संध्या समय न्यूज संवाददाता
गोरखपुर। पीएम गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष समारोह के समापन आयोजन में शामिल हुए और उन्होंने कहा कि गीता प्रेस विश्व का एकलौता प्रिंटिंग प्रेस है। जो एक संस्था नहीं है, जीवन आस्था है। गीताप्रेस किसी भी मंदिर से कम नहीं है। इसके नाम में भी गीता है, इसके काम में भी गीता है। गीता में कृष्ण हैं। गीता प्रेस की धार्मिक पुस्तके लोगों का मार्गदर्शन कर रहा है। हमारी सरकार ने गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार दिया है। यह सम्मान गीता प्रेस के 100 वर्षों के विरासत का सम्मान है।
पीएम मोदी ने कहा,”सावन का पवित्र माह, इंद्र देव का आशीर्वाद, संतों की कर्मस्थली.. ये गोरखपुर की गीता प्रेस। जब संतों का आशीर्वाद फलीभूत होता है। तब ऐसे संस्थान बनते हैं। मुझे भी चित्रमय और नेपाली भाषा के शिव पुराण का सौभाग्य मिला है। आज से ही गोरखपुर के रेलवे स्टेशन जाऊंगा। सोशल मीडिया पर मेरी पोस्ट की हुई तस्वीरों को लोग देखकर हैरान हैं कि ऐसा डेवलपमेंट भी हो सकता है। आज वंदे भारत को भी शुरू करने जा रहा हूं।
यहां सब वासुदेवमय है
उन्होंने कहा,”गीता प्रेस विश्व का इकलौता ऐसा संस्थान है, जो एक जीवन आस्था है। करोड़ों लोगों के लिए ये संस्थान किसी मंदिर से कम नहीं। इसके काम और नाम में गीता है। जहां गीता है, वहां कृष्ण है। वहां करुणा है, ज्ञान भी है। वहां विज्ञान का शोध भी है। यहां सब वासुदेवमय है।”
उन्होंने कहा,”मुझे बताया गया कि गांधी जी ने सुझाव दिया था कि कल्याण पत्रिका के लिए विज्ञापन न लिया जाए। आज भी कल्याण पत्रिका गांधी जी के सुझाव का पालन कर रही है। गीता प्रेस से करोड़ों किताब प्रकाशित हो चुकी हैं। ये किताब लागत से कम मूल्य पर बिकती हैं। घर-घर पहुंचाई जाती है। आप कल्पना करिए कितने ही लोगों को इन किताबों ने कितने समर्पित नागरिकों का निर्माण किया। मैं ऐसे लोगों को प्रणाम करता हूं।”
गीता प्रेस भारत काे जोड़ती है
पीएम ने कहा,”गीता प्रेस भारत को जोड़ती है। देशभर में इसकी 20 शाखाएं हैं। देशभर के हर रेलवे स्टेशन पर गीता प्रेस का स्टॉल देखने को मिलता है। 1600 प्रकाशन होते हैं। गीता प्रेस 1 भारत श्रेष्ठ भारत को, प्रतिनिधित्व देती है। गीता प्रेस ने 100 वर्ष का सफर ऐसे समय में पूरा किया है। जब देश आजादी के 75 वर्ष पूरे होने का उत्सव मना रहा है।”
675 साल पुराने राम-कृष्ण के चित्र देखे
पीएम मोदी ने लीला चित्र मंदिर देखा है। यहां टेसू के फूलों से बने 675 साल पुराने राम-कृष्ण के चित्र उन्होंने देखा। पहली प्रिंटिंग मशीन भी देखी। साथ में, सीएम योगी भी मौजूद हैं। अब पीएम मोदी ने मंच से शिव पुराण के नए संस्करण का विमोचन पीएम मोदी ने किया।
गीता प्रेस के 100 साल के इतिहास में ये पहला मौका है, जब कोई PM पहुंचा है। गीता प्रेस को हाल ही में गांधी शांति पुरस्कार मिला है। इसको लेकर विपक्ष ने काफी विवाद किया था। कांग्रेस नेता जयराम नरेश ने कहा था,”गीता प्रेस को यह पुरस्कार देने का फैसला एक मजाक है। यह सावरकर और गोडसे को पुरस्कार देने जैसा है।”