सुरेन्द्र दुआ संवाददाता
नूंह। अखिल भारतीय जनसेवक समाज(पंजी0) ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल को पत्र भेजकर उनसे “लंपी” बीमारी से जिन किसानों के गौवंश की मौत हुई हैं उनको क्षतिपूर्ति मदद के लिए गुहार की हैं। उन्होंने कहा कि सूबे के सर्वाधिक पिछड़े जिले नूंह(मेवात) में उद्योग धंधे व कमाई का कोई अन्य जरिया न होने से जिला का किसान खेती व पशुपालन के जरिये अपनी आजीविका चला रहा हैं और सरकार के गौवंश पालन व गौशालाओं की तरफ विशेष ध्यान देने की नीति से जिला वासियों ने भी सरकार की नीति पर अपनी सहमति की मुहर लगाई हैं।
शनिवार को पत्र की छायाप्रति पत्रकारों को सौंपते हुए जिला अध्यक्ष हाजी काले खान ने कहा कि लंपी बीमारी से जिला के बड़ी तादाद में गौपालकों व गौशालाओं के गौवंश पर इसकी मार पड़ी हैं और सूबे की खटटर सरकार की गौवंश पालकों व गौशालाओं के प्रति बनी नीति का जिलावासियों ने अपनी सहमति की मुहर लगाते हुए गौवंश पालने की दिशा में रूझान बढाया हैं। लेकिन लंपी नामक बीमारी से जिला के गौवंश पालकों के बड़ी तादाद में गौवंश की हुई मौत से भारी क्षति हुई हैं और सरकार को प्रभावित गौपालकों व गौशालाओं को क्षतिपूर्ति मुहैया कराना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जिला से सटे राजस्थान में लंपी बीमारी से जिन किसानों के गौवंश की मौत हुई उनको वहां की सरकार ने 175 करोड़ रू0 का मुआवजा राशि देने का ऐलान किया है और सूबे मुखिया मनोहरलाल को भी इस पर जल्द अपनी सहमति की मुहर लगानी चाहिए। इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष नम्बरदार सुरेन्द्र सिंह, महासचिव वेदप्रकाश, राजीव गर्ग, पृथ्वी प्रधान, असरफ उर्फ पप्पू खान, मुकेश जांगिड, पंडित राजेन्द्र शर्मा आदि भी मौजूद रहे।