भवेश कुमार
रामगढ़। बिहार जागरण की खबर का एक बार फिर से दमदार असर देखने को मिला है। स्थानीय प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों के बीचों – बीच अवैध चिकन – मटन की दुकानों से होने वाली परेशानियों से जुड़ी खबर को बिहार जागरण ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था।खबर प्रकाशित होने के बाद संज्ञान में आने पर स्थानीय अंचल प्रशासन विभाग हरकत में आया और सोमवार को आरओ अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में एक विशेष दल का गठन कर इस तरह की संचालित दुकानों की जांच की गई।इस क्रम में टीम ने सिसौड़ा गांव के बीचों बीच संचालित दुकान की भी जांच की। साथ ही दुकानदार से बात कर लाइसेंस होने की पुष्टि की। इस दौरान दुकानदार ने बताया कि उसके पास कोई लाइसेंस नहीं है।आस – पास के ग्रामीणों को उसके कार्य से कोई ऐतराज नहीं है।नाराजगी सिर्फ खबर छापने वाले पत्रकार को है जिसका घर दुकान के सामने है।इतना ही नहीं इस अवसर पर मौजूद पत्रकार से भी दुकानदार के साथ उसके परिवार के लोगों ने भी उलझने की कोशिश की।साथ ही गांव छुड़ाने से लेकर जान से मारने तक की धमकी दी।
इधर दुकानदार की बात को सुनने के बाद आरओ ने अवैध दुकान को बंद करने की कड़ी चेतावनी दी।साथ ही नहीं की स्थिति में ठोस कानूनी कार्रवाई की बात कही।अब देखना है कि अवैध चिकन दुकान संचालक दुकान को बंद करता है या पत्रकार को मौत के घाट उतारता है। दुर्भाग्यवश इस अवसर पर स्थानीय थाना पुलिस मौके पर मौजूद नहीं थी जिसके वजह से दुकानदार और उसके परिवार जनों का हौसला बुलंद रहा।वहीं पत्रकार इस मामले में अपनी संलिप्तता जगजाहिर होने पर और इस तरह की दुकानदार व उसके परिजनों के रोषपूर्ण व्यवहार से आशंकित है।
उसे आशंका है कि यदि भविष्य में उसके या उसके परिजनों के साथ कोई भी अप्रिय घटना घटती है, तो उसकी पूर्ण जिम्मेदारी उक्त चिकन-मटन दुकानदार एवं उनके परिजनों की होगी।विदित हो कि पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और उसकी गरिमा एवं सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन की संवैधानिक जिम्मेदारी है।इस दौरान सिसौड़ा पंचायत के हल्का कर्मचारी रामवृक्ष कुमार व महुअर पंचायत के हल्का कर्मचारी सोनू कुमार समेत तमाम ग्रामीण मौजूद रहे।