टर-62, नोएडा से पुलिस मुठभेड के उपरान्त 1 घायल अभियुक्त सहित 4 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। जिनके कब्जे से चोरी के 6 मोबाईल फोन, 1 अवैध तमंचा मय जिन्दा व खोखा कारतूस 315 बोर, एक चाकू व चोरी की काले रंग की मोटर साइकिल स्पलेण्डर बरामद की गई है।

बता दे कि सोमवार को चौकिंग के दौरान जयपुरिया चौराहा सैक्टर-62 के पास पुलिस द्वारा संदिग्ध बाइक को चौकिंग के लिये पुलिस द्वारा रोका गया तो अभियुक्तों द्वारा पुलिस पार्टी पर जान से मारने की नीयत से फायर किया गया। जिस पर पुलिस की जवाबी कार्यवाही में एक बदमाश एजाज के पैर में गोली लगने से घायल हो गया एवं एक अन्य अभियुक्त खुर्रम को चाकू सहित व अन्य 2 अभियुक्तों को निशादेही पर एस्पाम चौराहे के पास से गिरफ्तार किया गया पूछताछ पर ज्ञात हुआ कि ये लोग नोएडा व दिल्ली एनसीआर में ज्यादा ट्रैफिक वाली जगह पर गाडी में बैठे लोगो से जब गाडी धीमी हो जाती है या रूक जाती तभी जाम का फायदा उठाकर इनमे से एक व्यक्ति गाडी का शीशा खटखटाता है इस पर गाडी में बैठे व्यक्ति शीशे को नीचे करता है तो उसे पीछे रोड पर एक्सीडेन्ट करने का बहाना बताकर बातो में उलझाकर रखते है तभी इनमे से दुसरा व्यक्ति गाडी से मोबाईल व अन्य कीमती सामान चोरी कर लेता है।

पुलिस पूछताछ में यह भी ज्ञात हुआ कि इनके द्वारा पूर्व में इसी प्रकार की कई घटनाये कारित कर चुके है, इन लोगों ने बताया कि यह लोग दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, बरेली, बुलंदशहर, अलीगढ़ में आसपास के जनपदों से जहां पर भी जाम लगता है वहां से इस तरह की घटनाएं कारित करते हैं, मोबाइल फोनों को अपने साथियों के माध्यम से भेज देते हैं तथा इसी से यह लोग जीविका कमाते हैं। लेकिन यह सभी काम यह लोग दिखाने के लिए करते हैं तथा शाम के समय यह सभी लोग अपने-अपने टास्क पर निकल लेते हैं । हम सभी लोग गाड़ी को किराए पर लेकर रोज इस तरह की घटना करने के लिये निकलते हैं। जो दिल्ली गुड़गांव, गाजियाबाद, नोएडा, अलीगढ़, बुलंदशहर, बरेली, अमरोहा, लखनऊ, कानपुर में काम पर जाते हैं। उन जगहों को टारगेट करते हैं जहां पर जाम लगता है इन सभी को प्रत्येक जगह इन्हे मालूम है जहां पर ट्रैफिक स्लो चलता है यह लोग गूगल से भी देख लेते हैं कि कहां पर ट्रैफिक स्लो रहता है।

यह लोग अपनी गाड़ी को थोड़ा दूर खड़ी कर देते हैं तथा पैदल उतरकर इनके दो साथी एक गाड़ी पर लग जाते हैं ड्राइवर साइड के उल्टी साइड पर एक साथी शीशे को जोर-जोर से ठक-ठकाता है तथा दूसरा साथी ड्राइवर साइड जाता है वह भी शीशे को जोर-जोर से ठक-ठकाता है, ड्राइवर से कहता है खोलो खोलो तुम पीछे मेरे पैर पर गाड़ी चढ़ा कर आए हो या एक्सीडेंट करके आए हो, इस तरह के बहाने बनाते हैं तथा जैसे ही गाड़ी का ड्राइवर शीशा खोलकर इनसे बात करने लगता है उल्टी दिशा में दूसरा आदमी उसकी सीट पर रख फोन या अन्य कीमती सामान चोरी कर लेता है, चोरी करके डिवाइडर को पार करके यह लोग भाग जाते हैं तथा सामान को अपनी गाड़ी में रखकर आ जाते हैं। पुनः नए शिकार की तलाश में लग जाते हैं । गाड़ी का ड्राइवर जाम होने के कारण अपनी गाड़ी को नहीं छोड़ पता तथा इनका पीछा भी नहीं कर पाता। यह लोग इन कीमती सामान जिसमें इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, मोबाइल, लैपटॉप होते हैं अपने अन्य साथियों की मदद से कही अन्य जगह भेज देते हैं।

इन लोगों का सरगना उम्र दराज है यह अपने गैंग में मेरठ के कम पढ़े लिखे नए-नए लड़कों को शामिल करता हैं फिर उनके साथ मिलकर मोबाइल व लैपटॉप चोरी करवाता हैं। काम करने वाले लड़के को एक मोबाइल के 2 से 3 हजार रुपए दे देता है। यह लोग जब घटना करने के लिए आते हैं तो अपने मोबाइल जो गाड़ी दूर खड़ी करते हैं उसमें रखकर आते हैं घटनास्थल पर मोबाइल लेकर नहीं आते तथा यह भी इंपोर्टेंट है कि यह लोग नशे में घटनाएं करते हैं कि लोग पकड़ भी लें तो नशेड़ी समझकर उसको छोड़ दें। यह लोग आपस में जब बात करते हैं तो एक दूसरे को जालिम गैंग का सदस्य बताते हैं यह लोग अपने मोबाइल पर कोड वर्ड में बात करते हैं तथा मोबाइल को बताते हैं की सवारी भेज रहा हूं यदि कोई सदस्य पकड़ा जाता है तो दूसरे को बताते हैं कि उसकी तो नहरी हो गई यदि किसी का मोबाइल वापस करना पड़े तो उसको नहर बोलते हैं की नहर को वापस कर दो। तथा एक दूसरे को आधा भी कर देते हैं ग्रुप पर बताते हैं कि बम मलाई जा सावधान उसकी नहरी हो गई है आप लोग सावधान हो जाएं ऐसी वॉइस कॉलिंग भी उनके मोबाइल से मिली है यह लोग वॉइस कॉलिंग पर बातें करते हैं कोड वर्ड में यदि स्वय कोई पकड़ा जाता है तो कहते हैं कि उसकी निक्की हो गई जिससे घरवालों तक सूचना पहुंच जाए। यदि उनके गैंग का एक सदस्य पकड़ा जाए तो उसके माध्यम से बाकी सदस्यों को तत्काल सूचना हो जाती है और यह लोग अपने घर छोड़कर कहीं अन्य जगह किराए पर रहने लगते हैं जैसे खुर्रम गुलावठी में किराए पर रह रहा था।

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